अरुण: ओके नहीं चलना तो कोई बात नहीं दवाई तो ले लो
सरला: नहीं ज़रूरत नहीं ठीक हू अभी।
अरुन :नहीं मैं पेनकिलर ले आया ले लो ।
सरला: अरुन रहने दे बोला न अपने आप ठीक हो जाएगा।अब वो उसे कैसे सम्झाए।
तभी अरुन को कुछ याद आया बोला-
माँ कहाँ दर्द हो रहा है।
सरला:बोला न बॉडी में
अरून :मगर ज्यादा कहाँ हो रहा है।
सरला: झुँझलाते हुए कमर में।
अरुन: समझ गया उसे याद आया उसके फ्रेंड्स बात कर रहे थे की जब लड़कियों की पीरियड्स होते है तो कुछ लड़कियों को पेन भी होता है
हो न हो माँ को पीरियड्स आये है।
सरला: अरुन को चुप देख कर क्या हुआ
अरुन:कुछ नहीं माँ आप आराम करो और कभी चलेंगे।
सरला:मन ही मन सोचते हुए इसे क्या हुआ कैसे मान गया।
अब वो क्या जाने आज के बच्चे कितने फॉरवर्ड हो गये है।
टाइम ऐसे ही गुज़रने लगा ।
रोज अरुन सरला की तबीअत पूछता और कुछ नहीं बोलता।
५थ डे अरुन कॉलेज से आया और बोला- माँ चले आज कहीं बाहर।
सरला: सोचते हुआ ४ दिन से कुछ नहीं बोला और आज डायरेक्ट पूछ रहा है।
आज सरला भी मना नहीं कर पाई
सरला -ओके
इन ४ दिनों मैं सरला ने काफी सोचा और डीसाइड किया अब वो और अपने पति का वेट नहीं करेगी अगर उसका बेटा उसका साथ दे रहा है तो क्यों न लाइफ में रंग भरा जाये कब तक घुट २ के अपनी ज़िन्दगी जियेगी।
अरुन: माँ क्या हुआ
सरला: कुछ नहीं कहाँ चलना है
अरुन :आप की मर्जि
सरला: अरुन घर का कुछ समान लाना है चलोगे मेरे साथ।
अरुन: क्यों नहीं माँ चले बाइक पे चले या ऑटो से
सरला :जैसे तेरे मन करे।
अरुन :चले बाइक से चलते है।
सरला: मैं तो कभी तेरी बाइक पे नहीं बैठी।
अरुन :कोई बात नहीं आज बैठ जाओ
ओर दोनों बाजार चले जाते हे
सरला को कुछ अजीब लगा बेटे के साथ बाइक पे बैठ के।
सरला : यही वो दिन था जिस ने मेरी और मेरे बेटे की ज़िन्दगी बदल दी ।
उस दिन के बाद से किसी भी काम के लिए मेरी फर्स्ट चॉइस मेरा बेटा होता और साथ बाहर जाने आने से हम दोनों मैं जो थोड़ा बहुत गैप था वो भर गया।
ओर हम और भी फ्री हो गये।
कैसे एक महीना हो गया बेटे के साथ बाहर जाते हुए
सरला: अरुन कल कॉलेज से जल्दी आ जाना बाजार जाना है कुछ घर का सामन लाने।
अरून: कल क्यों आज चलते है
सरला: पर जाना कल है।
अरुन: कल आप नहीं जओगी।
सरला: क्यों कल क्या है
अरुन; मन ही मन कल से आप के पीरियड्स आ जाएगे और आप नहीं जाओगी
सरला: क्या हुआ क्या सोच रहा है
अरुन: कुछ नहीं
सरला: कुछ तो
अरुण: कुछ नहीं मैं बोल रहा था कल आप की तबीयत ख़राब हो जायेगी फिर कैसे जाऒगी।
सरला: क्यों मेरी तबीयत क्यों ख़राब होगी।
अरुण: कुछ नहीं बोला।
सरला: बोल न ।
अरुण कैसे बोले
ओके कल चलेंगे।
कल दिन जैसे के अरुन ने आईडिया लगाये था सरला के पीरियड्स स्टार्ट हो गये
अरुन: कॉलेज से जल्दी लौट आया
सरला से चले माँ
सरला: मन में सोचते हुए इसे कैसे पता की पीरियड्स की बजह से मेरी तबीयत ख़राब हो जायेगी।
अरुण; क्या हुआ माँ ।चल।
सरला: नहीं आज नहीं फिर कभी।
अरुण: मैंने बोला था न की आज आप नहीं जाऒगी।
सरला: हाँ बाबा हो गई पर तूझे कैसे पता ।
अरुण: बस ऐसे ही गेस किया।ब बैक मैं पेन है ना।
सरला: है पर तुझे कैसे पता।
अरुन: पिछले महिने भी आप की इस दिन तबीयत ख़राब हुई थी।
सरला: मन ही मन क्या इसे पता है की मेरे पीरियड्स आ गये है।
तभी अरुन माँ आज फ्राइडे है ट्यूसडे को चलेंगे।
अब सरला को पक्का यकीं हो गया की इसको पता है की मेरी क्या प्रॉब्लम है।
सरला:ओके अरुण।
इसी कसमकस में सरला की ५ दिन बीत गये की अरुन को पता है या नहीं । या उसको पूछे की नही
कैसे पूछे वो उसका बेटा था पर एक महिने में सरला काफी हद तक अरुन से खुल गई थी।
और ट्यूसडे भी आ गया ।
और अरुन बिना सरला के बोले कॉलेज से जल्दी आ गया।
सरला: आज जल्दी कैसे
आ: बाजार नहीं जाना।
सरला: तुझे कैसे पता की आज जाना है
अरुण: मुह से निकल गया आज ५बा दिन है
सरला: मतलब
अरुण: कुछ नहि।
सरला को अब यकीन हो गया की अरुन ने गेस लगा के सही पता लगा लिया है की मेरे पीरियड्स है।
सरला ओके रेडी होकर आती हू।
चल तू भी रेड़ी हो जा।
अरुण:ओके मोम।
