मेरे गाँव की नदी – Update 69 | Incest Sex Story

मेरे गाँव की नदी – Incest Sex Story

कल्लू:ठीक है गुड़िया।लेकिन एक शर्त पर मैं जैसे जैसे कहूँगा।तुम करोगी।देखता हु इस चुदाई में तुम जीतती हो या मैं।
कल्लू:गुड़िया आ थोडा मेरा लंड चूस दे मैं तुझे गोद में उठाकर चोदना चाहता हूँ।
गुड़िया कल्लू के आगे बैठ जाती है और उसके लंड को पहले जीभ से चाटने लगती है।फिर वह लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगती है।
कल्लू:गुड़िया अब तो तू लंड चूसने में पूरी एक्सपर्ट हो गई है।आ मेरी गोद में और अपनी चूत मेरे लंड पर रखकर बैठ जा।गुड़िया अपने भैया की गोद में चढ़कर अपने कोमल हाँथो से कल्लू भइया के लंड को अपनी रसीली चूत में सेट करती है और उसपर बैठ जाती है।कल्लू का लंड गुड़िया की गीली चूत में जड़ तक घुस जाता है।
अब कल्लू गुड़िया को गोद में उठाकर खेत में घुमा घुमा कर चोदने लगता है।कुछ ही देर की चुदाई में गुड़िया पूरा गरम हो जाती है और गोद में ही अपने भइया के लंड पर कूदने लगती है।
फिर कुछ देर बाद कल्लू गुड़िया को गोद से उतारकर कुतिया बना देता है।पीछे से अपना मोटा लंड अपनी छोटी बहन की चूत में पेल देता है।फिर वह गुड़िया के दोनों पैर को ऊपर उठा देता है और गुड़िया को हाथों के बल आगे चलने को कहता है।गुड़िया कुतिया बनी अपने दोनों हाथों के बल आगे चलने लगती है।और कल्लू पीछे से अपना लंड पेलता जाता है।
अब गुड़िया को पुरे खेत में कुतिया बना कर दौड़ा दौड़ा के पेलता है।आधे घंटे की जबरदस्त चुदाई के बाद गुड़िया झर जातो है तब कल्लू अपना लंड गुड़िया की चूत से निकालकर उसे सामने बिठा देता है और पूरा वीर्य गुड़िया के पुरे शरीर पर गिरा देता है।गुड़िया का बदन कल्लू के वीर्य से भीग जाता है।

गुड़िया:भइया देखो तुमने मुझे पूरा गन्दा कर दिया।चलो अब नदी में नहाकर आते है।मेरा पूरा बदन गन्दा हो गया है।
कल्लू:ठीक है गुड़िया चलो।लेकिन पहने कपडे तो पहन लो।गुड़िया अपना टॉप और स्कर्ट पहन लेती है और दोनों नदी के तरफ चल देते है।
गुड़िया:अरे भइया मई तो भूल ही गई थी की जब तुम माँ को तैरना सिखाने लाये थे तो क्या क्या किया।माँ के मोटे मोटे गांड का मज़ा लिया की नहीं।
कल्लू:अरे गुड़िया ।बहुत मज़ा आया माँ के साथ।जब माँ को नंगा करके तैरना सीखा रहा था।तो गहराई में जाने पर जब माँ मेरे लंड पर चढ़ गई थी तो मैंने धीरे से अपना लंड माँ की गदराई चूत में घुसा दिया था।फिर तो माँ इतनी गरम हो गई थी की मेरे गोद में चढ़कर एक घंटे तक अपनी चूत चुदवाती रही।
गुड़िया:सच भइया माँ बहुत चुद्दकड़ है।अब तो तुम्हारे मज़े ही मज़े है।जब मैं शहर चली जाउंगी तब माँ को खेतो में नंगा करके चोदते रहना।

कल्लू:हाँ मेरी गुड़िया।माँ की बात करके तूने फिर से मेरा लंड खड़ा कर दिया।चल अब नदी आ गई है।हमदोनो नंगे नहाते है।तू मेरी गोद में चढ़ जा।आज तुझे भी माँ की तरह चोद दूँ।
गुड़िया अपने कपडे उतार कर पूरी नंगी हो जाती है।कल्लू भी नंगा हो जाता है और गुड़िया को गोद में उठा लेता है।फिर अपना लंड गुड़िया की चूत में पेल देता है और दोनों गर्दन भर पानी में चले जाते है।कल्लू अपनी बहन के रसीले होठो को चाटने चूसने लगता है।और निचे से लंड को धीरे धीरे गुड़िया की चूत में पेलने लगता है।
गुड़िया भी अपने भइया के चेहरे को चाटने चूसने लगती है।अपने चूंचियों को अपने भैया को चुसाने लगती है।दोनों को कितना मज़ा आ रहा है।

आधा घंटा पानी में मस्ती करने के बाद दोनों की उत्तेजना बढ़ गई और वहीं कम पानी में लाकर कल्लू ने गुड़िया को हाथ के सहारे घोड़ी बनाया और उसकी चूत में लौड़ा घुसा दिया और स्पीड से चोदने लगता है।
गुड़िया- आ आह्ह..पेलो भइया.. आह्ह.. आह्ह.. जोर जोर से.. आइ.. आह्. आह्ह.. उई.. मजा आ रहा है।

गुड़िया की बातों से कल्लू को और जोश आ गया, वो उसकी कमर पकड़ कर ज़ोर से चोदने लगा।
दस मिनट में गुड़िया की रसधार बह गई.. मगर कल्लू तो अभी बाकी था.. वो कहाँ रुकने वाला था। वो ‘दे दना दन’ चोदता रहा पेलता रहा।
गुड़िया- आ आह्ह.. भाई.. आह्ह.. चूत ही आ आह्ह.. मारते रहोगे क्या.. आ आह्ह.. दर्द होने लगा है.. अब तो गाण्ड भी खुल गई है.. तो उसमें पेल दो न..
कल्लू- हाँ मेरी रानी.. मन तो मेरा भी तेरी गाण्ड मारने का ही है.. मगर मैं तुम्हारे कहने का वेट कर रहा था।

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