राहुल के हाथ अभी भी अपने लौड़े को मसल रहे थे | उसका जिस्म उत्तेजना से कांप रहा था | चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया था | सलोनी सर हिलाकर अपने बालों को झटकती है और उन्हे अपनी पीठ पर अपनी उंगलियों से संवारती है | उसकी बाहें ऊपर उठाने से उसके भारी तने हुए मुम्मे और भी उपर उठकर तन जाते हैं | राहुल कभी अपनी मम्मी के मुम्मो को तो कभी उसकी टांगों के बीच गुलाबी चूत को देख रहा था | उसका लंड बुरी तरह से झटके मार रहा था | सलोनी बाल संवारकर अपनी कमर पर हाथ रखकर कुछ पल राहुल की आँखो में देखती है | उसके चेहरे से उसे अंदाज़ा हो जाता है कि उसकी हरकतों ने उसे किस हद तक उत्तेजित कर दिया था | उसे यह देखकर खुद पर गौरव होता है कि वो अपना जलवा दिखाकर किसी ज्वान लड़के की ऐसी गत बना सकती थी |
“तो तुमसे सब्र नही होता…..हुं…….क्या…..कहते हो?” राहुल कोई ज्वाब नही देता | उसका हाथ अब भी उसके लौड़े को धीरे धीरे मसल रहा था और इसकी खबर शायद खुद उसे भी नही थी |
“कल रात तूने दो बार मारी ना मेरी………….दो बार चोदा तुमने मुझे………….रात कितने बजे तक मेरे उपर चड़े रहे थे…..और अब इसे फिर से खड़ा करके ले आए……………कि चलो मम्मी की चूत में घुसा दूँगा………………कोई नाश्ता नही कुछ नही बस सुबह सुबह लौड़ा खड़ा किया और चढ़ गए अपनी मम्मी के उपर………हुं….” राहुल अब भी कुछ नही बोलता |
“अरे मैं तुमसे बात कर रही हूँ, किसी और से नही…………..उउउफफफ्फ़……….हे भगवान कैसा लड़का है…….बस अपने लंड को खड़ा करना जानता है …………….चलो पहले खाना खाना है…..बाकी सब उसके बाद……….” राहुल अभी भी चुप था |
“ओह तो जनाब को नाश्ते में भी मम्मी की चूत चाहिए……………बिना मेरी लिए मनोगे नही………..” सलोनी अपनी कमर पर हाथ रखे उसे बोल रही थी | “उउउफफफ्फ़ कैसा कम्बख़त लड़का है…….जाने मुझसे क्या क्या करवाएगा….” कहते हुए सलोनी बेटे के पास जाती है | उसकी कुर्सी के पास पहुँचकर वो अपना एक हाथ राहुल के कंधे पर रख देती है | राहुल की नज़र के बिल्कुल सामने अपनी माँ की चूत थी और वो उसकी महक कुछ दूर से भी आराम से भी सूंघ सकता था | सलोनी एक टांग राहुल की कमर के पास रखती है और फिर उसके कंधे का सहारा लेकर अपनी दूसरी टांग कुर्सी के उपर से घूमाकर कुर्सी की दूसरी तरफ टेबल और कुर्सी के बीच रख देती है | अब वो कुर्सी पर बैठे राहुल के दोनो तरफ टाँगे करके खड़ी थी, राहुल की नज़र अब भी अपनी मम्मी की चूत पर ज़मी हुई थी जो उसके लौड़े के एन बिल्कुल उपर थी | चूत को अपने इतने नज़दीक पाकर लौड़ा कुछ और फुल गया लगता था |
“चल तू भी क्या याद करेगा…………….आज तुझे ऐसा ब्रेकफास्ट मिलेगा जो मैने आज तक तेरे पिता को भी नही दिया” सलोनी राहुल के दोनो कंधे थाम नीचे को होने लगती है | धीरे धीरे नीचे आती उसकी चूत लगभग राहुल के लंड के पास पहुँच चुकी थी | राहुल अपने लौड़े से अपना हाथ हटा लेता है | उसका दिल दुगनी रफ़्तार से दौड़ रहा था | सलोनी और थोड़ा सा नीचे होती है |
“आआहह………….मम्ममी……..” राहुल सिसक पड़ता है |
“उउउन्नगगह….बेटा……..उउउफफफफफफ्फ़………” सलोनी अपना होंठ काटते सिसकती है | चूत पर लंड का स्पर्श होते ही माँ-बेटा कांप उठे थे | सलोनी थोडा नीचे को होती है | अब उससे खुद सब्र नही हो रहा था | राहुल को गरम करने के चक्कर में वो खुद बहुत ज़यादा गरम हो चुकी थी | सलोनी नीचे को लंड पर अपनी भीगी चूत का दवाब डालती है | लंड थोड़ा सा पीछे को था और चूत थोड़ी आगे को थी इसलिए लंड चूत पर रगड़ खा रहा था मगर अंदर नही जा रहा था | सलोनी अपना एक हाथ नीचे लाती है और लंड को हाथ से पकड़ लेती है | राहुल की नज़र अपने लौड़े पर थी जिस पर वो अपनी माँ का हाथ कसा हुआ देख रहा था | सलोनी अपने निचले होंठ को दांतों से दबाए फिर से नीचे होती है | राहुल लंड का सुपाड़ा अपनी मम्मी की चूत के होंठो के बीच घुसता हुआ देख रहा था | इस बार जब लंड फिसलने लगा तो सलोनी ने अपने हाथ की पकड़ से उसे वहीं रोके रखा और नीचे को होते हुए उस पर दवाब डालती गई |
“आआहह………आआअहह……………” लंड का सुपाड़ा चूत में घुसते ही सलोनी एक लंबी सिसकी भरती है |
“मम्मी…….म्म्मम्म्मी……………..” राहुल भी भीगी गरम चूत में अपने लंड को महसूस कर कराह उठता है |
सलोनी लगातार होंठ भिंचे धीरे धीरे नीचे होती जा रही थी और लंड उसकी चूत में घुसता चला जा रहा था | राहुल अधमुंदी आँखो से अपने लौड़े को अपनी मम्मी की चूत में घुसते देख रहा था | आख़िरकार पूरा लंड सलोनी की चूत में घुस जाता है | सलोनी अब अपने बेटे की गोद में बैठ चुकी थी और उसका वजन उसकी जाँघो पर था | वो बेटे के कंधे थामे कुछ देर आँखे बंद किए लौड़े को अपनी चूत में उस जबरदस्त आनंद को महसूस करती है और फिर अपनी आँखे खोल देती है | राहुल दुनिया भर की उत्तेजना अपने चेहरे पर लिए उसे ही देख रहा था | सलोनी अपना चेहरा बेटे के चेहरे पर झुकाती है और दोनो के होंठ आपस में मिल जाते हैं | सलोनी बेटे के मुँह में जीभ घुसा उसे खूब ज़ोर से चूमती चाटती है | एक लंबे चुंबन के बाद जब दोनो के होंठ जुदा होते हैं तो दोनो की साँसे फूली हुई होती हैं |
“बस अब खुश है ना……..यही चाहता था ना तू……. जल्द से जल्द तेरा लौड़ा तेरी मम्मी की चूत में घुस जाए…………………उउउफफफफफफ्फ़……एक तो इतना लंबा मोटा है ……….. हाअयययययई मेरी चूत तो तू किसी काम की नही छोड़ेगा……………” सलोनी उखड़ी सांसो के बीच बोलती है | राहुल कुछ ज्वाब नही देता | ज्वाब देने की बजाए वो अपना चेहरा नीचे झुकाता है और सलोनी के एक निप्पल को मुँह में भर लेता है |
“उउउन्न्नन……आआहह…………धीरे धीरे चूस……………………आराम से…..उफफफफफ्फ़” सलोनी सिसक पड़ती है | कुछ देर राहुल एक निप्पल को चूस्ता रहता है और फिर जब होंठ हटाकर दूसरे मुम्मे की और मुँह ले जाता है तो सलोनी उसका चेहरा अपने हाथों में थाम उसे रोक लेती है | वो टेबल पर पड़ी प्लेट पास खींचती है और उसमें से एक सॅंडविच निकालकर राहुल के होंठो के करीब करती है मगर राहुल का उस समय सॅंडविच खाने का कोई मूड नही था वो इनकार में सर हिलाता है |
“मुझे माँलूम है तुझे अब मम्मी चोदनी है लेकिन जब तक खाएगा नही मैं तुझे नही दूँगी … अगर मेरी लेनी है तो खाना खाना पड़ेगा.” राहुल की खीझ उसके चेहरे से सॉफ जाहिर हो रही थी कि उसे अपनी मम्मी की यह शर्त बिल्कुल भी पसंद नही थी | मगर वो जानता था उसे उसकी बात माननी ही पड़ेगी, इसके सिवा उसके पास कोई चारा नही था | वो अपना मुँह आगे करता है तो सलोनी उसके खुले मुँह में सॅंडविच डालती है |
“यह हुई ना बात… अगर मेरा कहना मानेगा तो सब कुछ मिलेगा, आगे से भी दूँगी और पीछे से भी… कहना नही मानेगा तो फिर कुछ नही मिलेगा….समझ गया ना” सलोनी अपनी कमर को गोलाई में हल्के हल्के हिलाते बोलती है | पीछे से देने वाली बात सुनकर राहुल का लंड और भी भड़क उठा था | वो अपनी मम्मी की गांड का तभी दीवाना हो गया था जब उसने बाथरूम में कपड़े देने के समय उसकी गांड के पहली बार दर्शन किए थे | राहुल जल्दी जल्दी खाने लगता है | वो फटाफट खाना खत्म कर अपनी मम्मी की चूत का आनंद लेना चाहता था | उसकी जल्दबाज़ी देख सलोनी के होंठो पर मुस्कराहट फैल गयी थी |
“अरे धीरे धीरे……क्या कर रहा है……उउउफफफ्फ़……..यह लड़का भी ना……तेरा लंड मेरी चूत में तो घुसा हुआ है…………अभी दो मिनिट का सब्र भी नही कर सकता” सलोनी उसे छेड़ती है | मगर राहुल जितना फास्ट हो सकता था ख़ाता रहा और सलोनी उसके लंड को चूत में लिए अपनी कमर घूमाती रही. जैसे ही आख़िरी बाईट ख़तम होती है राहुल अपनी मम्मी के एक मुम्मे को मुँह में भर लेता है और दूसरे को मसलने लगता है | अब तक सलोनी के लिए भी बर्दाशत करना मुश्किल हो चूका था | वो बेटे के कंधे थामे उपर को उठती है, लंड चूत से बाहर निकलने लगता है, अंत में केवल सुपाड़ा अंदर रह जाता है | सलोनी होंठ भींचती है और धम्म से लंड पर अपना वजन डाल देती है |
“आ…ईईईईईईईई……………….आ…आई..ईईईईईए……..” उसके मुख से चीख निकल जाती है | उसे तेज़ दर्द हुआ था | उधर राहुल को नरम मुलायम तंग चूत में अपने लंड की रगड़ से इतना मज़ा आया था कि वो पुरे मुम्मे को मुँह में भरने की कोशिश करता है | सलोनी फिर से उपर उठती है और फिर धम्म से लंड पर बैठ जाती है |
“उउउन्न्नह………….हे भगवान………………..आआआआहह मेरी चूत…………..उउउफफफफफफ्फ़” सलोनी को मोटे लंड की पीड़ा और मज़े का मिला जुला अनोखा आनंद महसूस हो रहा था | वो रुकती नही और लगातार लंड पर उठक बैठक करने लगती है | उसकी चीखो पुकार के साथ साथ उसकी रफ़्तार भी बढ़ती जाती है | जोश में राहुल अपनी माँ के मुम्मो को पुरे ज़ोर से निचोड़ने लगता है | सलोनी अपना मुँह नीचे करके उसके मुँह से अपना मुँह चिपका देती है और चुदाई और मुम्मो के मसलने के साथ साथ दोनो चूमने चाटने भी लगते हैं | सलोनी लगातार बिना रुके बेटे को चोदती जा रही थी |
जब दोनो के होंठ अलग होते हैं तो सलोनी अपनी कमर को जितना ज़ोर से हो सकता था अपने बेटे के लौड़े पर पटकती है | हर धक्के पर लौड़ा उसकी नाज़ुक चूत को रगड़ता, उसे किसी भाले की तरह छेदता हुआ सलोनी की बच्चेरदानी से टकरा रहा था | सलोनी बेटे के हाथ अपने मुम्मो से हटा अपनी कमर पर रख देती है | राहुल इशारा समझ जाता है और अपनी माँ की कमर को उठा उठा अपने लंड पर पटकाने लगता है | सलोनी के लंड पर अपना वजन डाल कर धम्म से बैठने के साथ साथ जब राहुल भी ज़ोर लगाता है तो हर धक्के के साथ धप……धप की उँची आवाज़ आने लगती है | लंड के प्रहार इतने ज़ोरदार थे कि सलोनी होशो हवास खोकर चीखने चिल्लाने लग जाती है |
“आईयईईई……………आाआईईईईईईईई……..उउन्न्ननन्ग्घह……………….बेटा … आआअ……….उउउफफफफ्फ़….मेरी चूत…………हाए मेरी चूत……………….आ…आईयईईईईए…………..आआआअहह………….हायययययई…………….मेरे लाल…………लगा दे ज़ोर………………. और ज़ोर…….और ज़ोर से मार मेरी……………..हाययययईई…………..मार मार ऐसे ही …………….. आआईयईईईईए …………… हाययइईईईईईईई” एक लंबी सिसकी के साथ सलोनी अपने बेटे के उपर ढह जाती है और झड़ने लगती है | राहुल उसे अपनी बाहों में कस लेता है वरना वो पीछे को गिर जाती | राहुल पूरी ताक़त का इस्तेमाल कर अपनी मम्मी को गोद में थामे उठता है और सलोनी को डाइनिंग टेबल पर लिटा देता है जिसका बदन अभी झटके खा रहा था | राहुल अपनी मम्मी की टाँगे पकड़ उन्हे उसके मुम्मो पर दबाता है और फिर पुरे जोश से उसकी चूत में लंड पेलने लगता है |
“बेटा…….बेटा….बेटा……..ऊऊहह मेरे लालल्ल्ल्ल्ल……..” सलोनी के मुख से लगातार वही शब्द निकल रहे थे | राहुल होंठ भींचे खींच खींच कर अपना लौड़ा अपनी मम्मी की चूत में पेलता है | कुछ ही पलों बाद उसका लौड़ा भी अपनी माँ की चूत को अपने रस से भरने लगता है | राहुल एक लंबी हिचकी लेकर अपनी मम्मी के उपर ढह जाता है | सलोनी अब तक अपने सखलन से उबर चुकी थी | वो प्यार से बेटे की पीठ सहलाती है जब वो एक के बाद एक वीर्य की पिचकारियाँ मारता उसकी चूत को भर रहा था |
“मुम्ममी……..मम्मय्यययी………..मम्मय्ययमी” अब उस मंतर का जाप राहुल कर रहा था |
“मेरा बच्चा …मेरा लाल………मेरा बेटा…….”सलोनी बेटे को ममता से सहला रही थी | उसके चेहरे को हाथों में थामे चूम रही थी | आख़िरकार राहुल का सखलन भी बंद हो जाता है | सलोनी कुछ पलों तक उसे चूमती रहती है | फिर उसे धीरे से अपने उपर से उठाती है | राहुल सलोनी के उपर से उठकर थोड़ा पीछे खड़ा हो जाता है | उसका लंड अपनी मम्मी की चूत से निकलता है तो पूरा चूत रस से और उसके खुद के वीर्य से भीगा हुआ होता है | सलोनी टेबल से उठती है और फर्श पर खड़ी हो जाती है | उसकी नज़र सामने राहुल के नरम पढ़ते जा रहे लंड पर जाती है तो वो तुरंत अपने घुटने फर्श पर टिका नीचे बैठ जाती है और उसके लंड को अपने हाथ में पकड़ उसे उपर उठाती है और अगले ही पल उसे अपने मुँह में भर लेती है |
“मम्ममी………..मम्मय्ययी……………” राहुल फिर से सिसक पड़ता है | लंड के थोड़ा सिकुड जाने के कारण सलोनी के लिए उसे मुँह में भरना आसान हो गया था | वो उसे चूस्ते हुए चाटती जा रही थी | उसकी जिव्हा उसकी जड़ से सिरे तक फैले रस को अपने ऊपर समेट सलोनी के गले तक पहुँचा रही थी | लंड को सॉफ करने के पशचात सलोनी राहुल के अंडकोषों को मुँह में भर लेती है और फिर उसकी जाँघो का नंबर आता है | कुछ ही पलों में वो पूरा चूत रस और वीर्य चाट कर साफ कर देती है | एक बार जब लंड पूरा साफ हो जाता है तो सलोनी लंड को घूरती है और फिर दोबारा सुपाड़े को मुँह में भर लेती है | उसकी जिव्हा कभी सुपाड़े के छेद के साथ खेलती है, सुपाड़े को सहलाती है, रगडती है | सलोनी का कमाल था कि कुछ ही पलों में लंड सख्त होने लगता है | सुपाड़ा फूल कर उसका मुँह भरने लगता है | आख़िर जब लंड लगभग चुदाई के लिए तैयार हो चूका होता है तो सलोनी उसे अपने मुँह से निकाल देती है और सीधी खड़ी हो जाती है | राहुल उसके मुम्मो को पकड़ने के लिए हाथ आगे बढ़ाता है तो वो उसका हाथ झटक देती है |
“बस अब चाय का ग्लास भरो और उपर जाकर अपनी पढ़ाई शुरू करो …. कम से कम पाँच घंटे पढ़ना है तुम्हे” सलोनी फर्श पर पड़ी अपनी नाइटी उठाती है और पहनने लगती है |
“मम्म्ममी” राहुल अपने खड़े लंड की और देखता है |
“मम्मी… मम्मी… कुछ नही…. ऊपर जाओ और पढ़ाई करो” सलोनी राहुल को उसके कपड़े पकडाती बोलती है |
“मम्मी….मम्मी…” राहुल बच्चे के स्वर में मिन्नत के अंदाज़ में बोलता है |
“मैने कहा ना जाकर पढ़ाई करो…..कम से कम पुरे पाँच घंटे……..जितना तुम माँग सकते थे उससे कहीं अधिक मिला है तुम्हे… इसलिए अब नखरे छोड़ो और ऊपर जाकर पढ़ाई करो…..और हाँ कल की तरह इंटरनेट पर सेक्स का ज्ञान ना हासिल करने लग जाना …. मैं बीच बीच में देखने आती रहूंगी… तुम क्या पढ़ रहे हो………..तुम्हे कहा था ना अगर मेरा कहना मानोगे तो सब कुछ मिलेगा………….आगे से भी दूँगी………और पीछे से भी दूँगी………….लेकिन अगर कहना मानोगे तो……………” सलोनी बेटे को चाय का कप भरकर देते बोलती है | राहुल के पास अब कोई चारा नही था अगर उसे अपनी माँ चोदनी थी तो उसका हुक्म मानना ही था | वो आगे होकर चाय का कप पकड़ लेता है और दूसरे हाथ में अपने कपड़े थामे रसोई के दरवाजे की और कदम बढ़ाता है |
“हाए कितनी सुंदर गांड है…… सेक्सी…….सेक्सी…………..” सलोनी राहुल के पीछे सीटी मारकर बोलती है | राहुल तेज़ कदमो से बाहर निकल जाता है | सलोनी की हँसी छूट जाती है |
