अरुण; मेरे पास आओ न आप को हग करने मान कर रहा है।
सरला: मेरा भी
अरुण: फिर
सरला: कुछ कर ना।
अरुण: ओके ।
कुछ देर मैसेज नहीं आता।
अरून का मैसेज।
सब सो गये।
सरला देखती है।हा सो गये।
अरुण: तो उठो और उप्पर छत पर आ जाओ।
सरला: पर कोई देख लेगा
अरुण: सब सो रहे है।
सरला: ओके ।
चुपके से उठती है और गेट खोल कर उपर निकल जाती है।
जैसे ही उपर पहुचती है।
कोई उसे हाथ पकड़ कर खींच लेता है।
और उपर का गेट बंद कर देता है।
सरला घबरा कर कौन।
अरुण: मैं हूँ जान।
सरला: ओह अरुन कह कर उसके गले लग जाती है
और दोनों एक दूसरे को बेतहासा चुमने लगते है।
और फिर अलग हो कर।
सरल: अरुन अब और बरदास्त नहीं होता।
अरुण: मुझे भी मा।
सरला: मुझे घर ले चलो जहाँ सिर्फ मैं और तुम और कोई नहीं
अरुण: पापा ।
सरला: वो रात को आते है और रात का भी कोई न कोई इन्तज़ाम हो जाएगा।
तभी अरुन का हाथ सरला के मम्मे पर जाता है।
सरला: क्या हुआ बेटा।
अरुण: दूध पीना है ।
सरला: क्यों खाना नहीं खाया मेरे राजा ने
अरुण: खाया पर अभी भी भूख है।
दूध पिलाओ ना।
सरला: अरुन कोई उपर तो नहीं आयेगा।
अरुण; नहीं माँ इस टाइम उपर कौन आयेगा।
और आयेगा तो गेट अंदर से बंद है हमारे हाथ में है खोलना।
सरला: चुपचाप अपना कुर्ता निकालती है और
हाथ पीछे ले जाकर ब्रा का हुक खोलती है।
और वही छत पर दिवार के सहारे बैठ कर अरुन का सर अपनी गोदी मैं रख कर उसका मुह अपने एक निप्पल पे लगा देती है।
और दुसरा हाथ दूसरे मम्मे पे रख देती है।
और अरुन बड़े प्यार से दूध पिने लगता है
जब की उस में से कुछ नहीं निकल रहा था।
इधर सरला की बैचनी बढ़ती जाती है ।
और अरुन बेक़ाबू हो कर कस कस चूसने लगता है।
उसके निप्पल पे डांट गडा देता है।
सरला: धीरे अरुन धीरे
दान्त मत गडा दर्द होता है।
पर अरुन तो पागल हो गया था।
सरला भी समझ गयी थी पहली बार है मेरे बेटे का कण्ट्रोल नहीं हो रहा होगा और वो चुप हो जाती है और अरुन को मानमानी करने देती है।
