UPDATE – 49
मेरा मन उखड़ा उखड़ा था तो मैं भी लेट कर सो गया.
सपने में मैंने देखा की मैं पूरा नंगा बिस्तर पर लेटा हूँ
और दीदी भी नंगी होकर मेरे खड़े लंड पर बैठ जाती है
और उछल उछल कर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगती है.
ये सपना और पूरी दिन दीदी की चुदाई देखने की
वजह से मैं नींद में ही झड गया, अचानक गीला गीला
लगने से मेरी नीद टूट गयी तो मैंने देखा शाम
के ७ बज गए थे. रिशू अभी भी सो रहा था.
मैंने उसे जगाया और उससे कहा, सुन भाई,
अब तूने तो दीदी को चोद ही लिया है तो
अब मेरे लिए भी कुछ जुगाड़ कर दे.
रिशू बोला अबे मैंने रश्मि को रंडी क्या बोला
तूने तो सीरियसली ले लिया. जैसे मैं बोलूँगा
और वो टांग उठा कर तुझे चूत दे देगी.
अबे वो तेरी बहन है समझा मेरे कहने भर
से तुझे नहीं दे देगी. रिशू मेरा मजाक उडाता बोला.
मैंने मन में सोचा साले जब मैं तेरी माँ और बहन
दोनों को चोदुंगा तब देखूँगा तेरी हीरोगिरी.
रिशू उठ कर नीचे चला गया और
मैं भी पीछे पीछे नीचे आ गया.
दीदी टीवी देख रही थी.
रिशू तुम्हारे घर मैंने फ़ोन कर दिया था.
बहुत देर सो लिए तुम लोग. दीदी हमे देख कर बोली.
रिशू बोला हाँ रश्मि बड़ी थकान हो गयी थी.
मुझे बड़ा अजीब लगा की वो दीदी को नाम से बुला रहा है
और दीदी एक दम नार्मल बर्ताव कर रही है.
खैर धीरे धीरे समय काटने लगा और
हम लोग बिना ज्यादा बात किये टीवी देखते रहे.
रात को १० बजे हमने खाना खाया.
फिर दीदी बोली तुम लोग तो दोपहर को
सो चुके हो तो तुम लोग तो जागोगे. मैं चली सोने.
फिर दीदी ने बेडरूम में जाकर डोर अन्दर से बंद कर लिया.
मुझे थोड़ी ख़ुशी हुई की दीदी ने दरवाजा बंद कर लिया है.
मुझे नहीं लगता की अब वो रिशू के लिए डोर खोलेगी.
१०-१५ मिनट बाद रिशू बोला, जा बे सो जा जाकर.
पर क्यों? मुझे नींद नहीं आ रही है. मैंने बोला.
अबे जाता है या मारू तेरी गांड. रिशू ने गुस्सा दिखाते हुए कहा.
मैं चुपचाप उठ कर ऊपर आ गया
और नीचे देखने लगा. १० मिनट तक रिशू टीवी
देखता रहा फिर उसने बेडरूम का डोर नाक किया.
दीदी जाग रही थी. उन्होंने अन्दर से पुछा कौन है.
मैं हूँ रिशू ने जवाब दिया.
मोनू कहा है दीदी ने अन्दर से पुछा.
वो सो गया है. रिशू ने कहा.
दीदी ने फ़ौरन दरवाजा खोल दिया और
रिशू ने खीच के दीदी को बाँहों में ले लिया
. रिशू दीदी के नरम होठो का रस पीने लगा
फिर दीदी ने कहा अन्दर चलो ना.
रिशू ने दीदी को गोद में उठा लिया और
दोनों कमरे में चले गए फिर उन्होंने दरवाजा अन्दर से बंद हो गया.
मैं वापस बिस्तर पर आ कर लेट गया और
सोचने लगा की मैंने बड़ी गलती की.
दीदी तो पूरी चुदासी है अगर मैंने कोशिश की होती
तो इस समय रिशू के बदले मैं ही उनकी
जवानी का रस पी रहा होता.
पर जो भी किया अब मुझे रिशू से बहुत ज़लन हो रही थी
की उसने मेरी कुवारी बड़ी बहन को चोद डाला था.
मुझे लगा की अगर दीदी को किसी से चुदना ही था
तो मुझसे क्यों नहीं. अगर मैंने हिम्मत की होती तो
जैसे वो आज रिशू का साथ दे रही है
वैसे ही मेरा भी तो दे सकती थी.
यही सब सोचते हुए मैं कब सो गया मुझे पता ही नहीं चला.
अचानक मेरी नींद खुली और
मैंने घडी की तरफ देखा रात के ३ बजे थे.
मेरे बगल का बेड खाली पड़ा था मतलब रिशू को
दीदी के साथ कमरे में घुसे ५ घंटे से ज्यादा हो गए थे
पर वो बाहर नहीं आया था.
मुझे लगा की वो नीचे हो सो गया था.
मैं घीरे से नीचे गया.
कमरे का दरवाजा अन्दर से बंद था और
खिड़की पर पर्दा पड़ा हुआ था.
मैं अन्दर देखने का रास्ता ढूनने लगा पर
तभी मुझे दीदी की आवाज़ सुनाई दी.
रश्मि: आह दर्द होता है…छोड़ो भी अब…
तुम्हारा मन नहीं भरता क्या….आह इस स स
