माँ की अधूरी इच्छा – Update 108 | Incest Sex Story

माँ की अधूरी इच्छा - Seductive Incest Sex Story

नीतू : मैं बात करती हूँ उससे।।
सरला: पागल है क्या, क्या बात करेगी।
ब्रा पेंटी की।
नीतू: है बात तो सही है पर पूछ न तो पडेगा
सरला: तू रहने दे मैं बात करती हू।
नीतू : वो तुम्हे नहीं बतायेगा मैं बात करुँगी।
सरला: बात मान मेरी तू बहन है उसकी तू उससे ऐसी बात कैसे करेगी मैं करती हूँ माँ हूँ उसकी ।
नीतू: ओके आप करलो।
पर एक बात बोलू भाई की चॉइस मस्त है एक दम मॉडर्न लिंगेरी है महँगे वाली।
सरला: तुझे पसंद है तो रख ले और उससे बात करने की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी ।
नीतू: नहीं माँ मेरे साइज की नहीं है।
सरला: ट्राई तो कर सायद कोई आ जाये ।
सरला को पता था की उसका और उसकी बेटी के साइज में ज्यादा फ़र्क़ नहीं था और अब शादी के बाद नीतू का सरीर भर गया था।
नीतू: रहने दो माँ।
सरला: ट्राई तो कर बेटा मेरे हिसाब से आ जाएंगे
और नीतू उनमें से अपनी पसंद की ब्रा और पैंटी ले कर बाथरूम में चलि जाती है।
सरला मन ही मन पता नहीं क्यों मेरा अब कर रहा है नीतू इन ब्रा पेंटी को पहने जब की ये ब्रा पेंटी अरुन सरला को अपनी पसंद की दिला कर लाया था।

थोड़ी देर बाद नीतू बाथरूम से बाहर आती है।
सरला: क्या हुआ।
नीतू: माँ एक दम फिट है।
सरला: मैं तो बोल रही थी तेरे में आ जाएंगे।
नीतू: हाँ पर ये अरुन की गर्लफ्रेंड के लिए है। अरुन को पता लगेंगा तो ग़ुस्सा करेंगा।
सरला: ऐसा कुछ नहीं है ।
नीतू: आप कैसे बोल सकती हो।
सरला: सकपका जाती है ।
वो मैं ऐसी ही बोल रही थीं।
नीतू; माँ आप क्यों नहीं पहन कर देखती। हो सकता है आप को आ जाए।
सरला: सोचते हुए पागल। मेरा बेटा मेरे लिए ही लाया है। मेरे को नहीं आएँगी तो किसको आयेगी।
नीतू; क्या हुआ माँ क्या सोच रही हो।
सरला: कुछ नहीं मैं ऐसी ब्रा पैंटी नहीं पहनती।
नीतू: ऐसा कुछ नहीं है ट्राई तो करो।
सरला: रहने दे तुझे आ गई न तो तू रख ले। मैं अरुन से बात कर लुंगी।
नीतू: ट्राई तो करो माँ प्लीज।
सरल:ओके बाबा और जो अरुन के पसंद की ब्रा पेंटी थी उनको लेके बाथरूम में चलि गयी और अंदर वेट करने लगी।
उनको ट्राई क्या करना वो तो उसी के थे तो आना तो था ही।
थोड़ी देर बाद बाहर आ कर।
नीतू: क्या हुआ माँ ।
सरला: हाँ एकदम फिट है।
नीतू: हैं ना ।मैं जानती थी।
 
सरला: कैसे जानती थी।
नीतू: वो कल रात।
सरल; क्या कल रात।
नीतू: कल रात को मैंने आप को और अरुन को किस करते हुए देख लिया था और आप दोनों की बातें भी सुन ली थी।
और आज सुबह अरुन को आपके बुटक पे हाथ फेरते हुए देख लिया था और आप ने उसे कुछ नहीं बोला।
सरला एकदम से अपना सर पकड़ के वही बेड पे बैठ गई।
नीतू: डाउट तो मुझे साक्षी की शादी में ही हो गया था जब आप अरुन के मोबाइल पे मैसेज भेज रही थी और वो जवाब दे रहा था और आप पढ़ के मुस्करा रही थी और अचानक से शादी से दोनों का घर आ जाना और पापा से बात करके पता चला की आप दोनों गोवा गये हो तो मुझे कुछ डाउट हुआ और आज सुबह रँगे हाथों पकड़ लिए आप के बुटक(गाँड) पे हाथ फेरते हुए और ये ब्रा पेंटी का एक दम फिट आना।
सरला चुपचाप सुनती रहती है।
नीतू: अब आप कुछ बोलेंगी
सरला रोने लगती है।

नीतू:अब रोने से कुछ नहीं होगा माँ ।
सरला: क्या सुनना चाहती है यही की मेरे और अरुन के बीच क्या चल रहा है।
हाँ मैं प्यार करती हूँ उससे एक माँ हो कर भी प्यार करती हूँ और क्यों न करुं जो प्यार मुझे तेरे पापा से मिलना चाहिए था वो तेरे भाई से मिला
वो मेरी हर ख़ुशी का ख्याल रखता है
जिस चीज़ की ज़रूरत होती है वो लाकर देता है।
तेरे पापा को तो ऑफिस और अपने दोस्तों से फुर्सत नही।तेरी मौसी के यहाँ भी अरुन लेकर गया
और क्या जानना चाहती है ।
मै उससे अब तेरे पापा से भी ज्यादा प्यार करती हूँ और करती रहुँगी।
तूझे जो करना है कर ले मैं किसी से नहीं डरती।

हाँ ये ब्रा पेंटी वो मेरे लिए ही लाया है तूने मुझे अपनी शादी से पहले मेरी ब्रा पेंटी देखी होगी कैसे होती थी आंटी वाली और देख मेरा बेटा कैसे लाया है एकदम मॉडर्न और महँगे वाली जो तेरी पति रवि ने भी तुझे नहीं दिलाई।
मुझे ब्यूटी पार्लर लेके जाता है।
शोप्पिंग कराता है मूवीज ले जाता है ।
पता नहीं मेरी ख़ुशी की लिए क्या क्या नहीं करता
तूझे भी पता है हम लेडीज को थोड़ा प्यार जहा भी मिले हम उसी की तरफ हो जाती है।
मै जानती हूँ मैं गलत हूँ पर मजबूर हू।
और रोती रहती है।
जब सरला काफी देर रो लेती है।
नीतू: मैं जानती हूँ पापा आप से उतना प्यार नहीं करते और आप की केयर भी नहीं करते और रेस्पेक्ट भी नहीं देते ।
पर मोम वो आप का बेटा है कोई और होता तो मैं भी आप का सपोर्ट करती पर वो मेरा भाई और आप का अपना बेटा है।
सरला: बेटा है तभी तो उसको अपनी माँ पर दया आ गई जो तुम्हारे पापा को आनी चाहिए थी।

एक बात बता अगर ये सब किसी बाहर वाले के साथ होता और वो इस बात का फायदा उठा कर मुझे या तेरे पापा को ब्लैकमैल करता तो।
मै मजबूर थी नीतू मुझे कोई और नहीं दिखा जो मुझ से इतना प्यार करता हो।
और सिसकती रहती है।
नीतू: सरला को कन्धो से पकड़ते हुए।
माँ चुप हो जाओ ।
मै समझ सकती हूँ जब किसी पत्नी को पति का प्यार नहीं मिलता तो कैसा लगता है।
फिर भी माँ जब पापा को पता चलेगा तो क्या होगा।
सरला: अब मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता जब तक अरुन मेरे साथ है मैं उसके सहारे जी लुंगी।
नीतू: और जब भाई की शादी होगी तब।
सरला: वो शादी नहीं करेगा उसने मुझ से शादी कर ली है।
नीतू: क्या कब कैसे?
और सरला नीतू को सब बता देति है कैसे एक व्हिस्पर से प्यार और केयर सुरु हुई और शादी पे ख़तम हुई।
पर बड़ी हुशियारी से हनीमून वाली बात और सेक्स वाली छुपा जाती है।

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