मेरी माँ बहने और उनका परिवार – Update 27

मेरी माँ बहने और उनका परिवार - Family Sex Story

मेरी माँ बहने और उनका परिवार – Update 27

जब मैं निचे पहुंचा तो कोई नहीं था। मैं सीधे सुधा दी की कमरे में पहुँच गया। कमरे में अँधेरा था। थोड़ी देर बाद जब आँख सेट हुई तो देखा दीदी नीचे बच्चे की साथ सोइ हैं। बच्चे की चारो तरफ मच्छरदानी लगी थी और उसे हर तरफ से घेर रखा था जिससे वो इधर उधर लुढ़के न। कमरे में पालना था पर उस पर वो दिन में ही सोता था। सोनिया और उसकी माँ बेड पर सोइ थी । उसकी माँ बेड की किनारे और सोनिया दिवार की पास। सुधा दी की पीठ बच्चे की तरफ थी। मैं धीरे से उनके पास पहुंचा और उनके बगल में सो गया। मुझे पता था उनका दूध भरा हुआ होगा और मैं वही पीने आया था तो मैंने उनके ब्लाउज पर हाथ लगा कर उसे खोलने लगा। उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मैंने उनके मुँह पर हाथ रख दिया और चुप कराते हुए कहा – चुप रहो। वरना तुम्हारी सास और सोनिया जग जाएँगी। उनके सामने थोड़ा अजीब लगेगा।

वो कुछ नहीं बोलीं। मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया और उनके स्तन पकड़ लिए। मुझे उनके स्तन थोड़े बड़े से लगे। पर मुझे लगा दूध की वजह से बड़े हो गए होंगे। मैंने थोड़ा दबाया और फिर मुँह लगा दिया। मेरे मुँह लगाते ही उनके मुँह से सिसकारी निकल गई। वो बोली – राज बेटाआआ।

आवाज सुनते ही मेरे पैरों टेल जमीन खिसक गई। वो दरअसल दीदी नहीं उनकी सास थी। मुझे समझ ही नहीं आया क्या हुआ है।

मैंने धीरे से कहा – सॉरी मम्मी जी। मुझे लगा दीदी हैं।

रत्ना आंटी – ओह्ह। कोई बात नहीं। सुधा बेड पर है।

मैंने देखा तो सुधा दीदी गहरी नींद में थी। मुझे उन्हें जगाना उचित नहीं लगा। मैं उठने लगा तो रत्ना एंटी बोल पड़ी – अब खोल लिया है तो पी भी लो। इनमे दूध तो नहीं होगा पर तुम्हारे छूने से भड़क गए हैं ये।

मैं समझ गया कि ये चुदास हो रखी है। वैसे तो श्वेता ने घर की औरतों की शर्त दे रखी थी। पर ये एक और सही। मैंने भी तुरंत वापस से उनके स्तन पकड़ लिए और बिना कुछ बोले उन्हें दबाने लगा। आंटीफिर से सिसकारियां लेने लगीं।

मैंने कहा – आंटी ऐसे तो ये दोनों जग जाएँगी।

आंटी – जगती हैं तो जग जाए। क्या फरक पड़ता है। सुधा की गोद में वैसे भी तेरा ही बच्चा है। सोनिया तुझसे चुद ही चुकी है। मुझे अकेला क्यों छोड़ना। बहुत दिनों से चाह रही थी। बस तू अपना काम कर।

अब मुझे उनके तरफ से सिग्नल मिल गया था। मुझे दीदी का डर तो नहीं था पर सोनिया शायद बुरा मान सकती थी। वैसे भी वो नाराज थी। पर जब उसकी अम्मा ही छोड़ने को तैयार है तो मुझे कैसा डर। मैंने उनके मुम्मे चूसना शुरू कर दिया। वो मेरा सर पकड़ पकड़ कर मुझे दूध पर दबा रही थी।

रत्ना आंटी – आह। बहुत सालों बाद मरद का मुँह लगा है इन पर। अभी तक सुधा और सोनिया ने ही इनका ख्याल रखा था पर तेरी बात अलग है। पी जा इन्हे पी जा। खूब चूस। निचोड़ दे इन्हे। आह आह।

रत्ना आंटी एकदम चुदास हो रखी थी। कुछ देर स्तन चुवाने की बाद मै उनके ऊपर चढ़ गया और अपना लंड उनके कपडे की ऊपर से ही रगड़ने लगा। आंटी बोली – थोड़ा रुको । साडी तो उतारने दो।

मैं – रंडी कहीं की अब तक इन्तजार किस बात का कर रही थी। तेरी बहु तो दूध पिलाते पिलाते ये सब काम कर लेती है।

आंटी – अरे बेटा। उसकी चुदाई की आदत हो गई है। मैं अब ये सब कहाँ करती हूँ।

मैं – झूठ बोलना बंद कर। साली अपनी बेटी और बहु को एक साथ बदन सौंपती है तो यहाँ मुझे कह रही है भूल गई।

आंटी – अरे वो दोनों तो खुद ही उतार देती हैं सब।

आंटी ने जल्दी से अपनी साडी ऊपर करने की कोशिश की तो मैंने कहा – उतार दे। नंगा करके चोदने में ज्यादा मजा आएगा।

मैं साइड में दोबारा होकर उनके दूध पीने लगा और उन्होंने सब कपडे उतार दीय। उनकी बेचैनी देख मुझे मजा आ रहा था। मैं दोबारा उनके ऊपर छड़ गया और एक ही झटके में अपना लंड उनके चूत में उतार दिया । उनकी चीख निकल गई।

बोली -अरे माँ , फाड़ दिया तूने मेरे चूत को। भोसड़ी वाले आराम से डालना था न।

मैंने उनके मुँह पर दोबारा हाथ लगाया और कहा – माँ की लौड़ी इतना चीखेगी तो तेरी बेटी बहु ही नहीं, घर की बाकी लोग भी जग जायेंगे।

तभी दीदी बोली – क्या अम्मा , इतना चीखोगी ?

मैंने देखा तो दीदी और सोनिया दोनों जग कर बेड पर बैठ गई थी।

मैंने आंटी को पेलना शुरू कर दिया। दीदी उठ कर आंटी की पास चली आई और उनके मुँह दबा कर बोली – तू पेल इस रंडी को मैं देखती हूँ कैसे चीखेगी। बहुत बेचैन थी साली। जब से आई है तब से बोल रही थी तेरे से जुगाड़ करने की।

मैं- मस्त माल है ये भी। एकदम सील पैक टाइप चूत है।

दीदी – सालों बाद लौड़ा ले रही है वार्ना अभी तक चटवा कर ही काम करती थी।

तभी सोनिया बोली – नहीं भाभी चुप छुपा कर खीरा गाजर भी।

मैंने सोनिया की तारा देखा और कहा – तेरी नाराजगी ख़तम ?

सोनिया – मेरी जान तुझसे कितने देर तक नाराज रह सकती हूँ मैं भला।

मैं – फिर तैयार रह। तेरी माँ की बाद तेरा नंबर।

सोनिया ने अपना टी शर्ट उतार दिया और बूब्स लहरा कर बोली – पहले मेरी रंडी माँ को तो चोद लो।

आंटी की चूत अब मेरे लंड को आराम से ले रही थी। अब उनका चीखना बंद हो गया था। दीदी मेरे पास आई और मुझे किस करके बोली – जल्दी से चोद ले। दूध तैयार है।

मैं आंटी को चोदे जा रहा था। चूँकि छत पर चुदाई कर चूका था तो इस बार मुझे देर होनी ही थी। आंटी कुछ ही देर में फारिग हो गेन पर मेरा चोदना जारी था। आंटी – बस कर मेरा तो हो गया। अब मुझे माफ़ कर दो। सोनिया की ले लो।

मैं – बस हो गया ? इतने की लिए पगलाई थी।

आंटी – सालों बाद लंड लिया है। बस एक बार रुक जाओ। फिर देखना कितना मजा दूंगी।

मैंने सोनिया की तरफ देखा। वो मेरा इशारा समझ कर अपनी पेंट उतार दी और बेड की किनारे आकर बोली – आ जाओ मेरे जानू , ले लो। ये चूत कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।

मैंने आंटी की चूत से लंड निकाल लिया और खड़ा होकर बेड की तरफ चल पड़ा। दीदी ने तब तक झुक कर आंटी की चूत की सफाई शुरू कर दी।

मैंने सोनिया की टांग पकड़ कर बेड की किनारे घसीटा और उसकी टांग उठा कर कंधे पर रख लिया। उसकी बाद मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। सोनिया ने खुद से ही अपने मुँह पर अपना हाथ रख लिया था। मैंने फिर सोनिया की ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी। इधर दीदी ने आंटी की चूत चाटने की बाद सोनिया की स्तनों को दबाना शुरू कर दिया था। साथ ही वो दोनों एक दुसरे को चूम भी रही थी। मैं उन दोनों की हरकत देख उबाल पर आ गया था।

अब दीदी ने मेरी तरफ देखते हुए कहा – मौसी की भी ले ली ?

मैं – हाँ। साली एक नंबर की रांड हैं। खानदानी चुदक्कड़ हैं।

दीदी – और विक्की ?

मैं – हम दोनों ने मिलकर लिया। मौसी को भी डीपी शौक है।

दीदी – साली सब मौसियां ऐसी ही हैं।

मैं – लीला डी को भी और मामी को भी।

सोनिया – मजा तो तब आएगा, जब तू मोनी की लेगा।

मैं – मादरचोद पहले तू तो मेरा लंड ले।

सोनिया – लिया तो हैं बहनचोद। मार मेरी। मेरी चूत छोड़ तुम दोनों भाई बहन किसी और की बात करने लगे।

मैं – वो तो बकचोदी है , असली चूत तो तेरी चुद रही है।

सोनिया – साले तेजी से चोद। मेरी चूत में दर्द करा दिया।

मैंने अब सोनिया को उठाया और बेट से उतार कर पलट दिया और घोड़ी बना दिया। अब मैंने पीछे से उसे चोदना शुरू कर दिया। दीदी ने अपनी चूत में ऊँगली करनी शुरू कर दी थी। साथ ही वो अपने स्तन दबा रही थी। वो बोली – जल्दी कर , दूध बन चूका है।

सोनिया तो कई बार आ चुकी थी। मेरा भी माल निकलने वाला था। कुछ और धक्कों की बाद मेरे लंड ने अपना पूरा माल सोनिया की चूत में उतार दिया। पानी निकलते ही मैंने अपना लंड बाहर निकाला और सोनिया की गांड पर थप्पड़ मार कर बोला – एक दिन गांड भी लूंगा।

सोनिया बिस्तर पर लुढ़क गई और बोली – ना रे। गांड तो अपने पति की दूंगी। कुछ तो सील पैक उसकी लिए भी होना चाहिए।

मैं – हँसते हुए – विक्की को भी गांड पसंद है। एक साथ ही सुहागरात मनाएंगे। मैं चूत और वो गांड।

सोनिया – गरररर , फिर से उसका नाम लिया तुमने। मैं फिर नाराज हो जाउंगी।

मैं लंड हिलाते हुए बोला – इसे देख फिर मान जाओगी।

सब हंसने लगे। तभी दीदी बोली – आ जा दूध भी पी ले। आज बहुत मेहनत की है तूने।

मैं – ये बताओ , जब मैं नहीं आया था तो कैसे काम चला ? दर्द नहीं हुआ ?

दीदी मुश्कुराते हुए – ये बिल्ली थी न। जब तुम नहीं आये तो ये पी गई।

सोनिया – अरे भाभी मैं ही नहीं , माँ ही तो थी।

मैं – सच में तुम तीनो कमाल की हो।

आंटी – कमाल तो तुम सबमे है। वार्ना हम तो ऐसे ही जी रहे थे।

मै फिर दीदी की बगल में लेट गया और उनका स्तनपान करने लगा। कुछ देर बाद सोनिया भी शामिल हो गई। दीदी पीठ की बल बेड पर टेक लगाकर बैठी थी औरत हम दोनों उनके गोद में सर रख कर स्तनपान कर रहे थे। दीदी हम दोनों की बालों को सहला भी रही थी।

आंटी ने वापस कपडे पहन लिए थे और सोने लगीं। कुछ देर स्तनपान करने की बाद मैंने दीदी की चूत को थोड़ा चाट। सेक्स की लिए डॉक्टर ने एक दो हफ्ते की लिए मना किया था। चूत का रास पीने की बाद मैं छत की ओर चल पड़ा। वहां का नजारा बदला हुआ था। माँ पीठ की बल लेटी हुई थी। विक्की उनके बगल में लेटाहुआ उनके स्तनों को चूस रहा था और मौसी झुक कर माँ की चूत को। मैं दबे पाँव ऊपर पहुंचा और मौसी की गांड पर जोरदार थप्पड़ मार कर बोला – मुझे लगा तुम सब सो गए होंगे। पर यहाँ का अलग ही नजारा है। बड़े चोदू टाइप हो तुम सब।

मौसी हँसते हुए बोली – तुझसे बड़ा चोदू खानदान में कोई नहीं है। यहाँ मेरी लेकर नीचे तीन तीन चूत मर आया और मेरे गांड पर भी नजर डाले हुए हो।

मैंने कहा – तीन नहीं दो।

विक्की – अबे तू सच में बहुत बड़ा चोदू है। दो कौन ?

मैंने कहा – एक तेरी होने वाली बीवी और सास।

विक्की शरमाते हुए बोला – सोनिया मेरे लिया मान गई क्या ?

मैं कुछ बोलती मौसी बोल पड़ी – ये क्या चक्कर है ? तुम मादरचोद लड़कियां भी पसंद किये बैठे हो ?

फिर मैंने विक्की को हटा दिया और माँ की बगल में लेट गया। मौसी मेरे बगला में और विक्की फिर उनके पास। मैंने उन्हें विक्की की पसंद और सोनिया की बारे में बताया। सब सुनने की बाद वो बोली – चल ठीक है। घर की ही बात है। वैसे भी लड़की बहुत अच्छी है। क्या हुआ जो चुद चुकी है। घर की हे लौंडे से से तो चुदी ह। शायद उन्हें थोड़ा दुःख था।

तभी माँ बोल पड़ी – तू क्यों भूल जाती है , शादी से पहले अपने ही बाप से चुदी थी। खुद तो बाप की लंड पर झूलती थी और बहु की बारे में कुछ भी बोलेगी।

मौसी – नहीं दीदी , वैसी बात नहीं है। राज भी तो अपना ही लड़का है।

विक्की – माँ , आप इतना मत सोचो। मैं भी आपको चोद चूका हूँ। मैं कोई दूध का धुला तो नहीं हूँ। पर इन सबसे पहले वो माने तो न।

मैं – मान जाएगी। मिल कर मनाएंगे तो मान भी जाएगी।

विक्की – फिर दोनों भाई मिलकर उसकी लेंगे भी।

मौसी ने उसकी सर पर एक चपत मारते हुए कहा – कभी खुद अकेले भी कुछ करेगा ? मादरचोद बाप की साथ मुझे चोदने की ऐसी आदत लगी है अकेले लौड़ा हिलता भी नहीं है।

मैं – क्यों परेशान हो मौसी। विक्की में भी इसी खानदान की गुणहैं। जब चोदेगा तो उसकी चूत भी फाड़ देगा। वैसे भी उसने अपनी गांड अपनी पति की लिया बचा कर रखा है। कुंवारी गांड तो मिलेगी ही।

मौसी – पहले हाथ तो लगा ले।

माँ – सब सो जाओ। सुबह होने वाली है। घर में और भी मेहमान हैं। कल होटल वाले भी आएंगे।

अगली सुबह जब मैं उठा तो मुझे देखते ही श्वेता बोली – क्यों चोदू कल रात किसकी किसकी ली ?

मैं – तुझे तो सब पता है?

श्वेता – मुझे कैसे पता होगा ? कल तो घोड़े बेसज कर सोइ थी।

ये सुनकर मेरा माथा चकरा गया। इसका मतलब छत पर हमें छुप कर देखने वाला कौन था ? कहीं वो सोनी तो नहीं थी। खैर मैंने कुछ कहा नहीं। कुछ देर बाद जब सोनी सामने आई तो वो मुझे अजीब नजरों से देख रही थी।

खैर उसी हफ्ते में मामी के बच्चे का भी फंक्शन हो गया। मेहमानों में सुधा दी के हस्बैंड और ससुराल वाले चले गए। सोनिया को दीदी ने कुछ दिनों के लिए रोक लिया । चाचा अकेले थे तो इस बार चाची को भी साथ लेते गए। चाची ने फिर जल्दी ही आने का वादा किया था। छोटे मौसा और सोनी भी चले गए। सोनी ने कहा बुटीक को स्टाफ के भरोसे नहीं छोड़ सकती। मंजू मौसी और विक्की कुछ दिनों के लिए रुक गए। मैंने मौसा से कहा कुछ दिनों में मैं उन्हें छोड़ दूंगा। श्वेता भी वापस हॉस्टल चली गई।

अब घर में मैं , सुधा दी , सोनिया , मंजू मौसी और विक्की रह गए। उधर मामा के यहाँ मामी, लीला दी और बड़ी मौसी। नाना भी अभी यहीं थे। मैं और विक्की बिजनेस के बारे में प्लान करने में लगे थे। साथ ही विक्की सोनिया को पटाने में लगा था। सोनिया ने शुरू में तो उसे इग्नोर किया पर बाद में उसे विक्की से बात करने में मजा आने लगा था। अब हम तीनो भी आपस में एक साथ ज्यादा समय बिताने लगे थे। पर विक्की की नजर सोनिया के साथ साथ माँ पर भी थी।

सुधा दी ने उसे पहले ही वार्निंग दे दी थी। हुआ ये कि एक दिन उसने मजाक में सिर्फ ये कह दिया कि कमजोरी सी लग रही है थोड़ा ताजा दूध उसे भी मिल जाता।

उसी पर सुधा दी ने पहले तो उसे वहीँ पड़े चप्पल को फेंक कर मारा और भी कहा – मादरचोद , मेरे तरफ नजर भी मत डालना। अपनी माँ को छोड़ और बच्चा कर ले। फिर मजे से दूध पीना। मेरे पास आया तो लौड़ा काट कर हाथ में दे दूंगी ।

दीदी का गुस्सा देख वो घबरा गया। मैं और सोनिया हँसे जा रहे थे। मौसी ने भी उसे बहुत डांटा। वो बोली – हर चूत मारने के लिए नहीं होती। औरत जब मन से खुद ही दे तो ले वरना अपने लंड को अंडरवियर से बाहर नहीं निकलने देना चाहिए। बेचारा उस दिन के बाद से सुधर गया। सुधा दी के तरफ आँख उठा कर भी नहीं देखता था

एक दिन मौसी ने मामा के यहाँ चलने को बोला तो हम सब तैयार हो गए। पर सुधा दी नहीं जाना चाहती थी। ख़ास करके जब लीला मौसी और नाना अभी थे। माँ भी फिर रुक गईं। आखिर में सिर्फ मैं , मंजू मौसी, और विक्की ही जाने के लिए तैयार हुए । जब हम जा रहे थे तो सोनिया उलाहना देते हुए बोली – जाओ जाओ तुम लोगो की तो मौज है वहां। बड़ी मौसी और लीला दी तो है ही । विक्की थोड़ा सेंटीमेंटल हो गया। उसने कहा – मैं नहीं जाऊंगा।

सोनिया ने कहा – जाओ , ले लो मजे। मेरे चक्कर में ना पडो। वैसे भी तुमसे मेरा क्या नाता ?

ये सुनकर विक्की थोड़ा उदास हो गया पर मैं समझ गया कि ये सब उसके लिए ही था। मुझे तो वैसे भी श्वेता की बात रखनी थी। मुझे तो बड़ी मौसी की लेनी ही थी। आज नहीं तो कल।

खैर हम तीनो वहां से चल पड़े। हमें देख मामा खुश हो गए। नाना माँ और सुधा दी के ना आने से थोड़ा दुखी थे पर उन्हें पता था वो कुछ नहीं कर सकते थे। गलती उनकी ही थी। मैं और विक्की मामी के कमरे में उनके और लीला दी के बच्चों के साथ खेलने लगे और मौसी लोग आपस में बात करने लगे। तभी कमरे में लीला दी हम लोगों के लिए कोल्ड ड्रिंक लेकर आई। उन्हें देख कर विक्की बोला – क्या दी , नाना को ताजा ताजा दूध और हमें कोल्ड ड्रिंक।

लीला दी – क्यों तेरी माँ का कम पद जाता हैजो बाहर से माँगना पद रहा है ?

विक्की बेशर्मो की तरह बोला – माँ का दूध कहाँ आता है ? बस ऐसे ही चूस लेता हूँ। पर तुम तो दे ही सकती हो।

लीला दी – सुधा ने नहीं दिया अभी तक।

विक्की ने तुरंत अपना हाथ अपने लंड पर रख लिया – बाप रे नाम मत लो उनका , जान ले लेंगी वो मेरा।

तभी कमरे में मामी आई। बोली – कौन किसकी जान ले रहा है ?

विक्की ने मामी को फिर सुधा दी वाला काण्ड सुनाया तो मामी हंसने लगीं। बोली – तू बकलन्ड ही है। सुधा अलग किस्म की है। एकदम सोनी और श्वेता की तरह। देंगी तो उसी को जिसे प्यार करती हैं। दूसरा कोई हाथ भी नहीं लगा सकता।

मैं बोल पड़ा – प्यार तो आप भी करती हैं हमसे।

मामी मेरे पास में आकर मेरे गोद में बैठ गईं और बोली – तुझसे तो हर कोई प्यार करता है। मूरख ही होगा जो तेरे से दूर भागेगा।

मैं – पता नहीं मामी। पर कोई तो है जिसे अपने नाना से ज्यादा प्यार है।

मैंने लीला दी के तरफ इशारा था। उन्हें बुरा लगा। वो उठ कर जाने लगीं तो मामी बोली – अरे भाई बच्चे भूखे हैं। दूध तो पीला दो।

लीला दी अपने बच्चे की तरफ बढ़ी तो मामी बोली – अरे उन्हें तो मैंने अभी सीरियल खिला दिया था। मैं तो इन बच्चों की बात कर रही थी।

विक्की – आप कितनी अच्छी हैं मामी। मैं लीला दी से वही कह रहा था। हम इतने छोटे हैं, कोल्ड ड्रिंक नुक्सान करेगा। ताजा दूध पीला दें।

लीला दी – आप ही पिलाओ। मैं जा रही हूँ।

मैं – जाने दो इन्हे मामी। अभी देखना नाना की कुल्फी चाटेंगी।

मामी – बेवक़ूफ़ है ये। अभी तेरा कुलफा देखा नहीं है न। वैसे जरा दिखा , बहुत दिन हो गए हैं।

उन्होंने मेरे पेंट का जीप खोला और लंड बाहर निकाल लिया। लीला दी के कदम वहीँ ठिठक गए।

मामी – देख रही है लीला। बाउजी से भयंकर है। स्टैमिना भी है इसमें । दूध पीला देगी तो और भी ताकत आ जाएगी। लीला दी के कदम वापस कमरे में अंदर की ओर लौट आये। वो मेरे पैरों के पास आकर बैठ गई और मेरे लंड को हाथ में लेकर बोली – ये तो सच में बहुत बड़ा है मामी। नाना तो फेल हैं।

विक्की को लगा उसकी दाल नहीं गलेगी। वो उठ कर जाने लगा तो मामी ने कहा – दूध नहीं पीना क्या ?

विक्की – आप सब इसका लॉलीपॉप देखने में लगे हो। मुझे क्या ही मिलेगा।

मामी ने कहा – अरे मेरे प्यारे भांजे आजा मेरे पास आ। तेरी बहन नहीं देगी तो क्या हुआ मेरे पास गैलन भर दूध है।

विक्की खुश हो गया। मामी ने उसे अपने गोद में लिटा लिया और अपना ब्लाउज खोल कर एक स्तन उसके मुँह में दे दिया। इधर लीले दी ने मेरा पैंट पूरा उतार दिया और मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया। मैं बिस्तर के किनारे पैर लटका कर बैठा था और वो मेरे सामने बैठी थी।

लीला दी सच में एक नंबर के रांड थी। उन्हें बस लंड चाहिए था। कुछ देर लंड चूसने के बाद वो बोली – तुझे भी दूध चाहिए क्या ?

मैंने कहा – अभी तो आप मना कर रही थी।

लीला दी – मुझे पता नहीं था मेरा भाई इतना बड़ा लेकर घूम रहा है। पता होता तो उस दिन तेरे घर पर ही पीला देती।

मैं – मुझे तो पहले मामी का पीना है। हॉस्पिटल से मिस कर रहा हूँ।

लीला दी – ठीक है तू उनका दूध पी। मैं कुछ और करती हूँ।

अब मैं भी लेट गया और मामी के दुसरे स्तन से दूध पीने लगा। मैं लीला दी को इग्नोर कर रहा था। मैं उन्हें कुछ भी खुद ही नहीं देना चाह रहा था। तभी विक्की बोल पड़ा – दीदी मुझे ही पीला दो।

दीदी भी काम बदमाश नहीं थी। उन्हें किसी तरह मुझे अपने जाल में फंसाना था। उन्होंने विक्की से कहा – ठीक है मेरे भाई तू ही पी ले।

अब लीला दी बेड के दुसरे तरफ चली गई। विक्की ने फटाफट से उनके ब्लाउज को खोल दिया और उनके स्तनों से दूध पीने लगा। लीला दी के स्तन काफी बड़े थे। शायद उन्होंने इतना चूसवाया था। न सिर्फ स्तन बड़े थे बल्कि उनके निप्पल भी काले अंगूर की तरह थे। एकदम उभरे हुए से। उन्हें देख मुझे अफ़सोस तो हुआ की काश मना नहीं करता। पर ठीक ही था। अभी कुछ देर की बात थी।

पर विक्की मुर्ख था। उसे दीदी के स्तनों की कदर नहीं थी। वो तो बस उन्हें सीधे चोदना चाह रहा था। लीला दी भी मेरे लंड को देख का चुदासी हो रखी थी। कुछ ही देर में दोनों बेड पर नंगे थे और विक्की उन पर चढ़ कर चोद रहा था। मैं बेफिक्र होकर मामी कप भरपूर प्यार दे रहा था। हम दोनों के भी कपडे उतर चुके थे पर कोई उतावलापन नहीं था। मैं उनके पुरे बदन को चूम और चाट रहा था। कभी उनके स्तनों को दबाता, कभी उनके कान ले लबो को चूमता। मेरी एक ऊँगली उनके चूत के आस पास ही थी। उस हाथ का अंगूठा क्लीट को रगड़ रहा था। कुछ ही देर में मैं और मामी सिक्सटी नहीं पोजीशन में आ गए।

मैं निचे और मामी ऊपर। मैं उनके चूत को चाटने में लगा था और मेरा लंड उनके मुँह में था। मामी अब तक दो तीन बार स्खलित हो चुकी थी। उनके चूत से रस की धार बहे जा रही थी। उधर विक्की ने वही किया जो करना था। कुछ ही धक्कों में खलास। लीला दीदी जैसी चुड़क्कड़ को खुश कर पाना उसके बस का नहीं था।

अब लीला दी नंगे बदन ही कमरे से जाने लगीं। उन्हें लंड चाहिए था। मेरे अलावा एक और ही था जो उन्हें खुश कर सकता था वो था नाना का लंड। बेचारा विक्की मुझे और मामी को देख रहा था। अब मैंने मामी को निचे किया और कहा – तैयार हो मामी।

मामी – मैं तो कबसे तैयार हूँ मेरे राजा। तेरे मामा को भी अभी तक चूत नहीं दिया है। सच कहूँ तो तेरी मौसी और लीला दी ने उन्हें मेरे लिए छोड़ा ही नहीं है। अब तू ही मुझे चोद कर मेर प्यास बुझा दे।

मैंने कहा – कोई बात नहीं। तुम्हारा भांजा है न। मैंने अपना लंड उनके चूत में उतार दिया। पहली बार मामी ने मेरा लंड चूत में लिया था। अंदर जाते ही मामी ने आंखे बंद कर ली।

मामी – बस मेरे राजा , तुमने मुझे अपना गुलाम बना लिया। बस चोद दो अपनी इस गुलाम को।

मैं – तुम मेरी रानी हो गुलाम नहीं।

अब मैं मामी को पेलने लगा। हम दोनों के जबरदस्त पेलाई देख विक्की का लौड़ा फिर से खड़ा होने लगा। कुछ देर छोड़ने के बाद मैंने मामी से कहा – विक्की भी तैयार है कहो तो दूसरा छेद भी भरवा दूँ।

मामी – आह आह। मन तो है पर बहनचोद फिर से जल्दी न खल्लास हो जाये।

मैंने कहा – विक्की तेरी इज्जत की बात है। भाई मामी को खुश करना है।

विक्की – कण्ट्रोल रखूँगा। चिंता न करो।

मैंने अब मामी को अपने ऊपर ले लिया। अब मामी मेरे ऊपर लेटी थी। उनकी ऊपर निकली गांड पर विक्की ने अपना लंड सेट किया और अंदर डाल दिया।

अब मामी को निचे से मैं और ऊपर से विक्की चोद रहे थे। हम दोनों भाइयों ने ले पकड़ लिया था।

मामी – आह , हाँ। बस ऐसे ही। फाड़ दो दोनों मिलकर। बहुत दिनों बाद ऐसी दमदार चुदाई हो रही है। आह आह।

मैं – मामी – पता नहीं था तुम इतनी प्यासी हो वार्ना कब का तुम्हे चोद देता तुम्हे मैं।

मामी – देखते हो जी , तुम्हारी बीवी कितने मस्त तरीके से चुद रही है। बाउजी देखिये आपकी बहु को असली मर्द चोद रहे हैं।

विक्की भी अपनी तारीफ सुन कर खुश था। उसने इस बार खुद को होल्ड किया हुआ था। कुछ देर की जबरदस्त चुदाई के बाद हम दोनों भाइयों ने मामी के दोनों छेद को एक साथ अपने माल से भर दिया। इतनी जबरदस्त चुदाई के बाद हम तीनों वहीँ लेट गए। मामी बीच में और एक तरफ मैं और एक तरफ विक्की।

मैं – मजा आया मामी।

मामी – मत पूछो कितना मजा आया।

विक्की – मुझसे तो निराश नहीं हो न।

मामी – तुम बुद्धू हो। उस छिनाल लीला को इसी लिए पहले चुदवा दिया था ताकि दूसरी बार तुम होल्ड कर सको। पर तुम्हे अभी और भी सीखना बाकी है। लगता है मंजू जिज्जी ने ट्रेनिंग नहीं दी है।

विक्की – आप कहो तो आपको गुरु बना लून। आप ही सीखा देना।

मामी – हाहाहा। गुरु दक्षिणा में क्या डोज ?

विक्की – कहो तो गोद में दूसरा नन्हा मुन्ना दे दूँ।

मामी – चल भोसड़ी के। वो तो अब मुझे राज ही देगा।

फिर हम तीनो कुछ देर बाद बाहर निकले तो देखा सोफे पर सब नंगे ही बैठे थे । लीला दी नाना के गोद में थी। मामा दोनों मौसियों के बीच में। लगता है यहाँ भी चुदाई बस ख़त्म ही हुई थी।

उस दिन मैंने लीला दी को जान बुझ कर प्यासा छोड़ा था। मैं उन्हें इतने आसानी से अपने लंड की सवारी नहीं करने देना चाहता था। इधर सोनिया भी विक्की के करीब आने लगी थी। अब मेरी और सुधा दी की चुदाई भी डॉक्टर के परमिशन से शुरू हो गई थी। कुछ दिनों बाद सोनिया ने भी घर जाने को कहा। आखिर वो भी कितने दिन तक हमारे यहाँ रुक सकती थी। उसके पढाई का भी नुक्सान हो रहा था। इधर मौसी भी जाना चाह रही थी। एक दिन तय हुआ की मैं और विक्की उसे छोड़ आएंगे। उसके एक दो दिन बाद मैं उन्हें और विक्की को छोड़ आऊंगा। सोनिया को मैं अकेला भी छोड़ सकता था , पर विक्की भी जिद करने लगा। आखिर हम गाडी लेकर निकल गए। कुछ घंटो का सफर था। मैं गाडी चला रहा था और विक्की मेरे बगल में था। सोनिया पीछे। मैंने सोनिया से कहा – अकेलापन तो नहीं फील हो रहा है सोनिया ? कहो तो विक्की को पीछे भेज दूँ ?

सोनिया शर्मा गई। पर कुछ बोली नहीं। कुछ दूर चलने के बाद हम एक ढाबे पर चाय के लिए रुके। जब चलने लगे तो मैंने विक्की को इशारा किया की वो पीछे चला जाये। जब वो सोनिया के बगल में बैठने लगा तो सोनिया ने कुछ कहा नहीं बल्कि मुश्कुरा दिया।

पीछे बैठ दोनों कुछ देर तो खामोश रहे। पर कुछ देर बाद विक्की बोला – तुम्हारी बहुत याद आएगी । कुछ दिन और रुक जाती तो अच्छा रहता।

सोनिया ने नजरे झुका ली।

विक्की – तुम्हे मेरी याद आएगी ना ?

सोनिया थोड़ी उदास हो गई। उसने धीरे से हाँ में सर हिला दिया। उसके ऐसा करते ही विक्की को ना जाने क्या हुआ उसने उसे उसके गाल पर किस कर लिया। उसके इस हरकत पर सोनिया चौंक ग। पर फिर शर्मा कर सीसे से बाहर देखने लगी।

मैं हंस कर बोला – ये तो बड़ी नाइंसाफी है। उसे तुमने सूखा ही छोड़ दिया। बेचारे को जवाब तो देना था।

मेरी बात सुन सोनिया रोने लगी। उसे रोटा देख मैंने गाडी किनारे रोक दिया और पलट कर देखा और कहा – क्या हुआ ? मैंने कुछ गलत कहा क्या ? कुछ बुरा लगा हो तो आई एम् सॉरी।

सोनिया रोते हुए बोली – तुमने मुझे मझदार में फंसा दिया है राज। मैं क्या करूँ ? मैं तुमसे पहले से प्यार करती हूँ और अब विक्की।

मैंने कहा – देखो। तुम्हे मेरे बारे में पता है। मैं श्वेता के अलावा किसी और से बांध नहीं सकता। और विक्की तुमसे बहुत प्यार करता है। सच कहूँ तो वो तुम्हारे लिए मुझसे बेहतर साबित होगा।

विक्की – हाँ , सोनिया , मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। तुम्हे हमेशा खुश रखूँगा। मुझे तुम्हारे और राज के संबंधों से कोई एतराज नहीं है । तुम जब चाहो तो राज से चुद सकती हो।

ये सुन सोनिया और मैं दोनों हंस पड़े। सोनिया बोली – तुम एकदम बुद्धू ह। उसने फिर विक्की को किस कर लिया।

मैंने कहा – ये हुई न बात।

पर बात अभी ख़त्म कहाँ हुई थी। अभी तो शुरू हुई थी। दोनों एक दुसरे के साथ चिपट पड़े। उनका चूमना बंद ही नहीं हो रहा था। मैं उन दोनों को मुर्ख की तरह देखे जा रहा था। तभी सोनिया ने हाथ बढ़ा कर मुझे अपने तरफ किया और मुझे भी होठो पर किस कर लिया। अब विक्की सोनिया के टॉप के अंदर हाथ डाल चूका था। सोनिया पलट कर उसे किस करने लगी। मैं अब आगे की तरफ हो गया और गाडी को लेकर चल पड़ा। हाई वे पर ये सब करना ठीक नहीं था। हमें या तो कोई कमरा लेना पड़ता या फिर कोई सुनसान कट पर गाडी रोकनी थी। मैं तेजी से जगह देखते हुए गाडी चला रहा था। पीछे विक्की सोनिया का टॉप उतार चूका था और उसके स्तनों को झुक कर चूसने की कोशिश कर रहा था। तभी मुझे रोड से एक कट दिखा जो निचे किसी कच्चे सड़क पर उतर रहा था। वो सड़क खाली थी और उधर दूर दूर तक कोई गांव भी नहीं दिख रहा था। मैंने गाडी उधर ही मोड़ लिया। कुछ देर आगे बढ़ा कर मैंने साइड में गाडी रोक ली। 

पीछे वाले सीसे में दोनों पहले से शेड लगा चुके थे। मैंने फटाफट से दिग्गी खोल कर उसमे से दो और शेड लिए और आगे वाले सीसे पर भी लगा दिए। मैं फिर पीछे वाली सीट पर जाकर बैठ गया। अब सोनिया हम दोनों के बीच में थी। विक्की झुक कर उसके स्तनों को पी रहा था और मैं सोनिया को किस करने लगा। कुछ देर में विक्की सोनिया को चोदने को तैयार था। उसने सोनिया और अपना दोनों के जीन्स को उतार दिया। मैं थोड़ा किनारे की तरफ हो गया। अब सोनिया का सर मेरे गोद में था मैं झुक कर उसके स्तनों को पी रहा था। तब तक विक्की सोनिया के ऊपर होकर किसी तरह से उसे चोदने लगा। सच में चुड़ै की आग ऐसी होती है की आदमी न जगह देखता है न मौसम। हम तीनो पागल हो रखे थे। मुझे लगा की सोनिया और विक्की को पूरा मौका देना चाहिए। मैंने किसी तरह से आगे वाली सीट पर आ गया। अब विक्की पिछले सीट पर बैठ गया। सोनिया उसके तरफ पीठ करके उसके लंड पर बैठ गई। गाडी की हाइट काम थी तो वो आगे की तरफ झुकी थी। मैं अब अगले सीट पर से ही उसके झूलते स्तनों को दबा रहा था।

कुछ देर की चुदाई के बाद विक्की के लंड ने अपना माल पूरा का पूरा उसके चूत में उड़ेल दिया। वैसे तो सोनिया कीचूत भी पानी छोड़ चुकी थी पर लगता था उसका मन नहीं माना था। उसने मुझे इशारा किया। मैंने अगले सीट को पूरा पीछे खिसका दिया। अब सोनिया आगे आकर मेरे गोद में मेरे तरफ चेहरा करके बैठ गई। उसने मेरा लंड अपने चूत में घोड़ा लिया और मुझ पर कूदने लगी। चूँकि वो मेरे ऊपर थी तो पूरा कण्ट्रोल उसका था। उसने मुझे इस अवस्था में काफी देर तक चोदा। उसे मेरे स्टेमिना का पता था। लगभग दस मिनट की चुदाई की बाद मैं स्खलित हुआ। वो तो कई बार आ चुकी थी। स्खलन की कुछ देर बाद तक वो मेरे गोद में ही बैठी रही। मैं उसके पीठ को सहला रहा था उसने फिर पलट कर विक्की की तरफ देखा और उसे अपने तरफ आने का इशारा किया। विक्की ने अपना चेहरा आगे किया तो उसने उसे किस करते हुए कहा – अगर तुम ऐसे ही राज की साथ मुझे शेयर करते रहे तो मैं तुम्हारी हो सकती हूँ।

विक्की – मुझे कोई दिक्कत नहीं है। बल्कि मैं तो चाहूंगा कि हमारी सुहागरात को विक्की भी हमारे साथ ही रहे।

ये सुन सोनिया ने मेरी तरफ देखा और आँख मार कर बोली – मुझे कोई दिक्कत नहीं है।

मैं बोला – हम तीनो कि अलावा एक और है। उसे तैयार करना पड़ेगा।

सोनिया – उसे मनाने का जिम्मा मेरा।

कुछ देर बाद हमने अपने कपडे पहने और वापस हाईवे कि तरफ चल पड़े। इस बार गाडी विक्की चला रहा थ। मैं और सोनिया पीछे बैठे थे और एक दुसरे से लिपटे हुए था।

विक्की की तो मुँह मांगी मुराद पूरी हो गई वो उसी में खुश था।

जब हम सुधा दी के ससुराल पहुंचे तो हमारा खूब स्वागत हुआ।  सबसे ज्यादा खुश तो दीदी की सास रत्ना आंटी थीं।  उन्होंने हमारे लिए खाने पीने का भी इंतजाम भी बढ़िया किया था। सोनिया के चेहरे की ख़ुशी देख आंटी को शक हुआ तो उन्होंने मुझसे अलग से पुछा तो मैंने रास्ते वाली सारी बात बता दी।  उन्होंने कहा – मेरी बेटी देखो कितना आगे निकल गई।  

मैं और विक्की गेस्ट रूम में रुके थे।  खाने पीने के बाद हम दोनों सोनिया के साथ थोड़ा टहलने निकल गए।  रास्ते में विक्की ने मुझे बताया कि वो सोनिया के साथ चुदाई का एक राउंड और करना  चाहता है। सोनिया भी तैयार थी।  उधर आंटी ने मुझे रात में आने का हिंट किया था। उन्होंने अंकल को दुसरे कमरे में भेज दिया था।  सबके सोने के बाद करीब बारह बजे के बाद सोनिया धीरे से हमारे कमरे में आई।  उसे देखते ही विक्की खुश हो गया।  सोनिया ने एक लम्बी सी टी-शर्ट पहन रखा था और उसके निचे सिर्फ एक पैंट।  कमरे में आते ही वो बिस्तर पर कूद पड़ी और विक्की के साथ लिपट गई।  दोनों एक दुसरे को चूमने में मगन हो गए। 

मैंने कहा – ये देखो।  कुछ दिन पहले तक मेरे लिए दीवानी थी आज मेरे सामने मेरे ही भाई से लिपटी पड़ी है। 

ये सुन सोनिया ने मुझे देखा और कहा – दुखी मत हो मेरी जान।  ये लो मेरे तरफ से मीठी सी पप्पी।  लेकिन तुम्हारा इंतजार तो मेरी मस्त चुदेल माँ कर रही है।  छूट चिकनी करके बैठी है।  

सोनिया ने मुझे भी किस किया।  रत्ना आंटी सही कह यही थी।  ये एकदम बदल गई थी।  

मैं फिर कमरे से निकल गया और आंटी के कमरे में पहुँच गया।  वहां दरवाजा खुला हुआ था।  अंदर पहुंचा तो देखा एक हल्का सा बल्ब जल रहा था और आंटी बिस्तर पर लाल साडी लपेटे बैठी हुई थी।  मैं उनके पास पहुँच कर बोला – आप तो ऐसे साडी ओढ़ बैठी है जैसे कोई दुल्हन हो।  

आंटी – समझ लो दुल्हन ही हूँ।  उस रात तुम्हारे यहाँ सब जल्दी में हुआ था।  आज तो आराम से मजे लेकर प्यार करुँगी तुम्हे। 

मैं – वाह मेरी जान।  मैं उनके नज़दीक पहुंचा तो देखा उन्होंने  ऊपर साडी के अंदर सिर्फ ब्रा पहनी हुई थी।  निचे भी लगता था पेटीकोट नहीं पहना हुआ था।  मैंने उन्हें किस किया तो जवाब में व्ही भी मुझे किस करने लगी। पर आज वो एकदम रसभरा गीला सा किस कर रही थी।  किस काम मुझे चाट ज्यादा रही थी।  मैंने भी उनके गालन और होठो को खूब चूसा। 

आंटी बोली – सुना है तुम्हे भी नमकीन पानी बहुत पसंद है। 

मैं समझ गया वो क्या चाहती थी।  मैंने उनके कंधे को चूमा फिर उनके हाथ को उठा कर उनके ब्रा से बाहर निकलते स्तनों को चूमने लगा।  उन्होंने अपना हाथ ऊपर कर लिया था।  अब मैं उनके बगलों को चूमने और चाटने लगा।  उनके शरीर से निकलते मादक नमकीन पसीने को चाट कर मुझे मजा आने लगा था।  मैंने ऐसा ही दोनों साइड किया।  अब तक उनकी साडी ऊपर से उतर चुकी थी और वो सिर्फसफ़ेद ब्रा में थी।  मैंने ब्रा के ऊपर से उनके स्तनों को दबाना और चूमना शुरू किया।  

आंटी – आह , मसल डालो इन्हे।  अच्छे से।  अब जाकर ये किसी मर्द के हाथो से दबरही हैं।  

मैंने उनके स्तनों को ब्रा साइड में करके उसके अंदर से निकाल दिया और उन्हें चूसने लगा।  बैठे बैठे उन्होंने भी अपना हाथो से ब्रा को निकाल दिया।  ब्रा कि बनावट ऐसी बनाई गई होती है कि औरतें जब चाहे बड़ी आसानी से बिना प्रयास के एक ही झटके में निकाल सकती हैं।  वही कोई मर्द अगर हुक हराकर निकलने के चक्कर में पड़े तो उतने देर में लंड महोदय ही सो जाएँ।  ये बात मुझे सरला दी ने सीखाी थी।  उन्होंने कहा था – कभी इस चक्कर में पड़ना ही मत।  जैसे ही ब्रा के ऊपर या निचे से स्तन निकाल चूसोगे , औरत खुद ही ब्रा नीकाल देगी। 

मेरे साथ यही होता था। माँ और चाची तो ब्रा पहनती नहीं थी।  पर बाकी कुछ सेकण्ड्स में खुद बा खुद निकल देती थी। मैंने अब आंटी को लिटा दिया और कुछ देर उनके स्तनों को चूसने के बाद उनके कमर कि तरफ सरक गया।  

आंटी ने कहा – अकेल अकेल चूसोगे क्या ? मुझे भी कुछ दो। 

मैं सिक्सटी नाइन पोजीशन में आ गया और उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में बड़े चाव से ले लिया और मैं साडी कि गांठ खोल उनके चूत पर भीड़ गया।  पहले से पनिया चुकी चूत को चाटते ही आंटी के मुँह से सिसकी निकली। पर वो फिर मेरे लंड को मजे में चूसने लगीं। मैंने कुछ देर उनके चूत को चूसने के बाद उनके अपने एक हाथ कि उंगलु उनके चूत में दाल दी और दुसरे कि एक ऊँगली उनके गांड के छेड़ पर रख अंदर डालने कि कोशिश में भीड़ गया। 

कुछ देर चूत चाटने के बाद आंटी बोली –  बस राज अब मुझे चोद दो।  मेरी चूत को तुम्हारा मजबूत लौड़ा चाहिए। 

अब मैं उनके ऊपर से उतर गया और लेट कर बोला – चाहिए तो ले लो मेरी  रानी। 

आंटी अब मेरे ऊपर सवारी करने लगीं।  मैंने उनके लटकते हुए भारो स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें दबाने लगा। 

आंटी – आह।  क्या मस्त लौड़ा है तुम्हारा।  एक़दाम अंदर तक समां गया है।  आज मेरी चूत पहली बार खुश हुई है। 

मैं – इसी ख़ुशी में बढिये से चोदो मुझे। 

अब आंटी कभी मेरे ऊपर उछलती तो कभी अपने कमर को आगे पीछे हिलाती।  एकदम रंडियों की तरह चुद रही थी। 

आंटी – आह आह।  काश मेरे अपना बेटा भी ऐसा होता ,मुझे इतना नहीं तड़पना पड़ता। 

मैं – उफ़ आंटी मैं हूँ ना। आपको और आपकी बेटी को आपकी बहु की तरह ही खुश रखूँगा।  बुला लिया करना जब मन करे तो। 

आंटी – हाँ मादरचोद , बुला लिया करुँगी।  बहन भी चोद लेना और माँ सामान मुझे भी। आह आह 

कुछ ही देर में आंटी ने सरेंडर कर दिया और मेरे ऊपर गिर पड़ीं।  पर अभी मेरा तो हुआ नहीं था।  मैंने बेरहमी से उनके बाल पकड़ उनके चेहरे को ऊपर किया और कहा – रांड , मेरे लंड का क्या।  अभी मेरा नहीं हुआ है।  चल उठ घोड़ी बन तेरी गांड मरूंगा। 

आंटी – नहीं , गांड नहीं।  चूत मार लो पीछे से। 

आंटी उठ कर घोड़ी बन गेन।  पर आज मेरा मन उनके गांड मारने का था।  चूत चूसते समय ऊँगली डालमैंने अंदाजा लगा लिया था किगांड मारी जा सकती है।  

मैंने खूब सारा थूक उनके गांड और अपने लंड पर लगाया और जब तक वो समझ पातीं मैंने अपना लंड उनके गांड में आधा घुसा दिया। 

आंटी इसके लिए तैयार नहीं थी।  वो चीख कर बोली – अरे मायआ , बचाओ।  मादरचोद ने मेरी गांड फाड़ दी।  भोसड़ीवाले को चूत में डालने को बोला था गांड मार लिया इसने तो। 

आंतो की चीख बहुत तेज थी।  पर मुझे याद था कि उनको डोमिनेटिंग सेक्स पसंद था।  मैंने उनके गांड पर थप्पड़ मारा और कहा – रंडी कहीं कि, अभी गांड पूरी मारी कहा हैं आधा लंड डाला तो ये हाल है।  पुरे में तो मोहल्ला बुला लेगी। 

आंटी चीखते हुए – आह।  बहनचोद मेरी गांड को हाइवे समझ रखा है जो लेकर घुस गया।  निकाल लौड़े को।  

मैंने भी उनके बाल को पकड़ लिया और घोड़ी के लगाम कि तरह खींचते  हुए कहा – बहन कि लौड़ी निकलने के लिए थोड़े ही डाला है।  

मैंने अब देरी ना करते हुए आंटी कि गांड मारनी शुरू कर दी।  आंटी कि चीखें रुक ही नहीं रही थी।  हुआ वही जो होना था।  कमरे में अंकल अपने व्हील चेयर पर आ गए और जीजा भी पहुँच गए।  माँ कि हालत देखते ही जीजा बोले – कहा था आपको कि इसका लौड़ा संभाल नहीं पाओगी पर आपको तो चुदना था।  तैयार होकर बैठी थी।  अब लो , चीख क्यों रही हो। 

आंटी – मादरचोद तेरे लंड में दम होता तो अभी तू मेरी मार रहा होता।  पर बाप की तरह ही भडुआ है तू।  आह आह।  

मैं अब आंटी हो हचक कर चोदते हुए बोला – जीजा , देखो तुम्हारी माँ ललकार रही है।  साली हल्ला भी बहुत कर रही है।  मुँह बंद करो इसका। 

अंकल – हाँ जा बंद कर इसका मुँह वार्ना मोहल्ला आ जायेगा।  

जीजा ने बिस्तर पर चढ़ कर आंटी का मुँह हाथ से बंद करने की कोशिश की तो मैं हँसते हुए बोला – लौड़ा निकाल कर मुँह में डाल दो।  हाथ से क्या कर रहे हो। 

जीजा भी अब तक जोश में आ चुके थे।  माँ के हिलते भारी स्तनों और सिसकारियों से उनका लंड कुछ तो अकड़ने लगा था।  उन्होंने झट से अपनी लुंगी उतारी और अपना लंड आंटी के मुँह में डाल दिया।  अब आंटी गुं गुं  कर रही थी।  जीजा ने उनके स्तन पकड़ लिए और मुँह में लंड अंदर बाहर करने लगे।  मैं पीछे से आंटी के बाल पकड़ कर उनके गांड को मार रहा था।  अपनी माँ की इतनी जबरदस्त चुदाई देख जीजा का लंड खड़ा तो हुआ पर कुछ ही देर में सरेंडर कर गया। 

आंटी – भोसड़ी के इतनी देर भी नहीं संभाल पाया।  लौड़े में भी दम नहीं और माल में भी।  पानी छोड़ा है।  भाग यहाँ से। 

मैं भी हँसते हुए चोदने में लगा रहा।  आंटी वापस से चीख रही थी।  आज पता नहीं मुझे क्या हुआ था मेरे लंड से पानी निकल ही नहीं रहा था। 

तभी आंटी की चीख सुन कमरे में विक्की और सोनिया नंगे ही घुस गए।  उन्हें अंदाजा नहीं था की जीजा और अंकल भी होंगे।  

तभी आंटी ने कहा – मुझे मूत आई है।  रुक जा राज।  मैंने कहा – मैं ना रुकने वाला।  मूत लो। 

आंटी – कम से कम बिस्तर तो  मत ख़राब करो।  मैं आंटी के गांड में लंड डाले डाले बिस्तर के किनारे आ गया।  मैं पेअर लटका कर बैठ गया और आंटी मेंरे गोद मे।  आंटी मूतने ही वाली थी की मैंने अंकल की तरफ देखते हुए कहा – इधर आओ। 

अंकल भी रोबोट की तरह आंटी के सामने चेयर लेकर आ  गए।  आंटी ने मूत की जबरदस्त धार छोड़ दी जो सीधे अंकल के ऊपर गिर रही थी।  ये दृश्य देख कर विक्की के ऊपर अलग ही खुमार छा गया।  सोनिया ने उसकी हालत देखि और उसकी तरफ देख कर ना जाने उसके कान में कुछ कहा।  विक्की अब बेड की तरफ बढ़ चला।  आंटी की मूत ख़त्म होते ही अंकल वहां से सर झुका कर अपने कमरे में चले गए।  जीजा जी भी धीरे से निकल लिए।  अब कमरे में मैं ,आंटी , सोनिया और विक्की थे।  मैंने विक्की को देखते ही बोला – लेगा ?

विक्की – नेकी और पूछ पूछ। पर वो सेऊर नहीं था तो उसने सोनिया की तरफ दुबारा देखा।  सोनिया – मुझे क्या देख रहे हो।  पेल दो इस रंडी को।  बहुत चुदास हो रखी है ये।  

अब मई वापस लेट गया और आंटी मेरे ऊपर बैठ गई।  मैंने उन्हें खिंच कर पीठ के बल अपने ऊपर सुला लिया। विक्की उनके सामने की तरफ से आया और उनके चूत पर अपना लंड सेट करके घुसा दिया।  अब हम दोनों भाई मिलकर आंटी की गांड और चूत दोनों मार रहे थे।  इधय सोनिया मेरे पास आई और मेरे मुँह में अपना स्तन डाल दिया।  अबकी मैं खलास होने के कगार पर था।  सोनिया के छोटे ापर गुलगुले आम जैसे स्तनों से खेलते हुए मुझे और भी मजा आने लगा था।  एकदम दशहरी आम जैसे स्तनों को चूसते और दबाते हुए मैं धक्के लगा रहा था।  कुछ ही देर में हम दोनों भाई एक साथ ही उनके चूत और गांड में अपना पानी उड़ेल दिए।  विक्की ने तो तुरंत अपना लंड निकाल कर उनके मुँह में घुसा दिया जिसे वो चूसने लगी।  कुछ देर चूसने के बाद आंटी मेरे ऊपर से उठ गईं।  उनके उठते ही सोनिया ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और मेरे लंड पर लगे माल को चाट गई। 

आज आंटी भयंकर तरीके से चुदी थीं।  मैंने तो गांड मारी ही ।  कुछ देर बाद विक्की ने भी उनकी गांड मारी।  मैंने भी सोनिया की एक राउंड मस्त चुदाई की। 

सुबह हम चारों की नींद काफी देर से खुली।  किसी ने डिस्टर्ब भी नहीं किया।  सोकर उठे तो देखा जीजा ने बाहर से कचौड़ी और जलेबी नाश्ते के लिए  मंगा रखा था।  हमने अलसाई हालत में नाश्ता किया।  इतना थके थे की दुबारा सो गए।  दोपहर के बाद माँ का फ़ोन आया तो फिर हम जल्दी से तैयार होकर निकल लिए।  

हम दोनों चुदाई के नशे में इतने चूर थे की कब घर पहुंचे पता ही नहीं चला।  पहुँचते ही खाना खाकर सो गए।  माँ और दीदी तो समझ गए थे। 

मौसी को भी पता चल गया की हम क्या कांड करके आये हैं।  हमें किसी ने डिस्टर्ब नहीं किया। हम बस चैन की नींद सोते रहे जैसे कब से सोये ही नहीं हों। 

Please complete the required fields.




Leave a Reply