रंडियो का घर - Incest Adultery Sex Story

अध्याय 64
मैं और शबनम दोनो ही इस ख्याल में थे की आखिर इस कागज में लिखा क्या है ……

ये कोई कोड था जिसे तोड़ने की कोशिस में मेरा एक घण्टा निकल चुका था ..

आखिर थककर मैंने इसे छोड़ने की सोची और अपना लेपटॉप निकाल कर कुछ बिल का काम करने लगा,

मुझे कुछ टाइप करना था ,अचानक मेरा ध्यान फिर से उस कोड पर गया,

मैंने देखा की हर नंबर के आगे u m l लिखा हुआ है ,

u से अगर अपर हो ,m से मिडिल और l से लोवर तो अगर ये kyebord में जमे हुए अक्षरो के बारे में हो तो ..

मैं तुरंत फिर से उस कागज को खोलकर अपने सामने ले आया और उसे मिलाने लगा

l5 u9 m3 m9 u8

l7 m1 m6

u3

530

l5 मतलब अगर शुरू से गिना जाए तो लोवर रो का 5वा अक्षर मतलब b

u9 मतलब अपर रो का 9वा अक्षर मतलब o

मैं सभी को फिर के जमाते गया और मेरे सामने नया वाक्य बन गया जिसे देखकर मेरी आंखे ही चमक गई ,

bodli mhl e 530

बोदली महल मैं इस जगह को जानता था,या ये कहो की मैं यंहा ही पला बढ़ा था ,मैंने तुरंत ही शबनम को इस बारे में बतलाया की मुझे तुरंत ही निकलना होगा,क्योकि ये मेरे गांव से कुछ दूर एक खण्डर पड़े हुए जगह का नाम है ,बोदली महल और e 530 का मतलब हो सकता था की एविनिग के 5 बजकर 30 मिनट में …

शायद इसीलिए काजल अभी निकली थी क्योकि वो 4 बजे तक वँहा पहुच जाएगी …

मेरी धरती में ही कोई उसे कुछ राज बतलाना चाहता था और मुझे इसका आभास अभी हो रहा था,जरूर ये निशा से ही जुड़ा हुआ कोई तार था जिसको जानने के लिए काजल बेताब हो रही थी ,और अब मैं और शबनम भी ……..

मुझे तुरंत ही बोदली महल के लिए निकलना था और मैंने देरी करना जरूरी थी नही समझा,शबनम भी मेरे साथ जाने की जिद करने लगी लेकिन मैं उसे अपने साथ नही ले जाना चाहता था क्या पता की वँहा कौन सा नया खतरा मेरे सामने आ जाए …

मैं अब अपने घर के रास्ते में था ,वो घर जिससे मैंने अपना नाता पूरी तरह से ही तोड़ लिया था ना जाने कौन सी सच्चाई मेरे सामने आने वाली थी मैं बेताबी से गाड़ी चला रहा था ,मैं सालो बाद उस जगह में जा रहा था जंहा मैंने अपना बचपन गुजारा था ,मैं भविष्य की कल्पनाओं में डूबा हुआ बस बोदली महल की ओर गाड़ी को तेजी से भगा रहा था ………

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