लंड के कारनामे – फॅमिली सागा – Update 55

लंड के कारनामे - फॅमिली सागा - Incest Sex Story

दीपा आंटी ने जैसे ही अपने बेटे को देखा कमरे में उनकी तो सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी, उन्होंने अपने बच्चो के बारे में सोचा भी नहीं था और चुदाई में लगी हुई थी.. और अयान उन्हें ऐसे घूर कर देख रहा था जैसे उसने कोई अजूबा देख लिया हो..
सच में अजूबे जैसी ही थी दीपा आंटी की नंगी जवानी, कोई एक बार देख ले तो बार बार देखे..और ये तो उनका जवान लड़का था, जिसने घर पर भी ना जाने कितनी बार अपनी लचकती हुई माँ की जवानी को देखा होगा..
पर जब आज वो ही चीज एकदम नंगी पड़ी थी तो उसके तो होश ही उड गए , पर इसके साथ ही जब उसने देखा की उसकी माँ तो मजे से हम सभी के साथ चुदने में व्यस्त है तो उसके सारे शरीर में झुरझुरी सी दौड़ गयी..
दीपा आंटी ने अपना नंगापन फिर से उसी चादर से छुपाया और अपने बेटे से बोली “अरे …अयान तू तू….क्या कर रहा है….यहाँ…”
अयान ने हकलाते हुए कहा “वो…वो तो मैं ऋतू…ऋतू को ढूँढ़ते हुए…आया था…”
मैं समझ गया की उसपर दवाई का असर जल्दी ख़त्म हो गया और जब उसने देखा की कमरे में कोई नहीं है, और सोने से पहले ऋतू ने उसके साथ और भी कुछ करने की बात कही थी तो वो ऋतू को ढूँढ़ते हुए उसके कमरे में गया और फिर नीचे आया, जहाँ से कमरे में हम सभी की चुदाई देखकर वो अब अपना लंड पायजामे में उठाये खड़ा था …
ऋतू ने उसकी हालत देखी और अपने पापा और मम्मी की तरफ देखकर उन्हें अपनी आँखों से समझाते हुए कहा..
“हाँ अयान …मैं तो तुम्हे भूल ही गयी थी…चलो मैं चलती हूँ तुम्हारे साथ….” और वो नंगी ही आगे आई और अयान को पकड़कर ऊपर की तरफ ले गयी.
दीपा आंटी ने चादर छोड़ दी और धम्म से बैठ गयी बेड पर और बोली “अब क्या होगा…अयान ने मुझे आप लोगो के साथ नंगा देख लिया है…वो क्या सोच रहा होगा..मेरे बारे में…”
पापा ने उससे कहा “अरे दीपा, तू क्यों चिंता करती है…जब उसने देख ही लिया है तो अब कर भी क्या सकती हो तुम….पर शायद तुमने देखा नहीं वो तुम्हे नंगा देखकर उत्तेजित हो रहा था…”
दीपा : “मतलब…?”
मम्मी : “मतलब ये मेरी प्यारी बहना…तुम्हारा बेटा तुम्हारे नंगे जिस्म को देखकर अपने आप पर काबू नहीं रख पाया…और उसका लंड खड़ा हो गया था…” मम्मी ने मुस्कुराते हुए अपनी नंगी बहन के गले में बाहें डालकर कहा.
दीपा आंटी कुछ देर तक अपनी बड़ी-२ आँखों से मम्मी और पापा को घूरती रही…और बोली “ऐसे कैसे….वो मेरा बेटा है…वो मुझे देखकर क्यों उत्तेजित होगा…भला..”
मम्मी :”क्यों नहीं होगा…हर बेटा अपनी माँ को देखकर उत्तेजित होता है…खासकर जब माँ तुम्हारे जैसी हो…या फिर मेरी जैसी…इसका उदाहरण तुम्हारे सामने है…” और मम्मी ने मेरी तरफ इशारा करके मुझे बुलाया..
“ये देखो …मेरा बेटा आशु जब भी मुझे देखता था तो उसका भी यही हाल हो जाता था…पर वो डर के मारे और मैं शर्म के मारे कुछ कह नहीं सकती थी… पर जब से हमारे विचार मिले हैं और हम सभी आपस में एक दुसरे से खुले हैं, तब से मैं रोज चुदी हूँ अपने प्यारे बेटे के इस शानदार लंड से…” और उन्होंने मेरे लटके हुए लंड को अपने कोमल हाथों में लिया और दबाना शुरू कर दिया…ना जाने क्या जादू था उनके हाथों में, मैं अभी-२ झड़ा था दूसरी बार, पर उनके जादुई हाथों में आते ही मेरे लंड ने हवा में उठना शुरू कर दिया और जल्दी ही मेरे पेट से टक्कर मारने लगा…
“तुमने शायद नोट नहीं किया, उसके पायजामे में लंड खड़ा होकर टेंट बना रहा था..शायद आशु जितना तो होगा ही उसका लंड…” मम्मी ने दीपा आंटी के सामने लम्बे लंड का चारा डाला..
दीपा : “क्या सच में…तुमने देखा क्या…क्या वो वाकई में काफी बड़ा था…”

मम्मी मेरे सामने बैठ गयी और मेरे लंड को चुमते हुए अपने मुंह में लेकर उसे चूसने लगी और बीच-२ में बोली “मैं सही कह रही हूँ दीपा…उसका लंड सही में काफी लम्बा था…
तुम्हारे पति जैसा छोटा नहीं है उसका लंड…” और फिर से मेरे लंड को मुंह में डाला और चूसने लगी..
“मैं देखना चाहती हूँ…उसका लंड…” उन्होंने जैसे किसी सम्मोहन में बंध कर कहा… अपने बेटे के लंड की लम्बाई की कहानी सुनकर उनकी चूत के मुंह में फिर से पानी आ गया था…
मैंने उनसे कहा “अगर आप देखना चाहती हैं तो चलो ऊपर…ऋतू उसे मेरे कमरे में लेकर गयी है…आपको मैं उसका लंड दिखता हूँ…जिसका मजा ऋतू ले रही है इस वक़्त….”
दीपा : “पर कैसे…वो मेरे सामने ऋतू के साथ कैसे करेगा….”
मैं : “आप चलो तो सही उन्हें हमारे बारे में कुछ नहीं पता चलेगा…” और मैंने मम्मी के मुंह से बड़ी मुश्किल से अपना लंड छुड़ाया…वो तो मेरे लंड को छोड़ ही नहीं रही थी…उनका पेट अभी तक नहीं भरा था… पर मेरे और पापा के कहने पर उन्होंने अनमने मन से मेरे लंड को बाहर निकाला और हम सभी नंगे ही ऊपर की तरफ चल दिए..
मैंने ऊपर जाकर अपने कमरे में झाँका तो पाया वो दोनों वहां नहीं थे…मैं समझ गया की ऋतू उसे अपने कमरे में ले गयी है..पर वहां तो सुरभि सो रही है.. मैंने सभी को अपने कमरे में ले जाकर चुप रहने को कहा और दीवार वाले छेद से ऋतू के कमरे में झाँका..मेरा अंदाजा सही था..वो दोनों वहीँ पर थे..
मैंने दीपा आंटी को इशारा करके छेद से देखने को कहा और खुद कान लगा कर उनकी बाते सुनने लगा..
अयान : “ऋतू दीदी…आप मुझे यहाँ क्यों ले आई..यहाँ तो सुरभि सो रही है…अगर वो उठ गयी तो ग़जब हो जाएगा…”
ऋतू : “अरे…फ़िक्र मत करो भाई…ये नहीं उठेगी…और अगर कमरे में कोई और भी हो जिसके उठने का डर लगे तो इसी में तो असली अड्वेंचर है…”
अयान :”वो तो ठीक है..पर नीचे क्या हो रहा था…मैंने तुम सभी को नीचे नंगा देखा था..एक साथ…मम्मी को भी…”
ऋतू :”तुम कब बड़े होगे अयान….इतना सब कुछ देख लिया फिर भी पूछ रहे हो…तुम्हे क्या लगा…हम सभी नंगे खड़े होकर कव्वाली गा रहे थे… अरे भाई चुदाई चल रही थी उस कमरे में…और एक बात सुनो…हमारे घर में, सेक्स के बारे में सभी एक दुसरे से काफी खुले हुए हैं…
मैं पापा के साथ और आशु भाई के साथ सेक्स कर लेती हूँ, भाई भी मम्मी के साथ और मेरे साथ सेक्स करते हैं..इसमें काफी मजा आता है… और पापा तुम्हारी मम्मी के साथ सेक्स कर रहे थे, जिसे देखने के लिए मैंने तुम्हे नींद की गोली दी थी..और नीचे जाकर हम भी उस सामूहिक चुदाई में शामिल हो गए, पर तुम्हारी नींद जल्दी खुल गयी और तुम वहां आ गए..और तुमने वो सब कुछ देख लिया…और अभी तक चुतिया की तरह पूछ रहे हो की वहां हम सभी नंगे क्या कर रहे थे…” और ये कहकर वो हंसने लगी..
अयान ने भी अपने सर को खुजलाते हुए कहा “हाँ मैं समझ तो गया था, पर मैंने इस बात की कभी कल्पना भी नहीं की थी की आप सभी लोग सेक्स कर रहे होंगे…खासकर मम्मी के बारे में तो मैंने कभी नहीं सोचा था ऐसा..”
दीपा आंटी और मैं बारी बारी से ऋतू और अयान को देख रहे थे छेद से……
ऋतू :”पर तुम्हारी नजर हट ही नहीं रही थी अपनी मम्मी के नंगे जिस्म से…और तुम्हारा लंड भी खड़ा हो गया था..उन्हें देखकर..
मुझे तो तुमने देखा भी नहीं..मैं भी तो नंगी खड़ी थी वहां पर…” ऋतू ने अयान का लंड उसके पायजामे से पकड़ लिया..
अयान के मुंह से एक लम्बी और ठंडी सी सिसकारी निकली…स्स्स्सस्स्स्स ऋतू…..सच कहूँ तो….मैं अपनी मम्मी के नंगे जिस्म को कई बार सोचकर मुठ मार चूका हूँ….
और अक्सर घर में जब भी वो ब्लाउस और पेटीकोट में घुमती है तो मेरा बुरा हाल हो जाता है…और आज तो मैंने जब उन्हें अपने सामने नंगा देखा तो मेरी आँखें हटी ही नहीं उनपर से…”
मैंने दीपा आंटी की तरफ देखा…वो अपने बेटे के दिल की बातें सुन रही थी बड़े गौर से…
मैंने देखा उनकी एक ऊँगली अपनी चूत के अन्दर थी…मतलब अपने बेटे का इकबालिया बयां सुनकर गर्म हो रही थी वो साली दीपा आंटी…
ऋतू : “यानी तुम अपनी माँ की चूत मारना चाहते हो….है न…”
अयान : “काश ऐसा हो जाए…पर अभी तो तुम मेरे इस लंड का हाल चाल ठीक करो…और इतना कहकर उसने अपने लंड से पायजामे को नीचे सरका दिया और अपना लंड दिखाया ऋतू को…
उसका लंड देखकर ऋतू के साथ साथ दीपा आंटी के मुंह से भी आह सी निकल गयी….
मैंने दीपा आंटी को हटाया और देखा अयान का लंड…वो काफी लम्बा था, मेरे और पापा के लंड से भी लम्बा, पर बिलकुल पतला..उसके लंड पर नसें चमक रही थी… और उसके टट्टे काफी लटके हुए से थे…और काफी बड़े भी..काफी गोरा रंग था उसके लंड़ का..उस ऋतू चुद्दकड़ के मुंह में तो पानी आ गया अयान के लम्बे लंड को देखकर..और वो झट से नीचे बैठी और निगल गयी उसे पूरा एक ही बार में..
अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अयान ने एक लम्बी सिसकारी ली और ऋतू के बालों को पकड़कर उसके सर को दबा लिया और अपना लंड आगे पीछे करने लगा उसके मुंह में…
दीपा आंटी और मैं बारी बारी से ऋतू और अयान को देख रहे थे…
मम्मी और पापा बड़े आराम से बेड पर लेटे हुए एक दुसरे के नंगे शरीर को अपने हाथों से सहला रहे थे..वो लोग चुदाई से काफी थक चुके थे.. मेरा नंगा जिस्म दीपा आंटी के शरीर से घिसाई कर रहा था..कभी वो मेरे सामने होती छेद में अपनी आँखें लगाये और उनकी मोटी गांड मेरे लंड से टच करती और कभी मेरे पीछे होती जब उनके झूलते हुए मुम्मे मेरी कमर की घिसाई करते…
अचानक ऋतू उठी और अयान को फ्रेंच किस करने लगी….उन दोनों में जैसे एक दुसरे के होंठों को काटने की होड़ सी लगी हुई थी…बड़े बैचेन हो रहे थे दोनों एक दुसरे की जीभ को पकड़ने के लिए…
अयान के दोनों हाथों में ऋतू के शानदार ब्रेस्ट थे…जिन्हें वो बड़े मजे से दबा रहा था..वो नीचे झुका और उन दोनों को बारी बारी से अपने मुंह में लेकर चूसने लगा…

ऋतू तो जैसे मरने के कगार पर पहुँच गयी….अयान का कद काफी लम्बा था, 6 फुट से भी ज्यादा का होगा वो.. इसलिए ऋतू उसके कंधे तक ही आ पा रही थी…इसलिए उसने ऋतू को अपनी गोद में उठाने के लिए उसकी गांड को पकड़ा और ऋतू उचल कर अपनी टाँगे लपेट कर चढ़ गयी उसके घोड़े पर… और अपनी चूत के नीचे ठोकर मार रहे लंड को निशाना बनाकर बैठ गयी उसके लम्बे और पतले लंड पर…. घप्प से वो लम्बा लंड ऋतू की रसीली चूत के अन्दर सरकते हुए उसके गर्भाशय से जा टकराया..
स्स्सस्स्स्सस्स्स म्म्मम्म्म्मम्म आःह्ह्ह अयाआआआन हम्मम्मम्म क्या लंड है तुम्हारा…….मजा आ गया…
इतना अन्दर तो आज तक कोई भी नहीं गया….और उसने अपनी बाहें लपेट दी अयान के गले में और उछल कर घुड़सवारी करने लगी….
“अह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह ओफ्फ्फ ऑफ ओफ्फ्फ्फ़ ओफ्फ्फ म्मम्म और तेज मारो अयान…. अह्ह्ह्ह हां ऐसे ही….म्म्मम्म्म्मम्म हाआन्न्न फुक्क्क्क मीई हार्ड………अह्ह्हह्ह्ह्ह ” उसने अपना मुंह आगे करके अयान के होंठों पर कब्ज़ा किया और उन्हें चूसने लगी…
अयान ने ऋतू की गांड के छेद में अपनी ऊँगली डाली और उसे अन्दर बाहर करने लगा….
ऋतू के तो जैसे कुत्ते फेल हो गए अयान की इस हरकत से, उसकी रसीली चूत में लम्बे लंड की थिरकन से और अपनी गांड में उसकी लम्बी ऊँगली की चुभन से वो झड़ने लगी हवा में ही……
उसने अपना सर पीछे हवा में लटका दिया और झूल गयी अयान की बाँहों में….और उसके गोल मटोल से चुचे हवा में तन से गए और जैसे अयान को कह रहे हो…आओ न ..पी लो मुझमे से मेरा दूध……..
और अयान ने किया भी ऐसा ही…अपना सर नीचे किया और मुंह लगा कर मेरी बहन का दूध पीना लगा…चपर चपर…करके…
ऋतू झड चुकी थी अयान के लंड के ऊपर ही…पर अयान था की उसे जैसे कोई शक्ति मिली हुई थी जल्दी ना झड़ने की… वो तो लगा हुआ था और धपा धप मार रहा था ऋतू की चूत को हवा में ही…
मैं भी उसकी इच्छा शक्ति देखकर दंग रह गया….जल्दी ही वो थक गया और उसने ऋतू को नीचे उतारा और उसे बेड पर लिटा दिया….अपनी बहन सुरभि के साथ, सुरभि तो घोड़े बेचकर, नींद की गोली लेकर सो रही थी….बेसुध सी..उसने टी शर्ट और स्किर्ट पहना हुआ था…जो उसकी जाँघों के ऊपर चड़ा हुआ था और टी शर्ट भी उसके पेट को नंगा करे ऊपर चड़ी हुई थी… अपनी अर्धनग्न बहन को उसी बिस्तर पर लेटे देखकर अयान के लंड ने एक दो और झटके मारे और ऋतू की चूत में फिर से घुसने के बाद वो चल पड़ा फिर से एक नयी राह पर…

ऋतू का ओर्गास्म हो चूका था…उसका पूरा शरीर पसीने से लथपथ हुआ पड़ा था अयान के सामने.. पर अयान की ताक़त के आगे और अपनी चूत में होती लगातार घिसाई के द्वारा उसका ओर्गास्म फिर से बनने लगा और वो जोर से चिल्लाने लगी…
हाआन्न्न्न मारो मेरी चूत अयान…..इसी तरह…बड़ा लम्बा लंड है तुम्हारा…..मजा आ गया…हा ….. ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़…….चोदो मुझे ….अपने लम्बे और प्यारे लंड से…..अह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह ओफ्फ्फ….म्मम्मम और तेज…भाई…हननं ऐसे..ही….अह्ह्हह्ह ….. ओह्ह्ह्ह अयांन्न…मैं तो गयी रे…….अह्ह्हह्ह्ह्ह ….
अपने सामने जवानी के ज्वर भाटे में तड़पती ऋतू को देखकर अब अयान के लंड का पारा भी अपने चरम स्तर पर पहुँच गया…और उसके अन्दर से गरमा गर्म रस निकलने लगा ऋतू की चूत में…..
अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ऋतू….दीदी……मैं तो गया…..अह्ह्हह्ह ………….और वो हुंकारता हुआ ऋतू के पसीने से भीगे मुम्मो पर लुडक गया…
दीपा आंटी की चूत में से मानो बरसात हो रही थी अपने बेटे का लंड देखकर और उसकी जबरदस्त चुदाई को देखकर….
उन्होंने मेरी तरफ देखा….और फिर बेड पर लेटे मम्मी और पापा की तरफ…और बोली….मैं जा रही हूँ….अपने बेटे का लंड लेने… और वो निकल गयी मेरे कमरे से ऋतू के कमरे की तरफ…
मैं और मम्मी पापा दोनों भी दीपा आंटी की हिम्मत देखकर हैरान रह गए..कहाँ तो वो डर रही थी की उनके बच्चे क्या सोचेंगे उनके बारे में और कहाँ ये अब खुद ही चुदने के लिए चल पड़ी है अपने बेटे के लम्बे लंड से..
मैंने मम्मी पापा की तरफ देखा और मुस्कुरा दिया और फिर से देखने लगा छेद से की क्या होता है दुसरे कमरे में.. अयान और ऋतू एक दुसरे को चूम रहे थे.
ऋतू : “वाह अयान कमाल का लंड है तुम्हारा…झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था..साला….” और उसने नीचे झुककर उसके लम्बे लटके हुए लंड को चूम लिया..
अयान : “मैंने भी इतनी सुन्दर लड़की की चूत आज तक नहीं मारी…मेरी क्लास में एक लड़की है जिसके साथ मैंने सेक्स किया है… पर जितना मजा तुम्हारे साथ आया है उतना आज तक नहीं आया…
सच में ऋतू तुम मजे लेना भी जानती हो और देना भी..” और ये कहकर वो दोनों फिर से एक दुसरे के होंठों को चूसने लगे.. तभी बाहर का दरवाजा खुला और दीपा आंटी नंगी अन्दर आई.
उन्हें देखते ही अयान चोंक गया..ऋतू बड़े आराम से लेटी हुई उन्हें देखने लगी.
अयान : “मम्मी……आप….यहाँ….क्या कर रही है….”
दीपा : “मैंने सब देख लिया है अयान…और तुमने भी नीचे लगभग सब कुछ देख लिया था…इसलिए अब मुझे नहीं लगता की हमें एक दुसरे के सामने कोई पर्दा रखना चाहिए…” ये कहते हुए वो मटकते हुए आगे आने लगी.. जैसे जैसे वो पास आ रही थी, उसके मोटे चुचे ज्यादा साफ़ दिखाई देने लग रहे थे..
अयान ऋतू के सामने अपने घुटनों के बल बैठा था बेड पर, और उसका लंड लटक रहा था, उसके सामने, उसकी नजर अपनी माँ के मोटे उरोजों पर टिकी हुई थी, अपनी माँ के मोटे चुचों की थिरकन को देखकर उसके लटके हुए लंड में फिर से जान आने लगी…
ऋतू उसके लंड के नीचे बैठी हुई हैरत से देख रही थी की कैसे उसका लंड हवा में उठता चला जा रहा है…अपनी नंगी माँ को देखकर…यही तो सच्चा प्यार होता है माँ बेटे का.
दीपा : “बेटा मुझे गलत मत समझना…मुझे माफ़ कर दो…पर परिस्थितियां कुछ ऐसी बनती चली गयी की मैं नीचे वो सब….कर रही थी….” और उन्होंने अपनी आँखें झुका ली.
अयान आगे आया और अपनी माँ के कंधे को पकड़कर बोला : “अरे ….नहीं माँ…आप ऐसा क्यों बोल रही है….मैं सब समझता हूँ …. मैंने कई बार आपके और पापा के कमरे से छुप कर आप दोनों की बातें सुनी है…और मैं जानता हूँ की आप कैसे रातों में तड़पती रहती हैं…और पापा आपको पूरा सुख नहीं दे पाते…”
उसकी बात सुनकर दीपा आंटी के साथ-२ मैं भी अचरज में आ गया…यानी उसका लोडू पति न सिर्फ लंड के मामले में छोटा है बल्कि …चूत मारने में भी ढीला है.
दीपा : “अगर तुम्हे वो सब पता ही है तो तू अब अच्छी तरह समझ सकता है न ….. ”
अयान : “हाँ मा….मैं समझता हूँ…और मैं वादा करता हूँ की मैं अब आपको कभी दुखी नहीं होने दूंगा…” और उसने आगे बढकर अपनी नंगी माँ को गले लगा लिया.
दीपा आंटी उसके निप्पल तक आ रही थी, थोड़ी छोटे कद की थी वो..और अयान का लंड लगभग उनके लटके हुए स्तनों को छु रहा था.. दीपा आंटी ने भी अपनी बाहें अपने बेटे की कमर में लपेट दी और उसकी छाती को चूम लिया.

अयान ने सोचा भी नहीं होगा की उसकी किस्मत ऐसे चमकेगी…दुनिया की सबसे सेक्सी लड़की ऋतू की चूत मारने के बाद अब उसकी अपनी माँ, जिसके बारे में सोचकर ना जाने उसने कितनी बार मुठ मारी होगी, अपने आप उसके पास आई थी, चुदने के लिए, और आगे के लिए चुदाई का रास्ता खोलने के लिए..
वो ये सोच ही रहा था की तभी दीपा आंटी, जो काफी देर से अपने बेटे के लंड को दूर से देखकर भूखी लोमड़ी की तरह लार टपका रही थी, नीचे झुकी और पंजो के बल बैठकर अपने बेटे के लंड को पकड़ लिया.
अयान का लंड अभी -२ झड़ा था, पर जैसे ही उसकी माँ ने उसका लंड पकड़ा, उसे लगा की अभी बरसात हो जायेगी, उसके लंड में से…उसके शरीर में एक झुरझुरी सी दौड़ गयी.
मम्मी और पापा भी उठ कर आगे आये और मुझसे पूछा… “क्या हो रहा है वहां…हम भी तो देखे…” और मम्मी ने जब देखा की दुसरे कमरे में उनकी बहन नीचे बैठकर अपने बेटे का लंड पकड़े बैठी है तो वो बड़ी खुश हुई और बोली….चलो वहीँ चलकर देखते हैं अब….” और हम सभी वहां से निकल कर दुसरे कमरे में आ गए.
अयान ने जब हम सभी को आते देखा तो उसने एक स्माईल पास की हमें …मैं पीछे आकर कुर्सी बार बैठ गया और मम्मी पापा सोफे पर..ऋतू भी उठी और नंगी उठकर मेरी गोद में आ गयी..
दीपा के हाथ कांप रहे थे अपने बेटे के लंड को पकड़कर…वो बड़े गौर से उसकी बनावट देख रही थी, उसने सपने में भी नहीं सोचा था की उसके बेटे का लंड इतना लम्बा होगा, वो तो सोचती थी की ये सब वंशानुगत होता है, यानी छोटे लंड वाले का बेटा छोटे लंड वाला…पर आज वो समझ गयी थी के ये सब गलत है.
उसको सोचता पाकर मम्मी ने दीपा आंटी से कहा “अरे दीपा सोच क्या रही है….अब तो तेरा बेटा लंड लटकाए खड़ा है तेरे सामने, चल शुरू हो जा..और ले ले अपने बेटे का लंड अपने मुंह में…”
दीपा आंटी ने अपनी बहन की बात मानी और अयान के लंड को एक चुम्मा दिया और अगले ही पल अपने मोटे होंठों से ढक लिया उसके लम्बे लंड को..
अयान की आँखें बंद होने लगी, अपनी माँ के लाल होंठों को देखकर.. वो पहले से ही मरता था, पर आज उन्ही होंठों ने जब उसके लंड को चूमा तो वो मानो हवा में उड़ने लगा..
उसने बड़े प्यार से अपनी माँ के बालों को पीछे किया और उनकी आँखों में देखकर बोला “माँ…तुम सच में बहुत सेक्सी हो…” अपनी तारीफ़ सुनकर दीपा में जैसे जोश आ गया और उसने जल्दी से अपने मुंह को अयान के लंड पर घिसना शुरू कर दिया.
मैंने मम्मी की तरफ देखा, वो अपनी चूत को घिस रही थी…और पापा को देखा तो पाया उनका ध्यान दीपा और अयान पर नहीं बल्कि बेड पर सो रही सुरभि की तरफ था…मैं समझ गया की चोदु पापा का लंड इस नयी चूत को देखकर मचल रहा है..
उन्होंने भी मुझे अपनी तरफ देखते हुए पाया तो मैंने उनसे कहा….”पापा बड़ी मस्त है सुरभि भी…ट्राई करो…”
पापा ने मम्मी की तरफ देखा और फिर दीपा की तरफ…और फिर बेड पर आकर बैठ गए.. दीपा आंटी समझ गयी की उनका जीजा अब उनकी बेटी की चूत भी मारेगा…माँ का दिल ये सोचकर डर गया की उनके मोटे लंड से कमसिन सुरभि का क्या हाल होगा…
मैंने उनका डर ख़त्म करते हुए कहा…”दीपा आंटी…आप चिंता मत करो….सुरभि अब उतनी भी बच्ची नहीं रही जितना आप समझ रही हो… वो मेरा लंड ले चुकी है…और काफी मजे भी कर चुकी है…”
दीपा आंटी चोंक गयी, वो तो समझती थी की उनकी बेटी वर्जिन है…उसके चुचे भी नहीं निकले अभी तक… पर चुचों का चूत से क्या लेना देना…वो तो जवान हो चुकी होगी न…कोई बात नहीं…कर लेने दो इन्हें भी मजे…अभी तो उन्हें अपने बेटे के लंड से ज्यादा कुछ नहीं दिखाई दे रहा था.. और वो फिर से अयान के लंड को चूसने में व्यस्त हो गयी.
पापा ने बेड पर जाकर सुरभि की टी शर्ट के ऊपर से ही उसके निप्पल्स को पकड़ा और उन्हें दबाने लगे…उभार तो ना के बराबर थे उसके…पर निप्पल बड़े ही ग़जब के थे… पापा ने उसकी टी शर्ट को गले तक ऊपर उठा दिया और नीचे झुककर उसके निप्पल पर अपनी जीभ फेरने लगे.
अपने शरीर से छेड़खानी पाकर वो भी कुनमुनाने लगी…वो गहरी नींद में थी, दवा का असर काफी हुआ था उसपर…पर नींद में भी उसका शरीर अपने साथ होते नए खेल को समझ रहा था…
उसके दोनों अंगुरदाने ऊपर उठ कर लगभग कंचे जैसे बड़े हो गए…पापा ने अपने दांतों से उसे काटना शुरू कर दिया…अह्ह्ह्हह्ह म्मम्मम …सुरभि नींद में भी सिस्कारियां ले रही थी.
अयान ने अपनी माँ को खड़ा किया और उनके होंठों को चूसने लगा..और अपने हाथों से उनके मोटे मुम्मों को दबाया और उनसे खेलने लगा. और फिर उसने नीचे झुककर अपनी माँ के मुम्मे को अपने मुंह में डाला और चूसने लगा.
दीपा आंटी खड़े खड़े चीखने सी लगी….
अह्ह्हह्ह्ह्ह हां बेटा…चूस इन्हें….आज कितने सालों के बाद तुने इन्हें चूसा है….अह्ह्ह्हह्ह पी ले अपनी माँ का दूध…..अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ले बेटा…..इसे भी पी….ना प्लीज़……अह्ह्हह्ह्ह्ह शाबाश….म्मम्मम्मम ओफ्फ्फ ओह्ह्ह्ह मार डाला…….म्मम्मम्म…….क्या कर रहा है…अह्ह्ह्हह्ह अयाआआअन …..कुछ कर बेटा……मुझे कुछ हो रहा है…….हन्न्नन्न्न्न ……ओह्ह्हह्ह म्मम्मम्म….”
दीपा आंटी खड़ी हुई डांस सी कर रही थी..
ऋतू मेरी गोद में बैठी हुई थी और अपनी मोटी गांड को घिस रही थी मेरी जांघ पर… मैं उसके मोटे चुचे को मसल रहा था..बैठे हुए.. मम्मी अपनी चूत को घिस रही थी….जोर जोर से.
पापा ने सुरभि की स्कर्ट नीचे खींच दी और उसकी ब्लेक कलर की कच्छी भी उतार दी…अपने सामने उन्होंने जब कसी हुई चूत देखी तो उनकी जीभ बाहर निकल आई और उन्होंने उसकी गीली चूत को साफ़ करना शुरू कर दिया.
अह्ह्हह्ह्ह्ह म्मम्मम…..अफ्फ्फफ्फ्फ़ ओह्ह्ह्ह…… और ये कहते हुए अचानक वो उठ बैठी…
कमरे में चारों तरफ नंगे लोग बैठे थे..
वो समझी की वो कोई सपना देख रही है…उसने अपनी आँखें मली और फिर से चारों तरफ देखा…अपने हाथ पर चुटकी काटी और तब समझी की ये तो सच में हो रहा है…
उसकी मौसी सोफे पर आधी लेटी हुई अपनी चूत में ऊँगली मार रही है. ऋतू मेरी गोद में बैठी अपना शरीर मुझसे घिस रही है…और सामने ही उसका सगा भाई उसकी माँ के साथ…..उसने फिर से अपनी आँखों को मला और देखा…. उसका भाई माँ के साथ नंगा खड़ा हुआ है और वो दोनों एक दुसरे को बुरी तरह से चूम रहे हैं….और ये कौन है…उसकी चूत जो चाट रहा हो….और अचानक पापा ने ऊपर मुंह करके उसे देखा और बोले….”उठ गयी सुरभि बेटा ..लेट जा…और मजे ले…”
वो सब समझ गयी …की अब सभी लोग एक दुसरे से खुल चुके हैं…इसलिए उसने भी शर्माना उचित नहीं समझा और अपने भाई और माँ के सामने होने की परवाह किये बिना उसने अपने गले से टी शर्ट उतारी और पूरी नंगी हो गयी और पापा के सर को जोर से पकड़ा और दबा दिया अपनी चूत पर और जोर से चिल्लाई….
अह्ह्हह्ह्ह्ह मोसा जी……चुसे इसे…..बड़ा मजा आ रहा है…..अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह
साली कितना चीखती है ये….बड़े जोर से चीख मारती है….पर अब कोई डर नहीं था हमें…किसी के भी आने का…क्योंकि सभी लोग तो थे यहाँ पर… और मैं अपने खड़े हुए लंड को घुमाकर ऋतू की चूत के पास ले गया…वो थोडा ऊपर हुई और मेरे लंड को अपनी चूत पर टिकाया और बैठ गयी उस पर…
अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह …..पर उसकी नजर अभी भी अयान और मौसी पर थी.
अयान ने अपनी माँ को उठाया और बेड पर ले जाकर लिटा दिया…दीपा आंटी ने अपनी टाँगे हवा में उठाई और अपने सामने खड़े हुए अयान से बोली ” बेटा अब सहन नहीं होता…चोद डाल आज अपनी माँ को अपने इस शानदार लंड से….”

अयान बोला : “हाँ माँ…आज मैं तुझे ऐसा चोदुंगा की तू अपनी सारी परेशानी भूल जायेगी…और आज के बाद मैं तुझे कभी दुखी नहीं रहने दूंगा…” और ये कहते हुए वो नीचे झुका और अपना लंड टिका दिया अपनी माँ की चूत पर.
पापा ने भी सुरभि को लिटाया और बेड के दूसरी तरफ जाकर खड़े हो गए उसकी टांगों के बीच..
एक तरफ अयान खड़ा हुआ था और दूसरी तरफ पापा, बीच में दीपा आंटी और उनकी बेटी सुरभि थी,…दोनों के सर एक दुसरे के कूल्हों को छु रहे थे….
अयान ने जब देखा की उसकी बहन सुरभि भी पापा के लंड को लेने को तैयार है…वो कई बार अपनी बहन के बारे में सोचकर भी मुठ मार चूका था…आज वो उसके सामने नंगी पड़ी हुई चुदवा रही थी… पर आज उसका ध्यान अपनी माँ की तरफ ज्यादा था…सुरभि को फिर कभी चोदुंगा….और ये सोचते हुए उसने अपना लंड घुसा दिया अपनी माँ के अन्दर… और दूसरी तरफ से पापा ने भी डाल दिया अपना मोटा लंड सुरभि की चूत में…ऋतू तो पहले से ही ले चुकी थी मेरे लंड को अपने अन्दर…और मम्मी की उँगलियाँ ही काफी थी उनके लिए अभी तो…
और फिर जो कमरे में चीखों का सिलसिला चला….मानो गाँव में डकेती पड़ रही हो…इतना शोर आ रहा था…सबसे ज्यादा सुरभि चीख रही थी..
सुरभि : “अह्ह्हह्ह्ह्ह अंकल……और अन्दर…..डालो……वाह…..कितना मोटा लंड है आपका…..अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह चोदो मुझे……..और तेज मारो…..मुन्ह्ह्हह्ह्ह्ह ……ओगग्ग्ग्ग ओफ्फफ्फ्फ़ ओफ्फ्फ्फ़ ओफ्फ्फ्फ़ ओह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्ह……अ और तेज ……अह्ह्हह्ह …..म्मम्मम …… ओग्ग्ग्ग……मैं तो गयी…..अह्ह्हह्ह…..”
उसके झड़ते ही पापा ने भी अपना बीज बो दिया उसकी चूत में..
दीपा आंटी : “हाँ बेटा…ऐसे ही चोद….अह्ह्हह्ह आज्ज्ज मुझे पता चला की….अह्ह्ह्ह मेरे बेटे का लंड…..कितना लम्बा है…..अब तो मैं रोज चुदुंगी….अह्ह्ह्ह…मेरे राजा ….बेटा……अझ्ह्ह्हह्ह चोद मुझे…अपनी माँ को…अपनी रंडी माँ.को…..अह्ह्ह….”
अयान : “हाँ….ले मेरा लंड…..हनन….तू मेरी रंडी है….आज से…..अह्ह्ह ओग्ग्ग ओफ्फ्फ्फ़ ओफ्फ्फ ओ…..मैं जब चाहूँगा…तेरी चूत मारूंगा….मा…..अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह रोज मारूंगा……अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह …..म्मम्मम्म…मैं आया माँ………” और ये कहते हुए उसने अपना वीर्य अपनी माँ की चूत में छोड़ दिया…दीपा आंटी भी झड़ने लगी साथ ही.
ऋतू सिर्फ सिस्कारिया ले रही थी…वो घूम गयी और मेरी कमर के चारों तरफ अपनी टाँगे लपेट ली..मैं कुर्सी पर बैठे हुए ही उसके मोटे मुम्मों में मुंह छुपाये उसकी चूत मारने लगा….
अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह हाँ आशु,….अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह और तेज….मारो….अह्ह्हह्ह मैं तो गयी…..मर्र्र्रर्र्र गयी रे…… और उसने अपना नल मेरे लंड के ऊपर खोल दिया और मेरा लंड उसके रस के साथ साथ अपने रस को भी बीच में मिला कर नहाने लगा.
मम्मी भी अपना रस निकल चुकी थी सोफे पर..
उसके बाद तो पूरी रात कमरे में सेक्स का ऐसा खेल चला की क्या बताऊँ…
मम्मी ने भी अयान का लंड लिया…दीपा आंटी ने मुझसे और पापा से एक साथ चूत और गांड मरवाई …
सुरभि ने भी अपने भाई से चूत मरवाई और मैंने मम्मी के साथ साथ सुरभि को भी खूब चोदा… सुबह कब हुई पता ही नहीं चला.
सुबह मेरे कानो में मम्मी की आवाज आई..”अरे…उठ जाओ सब लोग…जीजू आने ही वाले होंगे…”
उनकी बात सुनते ही जैसे कमरे में भूचाल सा आ गया…मैंने घडी में देखा दस बजने वाले थे…दीपा मौसी नंगी पड़ी हुई थी पापा के ऊपर और अयान और सुरभि लिपटे हुए थे एक दुसरे के नंगे जिस्मों से ..
ऋतू मेरी जांघों के बीच फंसी हुई थी…सब लोग नंगे थे..मम्मी की बात सुनते ही दीपा मौसी जल्दी से उठी और नंगी ही भागी बाथरूम में..पापा भी पानी बचाने के चक्कर में अपनी साली के साथ ही नहाने के लिए चल पड़े..
सुरभि और अयान ने जल्दी से अपने कपडे पहने..सुरभि के चेहरे पर ना जाने किस किसका वीर्य लगा हुआ था…सो उसने अपना मुंह धोया और साफ़ सुथरी होकर बैठ गयी..
ऋतू पर कोई असर नहीं हो रहा था..वो तो बेसुध पड़ी हुई थी..
मैंने रात के बारे में सोचा तो पाया की सबसे ज्यादा बार ऋतू ही चूदी थी कल रात, इसलिए बेचारी थक गयी है..मैंने उसे उठाना उचित नहीं समझा और मैं भी नहाने के लिए अपने कमरे में चल दिया.
आधे घंटे बाद सभी लोग नीचे नाश्ते की टेबल पर इकठ्ठा हुए..आज दीपा मौसी को वापिस जाना था पर उनका और बच्चों का मन नहीं था अभी जाने का, सभी यही सोच रहे थे की कैसे कुछ दिन और रुका जाए यहाँ…तभी मम्मी के दिमाग में एक आईडिया आया और वो बोली…”मैं जानती हूँ की इन्हें कैसे और रोक सकते हैं…” उनके चेहरे पर कुटिल मुस्कान थी..
“कैसे…बताओ ना दीदी….” दीपा मौसी ने मचलते हुए पूछा..
“इस तरह से…” और ये कहते हुए मम्मी ने अपनी साडी का पल्लू गिरा दिया नीचे..और उनके 36 साइज़ के मुम्मे ब्लाउस से झांकते दिखे सभी को..
दीपा मौसी ने निराश होते हुए अपने मुम्मो की तरफ इशारा करते हुए कहा “अरे रहने दो दीदी …वो इन्हें नहीं देखते तो तुम्हारे क्या देखेंगे..उन्हें सेक्स में कुछ ज्यादा इंटरेस्ट नहीं है…”
बीच में ही ऋतू बोल पड़ी..”अगर नहीं है तो करवा देंगे…अगर मम्मी कम पड़ गयी तो मैं भी तो हूँ न…” उसने अपने गोल मटोल चुचों को मसलते हुए कहा.. “और मैं भी तो हूँ न…” सुरभि भी बोल पड़ी..
दीपा मौसी ने हैरानी से अपनी बेटी की तरफ देखा पर कुछ न बोली..वो जान चुकी थी की उनकी बेटी अब बड़ी हो चुकी है..उसकी चूत में भी वही आग लगती है जो उनकी चूत में लगती है..
आखिर उनकी ही बेटी है…और इस खुजली को मिटाने के लिए उसे अपने बाप से ही क्यों न चुदना पड़े अब.. पर दीपा आंटी कुछ और दिन यहाँ रहना चाहती थी…अपने स्वार्थ के लिए..मजे के लिए..मेरे, अयान और पापा के मोटे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए.. और इसके लिए वो अपने पति को अपनी बहन , बेटी और भांजी के साथ भी शेयर करने के लिए तैयार थी..और वैसे भी वो सेक्स में कुछ ज्यादा रूचि नहीं लेता था..वो देखना चाहती थी की इनके हुस्न का जादू चलता भी है उनपर या नहीं..
लगभग एक घंटे बाद हरीश अंकल मेरठ से वापिस आ गए..वो नहा धोकर नाश्ता करने बैठ गए, मम्मी उनको खाना परोस रही थी..

 

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