सुबह तक हम सभी एक ही बिस्तर पर नंगे पड़े हुए सो रहे थे. सबसे पहले मेरी आँख खुली.
मैंने अपने लंड पर गीलापन महसूस किया तो मैंने नीचे देखा रूबी मेरे लंड को चूस रही थी, उसकी उठी हुई गोल गांड दिल की आकृति बना रही थी, मैंने हंस कर उसके सर पर हाथ फेरा तो उसने मेरे लंड को छोड़ कर मेरी बाल्स को अपने मुंह में भर लिया..तभी साथ लेटी ऋतू के मुंह से सिसकारी की आवाज आई मैंने देखा तो पाया की नाजिर भी नीचे लेता हुआ ऋतू की चूत को चाट रहा है…हम दोनों भाई बहन बेड पर लेटे हुए अपनी खातिरदारी करवा रहे थे. मैंने हाथ बड़ा कर ऋतू के दायें मुम्मे को दबाना शुरू कर दिया..मैंने नोट किया की पिछले तीन दिनों में उसके मुम्मे का साइज़ बड़ चूका है..या शायद ये मेरा भ्रम है खेर मैंने उसके निप्पल को अपनी उँगलियों में दबाया और उन्हें उमेठना शुरू कर दिया…वो उत्तेजना के मारे दोहरी हो कर मेरे पास खिसक आई और मेरे ऊपर आधी लेट गयी जिसकी वजह से उसके मोटे झूलते हुए मुम्मे मेरी चोडी छाती पर दब गए, उसने अपने गीले होंठो से मुझे चुसना शुरू कर दिया..अब उसकी उभरी हुई गांड नाजिर के सामने थी, उसने कोई मौका नहीं गंवाया और अपना खड़ा हुआ लंड उसके पीछे टिका दिया, गांड पर मोटे लंड का दबाव पड़ते ही उसने नाजिर को रोकने की चेष्ठा की..पर तब तक देर हो चुकी थी.
“अयीईईईईईईईईईईईईईईईइ वहां नहीईईईईईईइ ” वो मेरे ऊपर झुकी हुई चिल्लाई..
नाजिर का लंड उसकी गांड के अन्दर तक जा चूका था.
उसके मुम्मे मेरे चेहरे पर झूल रहे थे, मैंने उसके निप्पल को अपने मुंह में भरा और चुसना शुरू कर दिया.. नीचे लेटी हुई रूबी भी उठ खड़ी हुई और मेरे ऊपर आकर अपनी चूत को मेरे लंड से मिलाया और बैठ गयी धम्म से.. अह्ह्हह्ह्ह्हह्हsssssssssssss एक लम्बी सिसकारी मारी रूबी ने अपनी आँखें बंद करके और ऊपर नीचे होने लगी.. मैंने एक हाथ ऊपर करके रूबी के दोनों चूचो पर फिरना शुरू कर दिया..और दुसरे हाथ से ऋतू के चुचे एक साथ दबाने शुरू कर दिए..
मैंने मन ही मन सोचा, कितना लक्की हूँ मैं, मेरे दोनों हाथों में दो दो मुम्मे हैं.ऋतू की गांड का छेद काफी टायट था, इसलिए उसे काफी तकलीफ हो रही थी, ऋतू ने अपना एक हाथ नीचे करके अपनी चूत की क्लिट को दबाना शुरू कर दिया, और जल्दी ही उसकी चीखें सिस्कारियों में बदल गयी.
अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ्फ़ ओफ्फ्फ अयीईइ म्मम्मम्मम्म … रूबी भी मेरे लंड पर उछलती हुई बडबडा रही थी. आआः रेहाआआआअन ….चोदो अपनी अम्मी को….अह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह चोद बेटा अपनी अम्मी की चूत को…ये तेरी है…रोज चोदा कर इस्से….अह्ह्ह्ह मैंने भी नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए.
ले हरामजादी….कुतिया….अपने बेटे से चुदवाना चाहती है….साली…..भेन चोद ….रंडी साली… अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह तेरी माँ की चूत….अपने रेहान का लंड लेना चाहती है अपने भोंसड़े में…हांन्न बोल कुतिया….कब से चुदवाना चाहती है अपने रेहान से….बोल भेन की लोड़ी..तेरी माँ की चूत …बोल कमीनी..आआह्ह्ह मेरी गालियाँ सुनकर वो और ज्यादा उत्तेजित हो गयी…और बोली हाआआआअन्न मैं चुदवाना चाहती हूँ रेहान सेsssssssssssss….जब से मैं उसका ऑफ ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ लम्बा और मोटा लंड ओह्ह्ह आआआह देखा है जब वो सो रहा था…आआआह्ह्ह तब से मैं अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह …..चुदवाना चाहती हूँ….ssssssssssssssssss.. चोद बेटा अपनी अम्मी को….आआआआआआआआह कर दे मेरे अरमान पुरे……आआआआआआआअह्ह्ह मैंने उसके दोनों कबूतरों को जोर से पकड़ा और चिल्लाया.. ले फिर ….कुतिया,.,,…ले अपने रेहान का लंड अपनी चूत में…..अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आज तो मैं तेरी चूत का बेन्ड बजा दूंगा…भेन की लोड़ी…बड़ा शोंक हैं न बेटे का लंड लेने का…ले फिर आः आआः आआआआअह ….. और मैंने उसकी चूत में अपना लंड किसी पिस्टन की तरह अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
अपनी बीबी की बातें सुनकर नाजिर को भी जोश आ गया और वो अपने लंड को ऋतू की गांड में तेजी से डालने लगा…अब ऋतू को भी मजा आ रहा था…
वो चिल्ला पड़ी…हाआआआआन अब्बू …..और तेज डालो अपना मोटा लंड मेरी गांड में….आआआआअह चोद दो अपनी हिना की गांड ….. ये हमेशा तुम्हारी है….रोज चोदा करो मुझे अब्बू……आआआअह बड़ा मजा आ रहा है…और तेज और तेज…ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ ……वो मेरे ऊपर अधि लेटी हुई चिल्ला रही थी और अपनी चूत के दाने को बुरी तरह से मसल भी रही थी…नाजिर ने भी धक्के देते हुए बोलना शुरू कर दिया..
ले ईईईईईईईई मेरी बच्ची…..हिना…..क्या गांड है तेरी….जब भी तुझे देखता हूँ तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है……आआआआआह्ह्ह तेरी गांड में अपना लंड डालना चाहता हूँ……आआआआआह्ह ले कुतिया…अपने बाप का लंड अपनी गांड में…ले……………आआआआआआआआआआआअह्ह्ह …..उसके धक्को की वजह से और अपनी चूत को खुद ही खुजलाने की वजह से जल्दी ही ऋतू की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया….और वो तेज आवाज करती हुई मेरे ऊपर गिर पड़ी..अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अब्बू मैं तो गयीईईईईईईईइ ……अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह और उसके पानी की गर्माहट अपनी जाँघों पर पाकर नाजिर के लंड ने भी गोले दागने शुरू कर दिए ऋतू की गांड के अन्दर… आआआआआआआअह्ह्ह ले बेटी अपने बाप का रस ………आआआआआआह्ह्ह ….वो दोनों निढाल होकर साइड में लुडक गए…
अब मैंने अपना ध्यान रूबी की तरफ किया और उसके दोनों चुचे स्टेरिंग की तरह पकडे और अपना ट्रक दौड़ा दिया उसके हाईवे पर…
आआआआआआआआअह्ह्ह आआआआआआअह्ह ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ उसकी सिस्कारियां गूँज रही थी पुरे कमरे में.
उसने अचानक अपनी कमर को पीछे किया और मेरे लंड के ऊपर झड़ना शुरू कर दिया.
मेरा लंड भी उसकी चूत की गर्मी में पिघल गया और उसके अन्दर से गर्म पानी बाहर आकर उसकी चूत में बोछारें करने लगा. वो भी मेरे सीने पर गिर पड़ी.
हम सभी खड़े हुए और एक साथ नहाने चले गए.
अन्दर जाकर भी हमने शावर के नीचे खूब मन लगा कर चुदाई करी.
अब मुझे ये तो पता चल ही गया था की नाजिर और रूबी अपने बच्चों के साथ सेक्स करना चाहते हैं, इसलिए मेरे मन में एक बिज़नेस प्लान आने लगा.. रेहान और हिना को उनके पेरेंट्स से चुदवाना काफी आसान था, पर मैं इस बार ये काम मुफ्त में नहीं करना चाहता था, इसलिए मैंने प्लान बनाया और ऋतू को समझाया, वो भी मेरे प्लान को समझ कर मुस्कुराने लगी.
कपडे पहन लेने के बाद हम जब चलने लगे तो मैंने नाजिर से कहा “अंकल …आप लोगो के साथ काफी मजा आया…और रात की बातें देखकर लगता है की आप दोनों अपने बच्चों के साथ भी ये सब करने को तैयार हो…हैं न…”
रूबी बीच में ही बोल पड़ी “अरे नहीं बेटा…वो तो बस ऐसे ही…उस समय की बात कुछ और थी…हमने तुम दोनों के साथ अपनी फ़ंतासी शेयर करी है..इसका ये मतलब नहीं की हम सच में ऐसा करना चाहते हैं…”
मैंने कहा “और अगर मैं आपकी ये फ़ंतासी को सच कर दूं तो…”
“क्या सही में…तुम ऐसा कर सकते हो…” नाजिर ने अपनी गोल आँखें मेरी तरफ घुमा कर कहा.
“हाँ…मैं ऐसा कर सकता हूँ….मगर इसके लिए आपको मुझे कुछ इनाम देना होगा…” मैं बोला.
“जो तुम कहोगे वो हम देंगे…तुम जितना भी चाहो…बोलो क्या चाहिए तुम्हे….” उसने लगभग हडबडाते हुए कहा..
“एक लाख रूपए…”मैंने कुछ सोचते हुए कहा…
उसने झट से अपनी अलमारी से मुझे एक हजार के नोटों की गड्डी निकाल कर दे दी ..
मैंने उन्हें अपने काटेज का पता दिया और उन्हें एक घंटे बाद वहां आने को कहा और आगे का प्लान समझाया…वो दोनों समझ गए और एक घंटे बाद आने का वादा करके हमें वहां से विदा किया.
मैं अब आगे की योजना बनाता हुआ अपने कमरे की तरफ जा रहा था.
मैं अपनी जेब में लाल नोटों की गर्मी पाकर फुला नहीं समां रहा था. ऋतू और मैं वापिस अपने काटेज पहुंचे. वहां का नजारा देखकर समझते देर न लगी की रात को क्या बवाल हुआ होगा वहां पर.
आरती चाची अपनी गांड चोडी करे उलटी लेटी हुई थी, उनकी गांड के छेद से अभी तक किसी का माल रिस रहा था. मेरी माँ पूर्णिमा रेहान से ऐसे चिपक कर सो रही थी जैसे की वोही उनका सब कुछ है.. रेहान माँ को अपने सीने से दबाये गहरी नींद में सो रहा था.
नेहा अपने पापा के लंड पर अपनी गांड को दबाये हुए सो रही थी और चाचू का हाथ उसके बड़े-२ मुम्मो पर था. हिना का तो सिर्फ चेहरा ही नजर आ रहा था, वो पापा के नीचे पूरी तरह से दबी हुई छिप सी गयी थी, नंगी पड़ी हुई. इस हमाम में सभी नंगे थे.
मैंने जोर से सभी को गुड मोर्निंग कहा.
सभी लोग जाग तो रहे थे पर आलस के मारे अपनी जगह से हिल नहीं रहे थे. ऋतू ने वहां का नजारा देखा तो उसकी चूत में फिर से खुजली होने लगी. मेरा लंड भी अकड़ने लगा और मेरे पायजामे में टेंट बना कर खड़ा हो गया.
पर अभी इन सब बातों के लिए समय नहीं था, 1 घंटे बाद नाजिर और रूबी आने वाले थे हमारे काटेज में और उनके आने से पहले मुझे रेहान और हिना को उनके लिए तैयार करना था, पेमेंट जो ले चूका था..
सभी लोग धीरे-२ उठे और अपने कपडे पहन कर सोफे पर बैठ कर बातें करने लगे.
मैं हिना और रेहान को अपने साथ लेकर अपने कमरे में चला गया.
वहां जाकर मैंने रेहान से पूछा “और कैसा लगा तुम्हे कल रात को…”
रेहान : “भाई सच में कल रात जैसा मजा तो आज तक नहीं आया, मैं तुम्हारा ये एहसान कभी नहीं भूल पाउँगा.”
मैं : “मैंने देखा तुम बड़े मजे से मेरी मम्मी के साथ लिपटे हुए सो रहे थे, कल रात कितनी बार मारी तुमने उनकी…सच बताना..”
रेहान (थोडा शर्माते हुए) : “सच बोलू तो मैंने कल रात सभी को चोदा, नेहा, उसकी माँ और हिना को भी पर जितना मजा पूर्णिमा आंटी के साथ आया, उतना किसी के साथ भी नहीं आया…उनका एक्सपेरिएंस ही ऐसा है की वो सेक्स का पूरा मजा लेना जानती है और देना भी ”
हिना : “हाँ आशु, भाई जान सही कह रहे हैं, रेहान के साथ -२ मैंने भी लगभग सभी से अपनी चूत मरवाई पर जो मजा तुम्हारे पापा के साथ आया वो कहीं और नहीं..”
मैं : “मैं भी तुम लोगो को कुछ बताना चाहता हूँ, …दरअसल कल रात हम दोनों तुम्हारे अब्बू और अम्मी के साथ थे और हमने भी उनके साथ सभी मजे लिए..” मैंने उन दोनों के चेहरों की तरफ देखते हुए कहा.
हिना : “क्याआआआआअsssssssssssssssss मतलब तुमने मेरी अम्मी को चोदा और ऋतू ने मेरे अब्बा से अपनी चूत मरवाई..”
ऋतू : “हाँ ये सच है..जैसे तुमने हमारे मम्मी पापा के साथ मजे लिए , हमने तुम्हारे मम्मी पापा के साथ लिए.”
रेहान अपना मुंह फाड़े हमारी बातें सुन रहा था.
हिना ने चहकते हुए ऋतू से पूछा : “क्या सचमें तुमने मेरे अब्बू के साथ मजे लिए, बताओ न, कैसा एक्सपेरिएंस रहा तुम्हारा”
ऋतू : “हाँ…मुझे तो बहुत मजा आया, तुम्हारे अब्बू जैसा लंड तो मैंने आज तक नहीं देखा, उन्होंने मेरी चूत और गांड का बेन्ड बजा दिया कल रात को, पर मजा भी बहुत आया…मेरा तो मन वहीँ अटक कर रह गया है उनके लम्बे और मोटे लंड के ऊपर…”
उसकी बातें सुनकर हिना की टी शर्ट में कैद बिना ब्रा के उसके मोटे मुम्मो पर उसके गोल-२ दाने चमकने लगे, और वो अपनी नजरें ऊपर करके कुछ सोचने सी लगी, मैं समझ गया की ये चिड़िया तो फंस ही गयी समझो..
मैं : “और तुम्हारी अम्मी के बारे में मैं क्या कहूँ….मैं तो समझा था की वो तुम्हारी छोटी बहन है, उन्होंने अपनी जवानी बड़े संभाल कर रखी हुई है, उनके मोटे चुचे और कसी हुई चूत पाकर मैं तो निहाल सा हो गया, मैंने कितनी बार उनकी चूत और गांड मारी मुझे भी पता नहीं…”
रेहान अपनी अम्मी के नंगे जिस्म के बारे में सोचता हुआ अपने लंड को वहीँ खड़े हुए मसलने लगा.
रेहान : “तुम सही में लक्की हो, तुम लोग अपने मम्मी पापा के साथ भी सेक्स करते हो और अब हमारे अम्मी और अब्बू के साथ भी कर लिया..”
मैं : “अगर ये बात है तो तुम भी क्यों नहीं लक्की बन जाते….”
रेहान : “क्या मतलब?”
मैं : “मेरा मतलब है की अगर तुम चाहो तो तुम अपनी अम्मी की चूत मार सकते हो और हिना अपने अब्बू का लंड ले सकती है अपनी चूत में..”
रेहान , हिना की तरफ देखता है और फिर मेरी तरफ देखते हुए “क्या सच में….ये हो सकता है..”
मैं : “हाँ…अगर तुम चाहो तो ये मुमकिन है…वैसे मैंने उन्हें एक घंटे बाद यहाँ पर बुलाया है, अगर तुम तैयार हो तो मैं तुम दोनों के मन की मुराद पूरी कर सकता हूँ…पर तुम्हे वैसा ही करना होगा जैसा मैं करने को कहूँगा..बोलो मंजूर है..?”
दोनों एक साथ बोले : “हाँ हाँ…मंजूर है…”
हम सबने हाथ मिलाया और मैंने उन्हें आगे का प्लान समझाया..
मैंने अपना प्लान पूरी तरह से उन्हें बताने के बाद बाहर आकर मम्मी, पापा, नेहा, चाचू और चाची को एक साथ बिठाया और उन्हें कल रात वाली बात बताई और उन्हें मेरे काम में सहयोग करने को कहा, मैंने रूबी और नाजिर वाली बात बड़े मजे ले लेकर बताई, जिसे सुनकर सभी के मुंह में पानी आ गया, सभी फीमेल्स रेहान के लंड का स्वाद तो चख ही चुकी थी, अब उसके अब्बा के मोटे लंड का गुणगान सुनकर उनकी चूत फिर से पनियाने लगी. और रूबी की जवानी के बारे में सुनकर तो पापा और चाचू अपने लंड को वहीँ खड़े हुए मसलने लगे, मैंने उन्हें कहा की अभी तो मैं हिना और रेहान को उनके पेरेंट्स से चुदवाने का वादा कर चूका हूँ, आप लोग उनके पेरेंट्स से बाद में मजे ले लेना. मैंने उन्हें पैसो वाली बात नहीं बताई, और उन्हें कहा की वो कुछ देर के लिए कहीं चले जाएँ और दोपहर तक ही वापिस आयें, मेरी बात सुनकर पापा ने सोनी-मोनी के काटेज में जाने का सुझाव रखा, जिसे सब ने मान लिया और वो सभी तैयार होकर बाहर निकल गए.
मैं अपने प्लान को साकार होते देखकर काफी खुश था.
मैं वापिस अपने कमरे में आया तो वहां से ऋतू की चीखों की आवाजें आ रही थी, मैं अन्दर गया तो पाया की ऋतू अपने पुरे शबाब को नंगा किये पलंग पर लेटी हुई है और हिना उसकी चूत को चाट रही है, रेहान अपने हाथ में अपना लंड पकडे अपनी बहन की मोटी गांड को मसल रहा है…
मैंने भी झट से अपने कपडे उतारे और उनके बीच कूद गया.
मैंने अपना लंड सीधा हिना की गांड के छेद पर लगाया और एक तेज धक्का मारा. आआआआअयीईईईईईईईईईइ मर्र्र्रर्र्र्र गयी हिना चिल्लाई और उसने ऋतू की चूत को चुसना बंद कर दिया और अपनी गांड मरवाने के मजे लेने लगी.
रेहान भी जैसे इसी इन्तजार में था, उसने ऋतू की चूत में अपना लंड टिकाया और उसके ऊपर झुक कर अपना पूरा लंड पेल दिया उसकी चूत में. ऋतू की चूत काफी देर से खुजला रही थी, रेहान का मोटा लंड पाकर वो मजे से सिस्कारियां ले लेकर अपनी चूत मरवाने लगी. ऋतू ने अपनी मोटी टांगें उसकी कमर में लपेटी और उसके गले में बाहें डालकर उसे अपने ऊपर झुका लिया और रेहान के मोटे होंठों को चूसने लगी..
रेहान ने ऋतू को किसी खिलोने की तरह उठा लिया और पलंग पर खड़ा हो गया, ऋतू उसकी गोद में थी और रेहान का लंड उसकी चूत में, अब ऋतू अपने चुतड उछाल -२ कर अपनी चूत मरवा रही थी, और साथ ही साथ रेहान के होंठो को भी किसी कुल्फी की तरह से चूस रही थी..
मैंने थोडा आगे झुककर हिना के लटकते हुए मुम्मे पकड़ लिए और उन्हें जोर से दबा दिया..
आआआआआआआह्ह्ह्ह वो दर्द के मारे चिल्ला ही पड़ी. मेरे आगे झुकने की वजह से मेरा लंड अब उसकी गांड के दुसरे छोर तक टक्कर मार रहा था..हिना ने अपना सर पीछे किया और अपने रस टपकाते हुए होंठो से मुझे अपना शहद पिलाने लगी, उसके नर्म होंठो को चूसते हुए, मोटे स्तनों को दबाते हुए और मखमली गांड को मारते हुए बड़ा ही मजा आ रहा था.
उसकी गांड के छेद ने मेरे मोटे लंड को किसी रबड़ की तरह से जकड़ा हुआ था, मेरा लंड उसकी गांड की गली में घस्से लगता हुआ अन्दर तक जाता और उतनी ही तेजी से बाहर निकलता..मैंने एक हाथ नीचे करके उसकी रसीली चूत पर भी हाथ फेरना शुरू कर दिया, अपनी चूत पर हुए अचानक हमले से वो एक दम से चिल्लाई और झड़ने लगी.
आआआआआआआआअह्ह्ह ऊऊऊऊऊओह्ह अशूऊऊऊउ …….म्म्मम्म्म्मम्म मजा आ गया……. आआआअह्ह्ह
वो निढाल हो चुकी थी, पर मेरा लंड अभी भी उसकी गांड के पेंच खोलने में लगा हुआ था, थोड़ी देर बाद उसने मेरे लंड पर फिर से अपनी गांड का दबाव देना शुरू कर दिया, उसके थिरकते हुए चुतड देखकर मेरे लंड ने भी आखिरकार हार मान ली और मैंने पता नहीं कितने झटके देते हुए उसकी गांड में अपनी सिंटेक्स खाली कर दी.
आआआआआअह्ह्ह आआआआआघ्ह्ह ……..ओयीईईईईईए …
ऋतू भी हवा में चुदते हुए जोर से चिल्ला रही थी…ओह्ह्ह रेहान और तेज करो ना …..अपने अब्बू की तरह मारो मेरी चूत…..
आआआआअह्ह….अपने अब्बू का नाम सुनकर रेहान को और जोश आ गया और वो और तेजी से ऋतू को अपनी गोद में लेकर उछालने लगा और जल्दी ही दोनों एक साथ झड़ने लगे..
आआआआआआआआआह्ह ओफ्फ्फ्फ़ ओफ्फफ्फ्फ़ मर गयी रे….अह्ह्हह्ह रेहान……तुम्हारा लंड सही में मजेदार है…और वो रेहान को फिर से चूसने लगी.. हवा में लटकी ऋतू की चूत से रेहान का रस टपकते हुए नीचे गिरने लगा..और फिर रेहान का लंड भी बाहर आकर लटक गया, ऋतू ने नीचे झुककर उसके मोटे नल को अपने मुंह में भरा और चूसकर साफ़ कर दिया.
मैंने घडी में देखा, उनके मम्मी पापा के आने का समय हो चूका था.
मैंने उन्हें फिर से सभी बाते समझाई, मेरा प्लान सुनकर वो थोडा घबरा रहे थे पर मैंने जब फिर से उन्हें रूबी की जवानी और नाजिर के लंड की याद दिलाई तो उनकी घबराहट थोड़ी कम हुई.
तभी बाहर से आवाज आई “अरे कोई है क्या…” ये नाजिर अंकल की आवाज थी.
मैंने जल्दी से पायजामा पहना और बाहर आया, रूबी मेरे कहे अनुसार टी शर्ट और लॉन्ग स्किर्ट में आई थी.
मैंने उन्हें सोफे पर बिठाया. नजीर अंकल बोले “कहाँ है वो दोनों…क्या तुमने हमारे बारे में उन्हें बताया है क्या…”
“वो दोनों अन्दर हैं, ऋतू के साथ, दरअसल मैं आपको एक बात बताना चाहता हूँ, वो जिन दोस्तों की बात कर रहे थे, वो हम ही हैं, हिना और रेहान हमारे फ्रेंड सर्कल मैं ही हैं, और हम सभी फ्रेंड्स सभी तरह की मस्ती करते हैं” मैंने उन्हें समझाते हुए कहा.
“मस्ती का क्या मतलब…क्या तुमने मेरी हिना के साथ….” रूबी ने मेरी तरफ घूरते हुए देखा और पूछा.
“मस्ती मतलब सब कुछ…और हाँ मैंने आपकी हिना की चूत भी मारी है, पर अब इन बातों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि आप दोनों भी तो अपने बच्चो के साथ वही सब करने आये है, वैसे भी वो अब बच्चे नहीं रहे , दोनों जवान हो चुके हैं, और अपनी मर्जी से वो कुछ भी कर सकते हैं, मेरा तो बस यही विचार है की जब आप लोग बाहर के लोगो के साथ सेक्स कर सकते हो और वो दोनों भी बाहर के लोगो के साथ सेक्स करते हैं तो क्यों न कभी-२ आपस में भी ये सब करो, सभी को मजा आएगा…”
“वो तो ठीक है…पर क्या तुमने उन्हें हमारे बारे में बताया है…” नाजिर ने कुछ सोचते हुए कहा.
“नहीं मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया…मैंने सिर्फ उन्हें कहा है की हमारे कुछ दोस्त आ रहे हैं थोड़ी ही देर में और हम सभी अपनी आँखों में पट्टी बांधकर सेक्स करेंगे, ताकि कोई तुम्हे न देख पाए और न ही तुम उन्हें देख पो, क्योंकि वो लोग अपनी पहचान गुप्त रखना चाहते हैं..” मेरी बात सुनकर रूबी और रेहान को थोडा सुकून मिला,
“पर अगर हमारी आँखों पर पट्टी हुई तो हम उन्हें कैसे देख पायेंगे…तुमने पैसे लेते हुए ये तो नहीं बताया था की हम लोगो को अपनी आँखें बंद करके उनके साथ सेक्स करने को मिलेगा..” नाजिर ने कहा.
“अरे अंकल..आप लोगो को कोन आँखें बंद करने को कह रहा है, वो तो वो दोनों करेंगे, आप लोग ऐसे ही अन्दर चलो, उन्हें कुछ मालुम नहीं चलेगा, वो तो यही समझेंगे की आपकी आँखों पर भी पट्टी बंधी हुई है…” मैं उन्हें समझाया.
वो पूरी बात समझ गए और मैं उन्हें लेकर अन्दर चल पड़ा.
मेरे कहे अनुसार अन्दर सभी लोग अपने कपडे पहन चुके थे, और रेहान और हिना ने अपनी आँखों पर पट्टी भी बाँध रखी थी.
ऋतू सिर्फ अपनी चड्डी पहन कर खड़ी थी, ऊपर उसने कुछ भी नहि पेहना हुआ था. अन्दर जाते ही अपने बच्चो को देखकर उनके दिल की धड़कने तेज हो गयी.
हिना जींस और टी शर्ट में बेड के किनारे पर बैठी थी, और रेहान ऋतू के पास बैठा हुआ था.
हिना ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी, इस वजह से उसके निप्पल्स साफ़ दिखाई दे रहे थे, कमरे में उसे अपने अब्बू के आने का आभास हो चूका था, पर मेरे कहे अनुसार वो दोनों यही दिखा रहे थे की कमरे में आने वाले कोई और हैं.
मैंने कहा “अब हमारे मेहमान आ चुके हैं, यहाँ सभी ने अपनी आँखों पर पट्टी बाँध रखी है, और मैं अब आप लोगो के जोड़े बना रहा हूँ, आप लोग बिना कोई आवाज निकाले अपने साथी के साथ मजे करोगे…ठीक है..” सभी ने सहमति से गर्दन हिलाई..
मैंने रूबी का हाथ पकड़ा और बेड पर बैठे हुए रेहान के पास जाकर उनका हाथ रेहान के हाथों में दे दिया.
रूबी ने कांपते हुए हाथों से अपने लड़के का हाथ पकड़ा..वो बिलकुल ठंडा हो चूका था.. रेहान को जैसे ही अपनी अम्मी के मादक शारीर की महक आई वो उनसे लिपट गया…और अपने कई सालो के इन्तजार का अंत करते हुए उसने अपने मोटे होंठ, अपनी अम्मी के लरजते हुए ठन्डे होंठो पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा. म्म्म्मम्म्म्मम्म आआआआअह्ह्ह रूबी के मुंह से हलकी हलकी सिस्कारियां फूटने लगी.
ऋतू भी उठी और हिना को पकड़ते हुए नाजिर के पास लेजाकर छोड़ दिया..नाजिर ने एक झटके से अपनी फुल सी बच्ची को पकड़ा और सीधा उसके मोटे चुचे दबाने लगा..पिछले दो सालो से वो हिना के मोटे होते हुए मुम्मो को देखकर कई बार मुठ मार चूका था और उनके बारे में सोचकर ऑंखें बंद करके रूबी के स्तनों को घूरता रहता था, आज जब उसके सामने अपनी आँखों पर पट्टी बांधे हिना खड़ी थी.
उसके बिना ब्रा के मोटे मुम्मे ऊपर नीचे होकर उसकी भूख को और बड़ा रहे थे तो उससे सहन नहीं हुआ और वो सीधा उनपर टूट पड़ा. अपने चुचे पर अब्बू के हमले का सामना करते हुए हिना बुरी तरह से हिल रही थी, उसके शारीर में अजीब तरह की झुरझुरी हो रही थी, वो कांप रही थी, उसने कई बार अपने अब्बू को अपनी तरफ घूरते हुए देखा था, और उनका लटकता हुआ लंड भी उसे कई बार दिख चूका था, और रातों में अपने अब्बू के कमरे से आती चीखों ने भी उसे उनके लंड के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया था,..आज उसके अब्बू उसके दोनों खरबूजे दबाने में लगे हुए थे..थोड़ी देर तक उन्हें दबाने के बाद नाजिर ने उसकी टी शर्ट को ऊपर खिसकाया और गले से निकल कर जमीन पर गिरा दी..अब हिना सिर्फ जींस में अपनी आँखों पर काली पट्टी बांधे कड़ी थी, हिना के रसीले चूचो को देखकर नाजिर की नज़रों में एक अजीब सी चमक आ गयी, उसने अपना मुंह आगे किया और उसके एक चुचे को अपने मुंह में लेकर अपनी बेटी का दूध पीने लगा, हिना के शरीर में इतनी गुदगुदी हुई की उसका पेशाब निकल गया…
मैं बेड पर बैठ गया और ऋतू मेरे शरीर से चिपक कर वहां का खेल देखने लगी..
मैं अपने हाथों से ऋतू के मोटे चूचो को दबाने लगा और वहां चल रहा शो देखने लगा.
रेहान काफी उत्तेजित हो चूका था, उसने अपनी अम्मी रूबी को होंठो को चूस चूसकर लाल कर दिया था, रूबी भी उसकी बाँहों में मचलती हुई ऑंखें बंद किये पुरे मजे लेने में लगी हुई थी, अचानक वो नीचे जमीन पर बैठ गयी और उसने एक झटके से रेहान का पायजामा उतार दिया, रेहान का उफनता हुआ लंड अब रूबी की आँखों के सामने था, रूबी ने रेहान के मोटे लंड को गोर से देखा, वो सही में नाजिर का बच्चा था, उसका लंड भी उतना हो मोटा, लम्बा पर रंग थोडा सफ़ेद था, जबकि नाज़िर के लंड का रंग बिलकुल काला था. उससे और सहन नहीं हुआ और उसने झट से अपने बेटे का लंड डाल लिया अपने मुंह में और उसे चूसने लगी.
अपनी अम्मी को अपना लंड चूसता पाकर रेहान के तो मजे हो गए, उसके पट्टी बंधे चेहरे पर आती ख़ुशी साफ़ दिखाई दे रही थी, उसने रूबी के सर के पीछे हाथ रखा और बड़ी ही तेजी से उसके मुंह के अन्दर धक्के मारने लगा… दूसरी तरफ देखा तो नाजिर ने अब हिना की जींस के बटन भी खोल दिए थे, और उसे नीचे उतारने के बाद थोडा पीछे होकर जब नाजिर ने अपनी नंगी बेटी को गोर से देखा तो उसके लंड का बुरा हाल हो गया, उसने सपने में भी नहीं सोचा था की उसे अपनी नंगी बेटी देखने को मिलेगी, पर मेरी वजह से ये सब संभव हो पाया था, उसने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और अपना आभार प्रकट किया, और फिर अपने पुरे कपडे उतार कर वो भी नंगा हो गया और अपनी नंगी खड़ी हुई बेटी से जाकर लिपट गया. अपने नंगे शरीर से अपने अब्बू के जिस्म का साथ पाकर हिना के रोयें खड़े हो गए, उसकी गीली चूत, जिसमे से अभी-२ पेशाब निकला था, बुरी तरह से गीली होकर, रस बिखेर रही थी.
नाजिर ने उसे बेड पर लिटाया और उसकी बिना बालों वाली चूत पर अपने होंठ टिका दिए और वहां का माल साफ़ करने लगा..अपने अब्बू को अपनी चूत चूसते हुए देखकर उसके मुंह से अब्बू निकलते-२ बचा…उसने अपने दांतों तले अपनी जीभ दबाकर अपनी आवाज को ब्रेक लगाया..
अब्बब्बब्ब…………अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह म्मम्मम्मम …….. और वो अब्बू के सर को अपनी चूत पर घिसने लगी. वहां से आती पेशाब की दुर्गन्ध और चूत के रस की सुगंध नाजिर को बड़ी मादक लग रही थी, वो अपनी मोटी और खुरदुरी जीभ से अपनी फुल सी बेटी की चूत बुरी तरह से चाटने में लगा हुआ था..हिना भी अपने अब्बू के लंड से खेलना चाहती थी, उसने नाजिर को बेड पर लिटाया और उनके मुंह पर अपनी चूत टिका कर अपने मुंह में उनका पाइप डाल कर चूसने लगी, पहले तो उसके मुंह में सिर्फ नाजिर का सुपाडा ही आ पाया पर थोड़ी देर कोशिश करने के बाद वो पूरा उसके मुंह के अन्दर तक जाने लगा और वो उसे चूसने लगी..
रेहान ने अपनी अम्मी को उठाया और उनके कपडे एक झटके के साथ उतार डाले और रूबी के मोटे जग से दूध पीने लगा..अपने बेटे को 17 सालो बाद अपनी छाती को चूसते हुए देखकर उसके मन में बेटे के लिए लाड आ गया और वो उसे और जोर से अपना दूध पीने के लिए उकसाते हुए उसके बड़े से मुंह में अपना स्तन ठुसने लगी..
काफी देर तक स्तनपान करने के बाद वो नीचे झुका और रस से सराबोर चूत को अपने मुंह में दबाकर चूसने लगा.
मेरे कहने की वजह से सभी अपनी चीखों और आवाजों पर नियंत्रण करे बैठे थे…इसलिए वहां सिर्फ लम्बी सिस्कारियों की आवाजें ही आ रही थी. स्स्सस्स्स्सस्स्स म्म्म्मम्म्म्मम्म ….
रेहान की लम्बी जीभ अपनी अम्मी की चूत के हर कोने में घुसकर वहां के रस को ढूंढ ढूंढकर पी रही थी, पर चूत की माया भी क्या होती है, वो जितना चूसता, उसकी चूत की दीवारों से और रस रिसने लगता और उसके मुंह में जाने लगता.
अपनी अम्मी की चूत को देखने के लालच में रेहान ने अपनी पट्टी थोड़ी सी खिसका दी और उसकी एक आँख अब थोड़ी सी बाहर की दुनिया को देख पा रही थी, इसलिए उसने अपनी माँ की खुबसूरत चूत को देखा तो उसे चाटने की स्पीड और तेज कर दी. रूबी की आँखें तो मजे लेने के चक्कर में पहले से ही बंद थी. अब दोनों बच्चे अपने अम्मी और अब्बू के लंड और चूत चूसने में लगे हुए थे..
रेहान से अब रुकना मुश्किल हो रहा था, वो उठा और अपने लंड का सुपाडा अपनी अम्मी की चूत से लगाया, अपनी चूत पर रेहान के लंड का एहसास पाकर रूबी की साँसे रुक सी गयी..उसने कुछ निर्णय किया और रेहान की आँखों की पट्टी खोल दी. रेहान के साथ-२ हम दोनों भी हैरान रह गए.
रेहान ने जब देखा की उसकी अम्मी ने उसकी आँखों की पट्टी खोल दी है तो वो उनकी आँखों में अपने लिए उमड़ते हुए प्यार को देखकर emotional सा हो गया और उसने नीचे झुककर अपनी अम्मी की आँखों को चूम लिया. “रेहान, मैं तुम्हारा लंड अपनी चूत में लेना चाहती हूँ और ऐसा करते हुए मैं तुम्हारी आँखों में देखना चाहती थी…” रूबी ने रेहान के कानो में धीरे से कहा.
वहां हिना भी उठ खड़ी हुई और अपने अब्बू के खड़े हुए लंड को अपनी चूत पर घिसने लगी, उसे मोटे लंड को अपनी चूत में घुसाने में काफी दिक्कत महसूस हो रही थी, उसकी आँखों पर पट्टी भी बंधी हुई थी, आखिरकार जब उसने चूत के छेद को लंड के बिलकुल ऊपर किया तभी अचानक उसके अब्बू ने उसके दोनों पैर खींच दिए, जिनपर उसने अपना पूरा भार डाला हुआ था, पैरों तले जमीन निकलते ही उसके शरीर का पूरा बोझ अब्बू के लंड के ऊपर आ गिरा, और उसकी चूत किसी ककड़ी की तरह चीरती चली गयी….वो चिल्ला पड़ी….
अब्ब्बब्ब्ब्बब्ब्बू ……आआआआआह्ह्ह मैं तो गयी…..
नाजिर समझ गया की हिना जानती है की वो अपने अब्बू से चुदवा रही है, उसने हाथ ऊपर करके हिना की आँखों से पट्टी उतार दी, पहली बार दोनों की नजरें टकराई और उन्होंने एक दुसरे को गले लगा लिया…नाजिर का मोटा लंड अपनी बेटी की चूत में फंसा हुआ था, हिना ने अपने अब्बू के होंठो को थोड़ी देर तक चूसा और फिर ऊपर उठकर अपने बाल बांधे और नए जोश के साथ अपने अब्बू के लंड पर चीखें मार मारकर कूदने लगी.
आआआआआह्ह्ह अब्बूऊउ मरो अपनी हिना की चूत….अह्ह्हह्ह्ह्ह कब से मैं आपका लंड लेना चाहती थी….. अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह चोदो अपनी हिना को ,,,,….अह्ह्ह्ह ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ ओफ्फ्फ …..
उनकी बातें सुनकर रेहान और रूबी भी मुस्कुरा दिए रेहान ने एक झटके से अपनी माँ की चूत में अपना लंड उतार दिया, रूबी की आँखें बाहर की तरफ उबल आई इस तेज हमले से…पर उसे मजा भी काफी आया वो चिल्ला पड़ी..
अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह रहन्न्न्न ……चोद बेटा……चोद अपनी अम्मी को…..चोद अपने मुसल जैसे लंड से ….अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह….
उनकी चुदाई देखकर मेरी आँखों में भी पानी आ गया, मैंने ऋतू की तरफ देखा जो अपनी कच्छी उतार चुकी थी, मेरे देखते ही वो समझ गयी और मेरे पायजामे को नीचे करके वो किसी भूखी बिल्ली की तरह मेरे लंड पर कूद पड़ी और अपनी चूत के अन्दर मेरे लंड को लेकर जोरो से चीखें मारने लगी..आआआआआआअह्ह्ह अशूऊउ मारो मेरी चूत…..अह्ह्ह्हह्ह फाड़ डालो …..अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह
अब कमरे में इतनी चीखे गूंज रही थी की क्या बताऊँ.
सबसे पहले रेहान ने अपनी अम्मी की चूत में अपना लंड खाली किया.. आआआआआआह्ह्ह अम्मीईईईईइ मैं तो गया….ले अपने रेहान का रस….आआआआआअह्ह्ह्ह आआआजाआअ बेटा…..आआआआजाआआआ…….और ये कहते हुए रूबी भी झड़ने लगी.
नाजिर सही में कसाई हो गया था अपनी बेटी की चूत पाकर, वो बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था, उन धक्को में हिना दो बार झड चुकी थी…नाजिर ने हिना के उछलते हुए चुचे अपने मोटे हाथों में पकडे और नीचे से तेजी से धक्के मारने लगा..जल्दी ही उसका ज्वालामुखी भी फूटने लगा और उसने करीब आधा गिलास रस अपनी बेटी की चूत में खाली कर दिया.
अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ग्रर्र्र्रर्र्र्र बड़ी तेज आवाजों के साथ वो गहरी साँसे लेने लगा.
मुझसे भी रुका नहीं गया और मैंने अपनी प्यारी बहन की चूत में अपना रस छोड दिया.
अब चारों तरफ गहरी साँसों की आवाजें आ रही थी, सभी अलग हुए और अपने पार्टनर के लंड को चूस कर साफ़ करने के बाद वहीँ लेट कर सुस्ताने लगे.
ये सब करते हुए दो घंटे हो चुके थे, हमारे मम्मी पापा के आने का टाइम हो चूका था. वो किसी भी वक़्त आ सकते थे.
रूबी ने उठ कर कहा की उसे तो बड़ी तेज भूख लगी है और वो उठकर कपडे पहनने लगी, हिना भी साथ ही उठ खड़ी हुई और उनके साथ वो भी जाने के लिए तैयार होने लगी.
नाजिर अपनी मोटी आँखों से अपनी फूल सी बेटी को कपडे पहनते हुए देख रहा था, उसका मन अभी अपनी बेटी की चूत मार कर भरा नहीं था, पर वो जानता था की उसके मोटे लंड का प्रहार उसकी बेटी ज्यादा नहीं झेल पाएगी इसलिए उसने उसे रोका नहीं और वो ये भी जानता था की अब तो उसका रास्ता खुल ही गया है, घर पर वो कभी भी उसकी चूत की चटनी बना कर पी सकता है. उसकी नजर मेरी बगल में लेटी ऋतू की तरफ गयी जो अपनी चूत को अपनी उँगलियों से मसल कर साफ़ कर रही थी और अन्दर से मेरा गिरा हुआ माल निकाल कर अपने मुंह में ले रही थी.
उसने जब नाजिर को अपनी तरफ देखते हुए पाया तो वो मुस्कुरा दी, नाज़िर वैसे तो कसाई की तरह चोदता था पर उसके मोटे लंड का एहसास वो अभी तक नहीं भूली थी, उसका तो फेवरेट लंड हो चूका था नाजिर का.
नाजिर अपनी बीबी रूबी से बोला, “तुम दोनों जा कर कुछ खा लो …मैं बाद में आता हूँ…” रूबी समझ गयी की उस कसाई का मन अभी नहीं भरा है, वो मुस्कुरा दी और अपनी बेटी के साथ बाहर निकल गयी.
नाजिर ने ऋतू को इशारे से अपने पास बुलाया, ऋतू झट से उठ कर नंगी उसकी गोद में बैठ गयी…नाजिर ने अपना मुंह सीधा उसके नर्म होंठो पर टिका दिया और उन्हें चूसने लगा, वैसे तो उसके पान वाले, मोटे और भद्दे मुंह से बड़ी ही गन्दी बदबू आ रही थी, पर उसके मोटे लंड को अपनी चूत में लेने के चक्कर में उसने उस बदबू को भी नरअंदाज कर दिया और अपनी लम्बी जीभ उसके मुंह में डाल कर और मजे देने लगी, साथ ही साथ वो अपनी फैली हुई गांड उसके बैठे हुए लंड पर घिस भी रही थी, ताकि वो जल्दी से तैयार हो जाए और उसकी चूत को बजा डाले.
रेहान भी उठ कर ऋतू के पास आ गया और उसने अपने हाथ आगे करके उसके उभारों को थाम लिया, ऋतू ने उसकी तरफ देखा और उसे भी अपने पास खींच लिया, नाजिर ने भी अपने बेटे को थोड़ी जगह दी और अब ऋतू नाजिर और रेहान के बीच बैठी हुई उनके लंड मसल रही थी.
