Table of Contents
Toggleपूर्णिमा की रात्रि – Update 15
“चलो फिर” मां ने उस और जाते हुए कहा… में डर की मां वो सब ना देख ले ने हड़बड़ाते हुए बोल पड़ा..
“मां चलिए न खेत में देख के आते है यहां कितना अच्छा मोसम हे”
“चल ठीक है”
“मां आप का सर दर्द ठीक हुआ अब”
“हा अब अच्छा लग रहा है बेटा”
हम कुछ देर निकल गई जहा एक नदी थी और आगे एक छोटा सा झरना था…मां और में हैरान हो गई की ऐसे गांव में इतना खूबसूरत नदी और झरना था.. पानी इतना साफ था की मुझे नदी में तेर रही माछलिया तक देख रही थी… मुझे अपनी आखों पे यकीन नही हुआ..
“मां ये सब कितना खूबसूरत है”
“हा बेटा जैसे कोई दूसरी दुनिया हो बेटा”
झरने से पानी किसी दो मजील जितनी ऊंचाई से नीचे गिर रहा था पानी के गिरने से जो मधुर संगीत सुनाई दे रहा था वो हवा में और अधिक जान डाल रहा था…
मां किसी छोटी बच्ची की माफिक भागती हुई झरने की और दौड़ लगा दी में उन्हें देखते ही राहा मां के बड़े और भरावदार नितंभो की लचक देख में जैसे खो सा गया…
“आदि… ” मां की तेज आवाज काम में पड़ने के साथ में सपने से बाहर आया तो और मेरे मुंह में एक बड़ी सी मुस्कराहट छा गई मां झरने के नीचे अपने बालो को लहरा रही थी क्या वो मां ही है या कोई जल परी… में उन्हें इसे भीगते हुए देख दौड़ के उनके पास पहुंच गया… मां का का गिला बदन देख में पागल हो गया पूरी तरह काम देवी लग रही थी मां… मां के बदन से उनकी काली सारी एक दम चिपक गई थी उनका पूरा जिस्म जैसे मेरे सामने था…
में और मां काफी देर एक साथ मस्ती करते रहे..मेने मां को कही बार अपनी बाहों में उठा लिया उन्हें भरपूर मात्रा में मेरी बहुपोस में लेता रहा उन्हे चूमा लेकिन मेरा मन नहीं भरा…
“अब बस हुआ चल नही तो ठंड लग जाएगी”
मां जैसे ही जाने लगी मेने मां का हाथ पकड़ लिया और उन्हें मेरी तरफ खींच लिया.. और अब हमारे जिस्म एक दूसरे टकरा रहे थे..
मेने के गले को बड़े प्यार से चूमा जिस में मां भी थोड़ी देर के लिए एकदम मदहोश हो उठी…
मां का गिला ब्लाउज मेरे सीने से चिपका हुआ था..मां के भरादार स्तनों का स्पर्श मुझे साफ साफ महसूस हुआ..मां की आखों में ममता और होठों पे प्यारी सी हसी आ गई..
“जाने दे अब बेटा”
“मां बस कुछ देर बस” मेने उनका हाथ छोड़ दिया और मां को अपनी बाहों में कस के धाम लिया… और मां के गालों को चूम के कहा “मां आप कितनी प्यारी लगती हो इसे..”
“हा मेरे राजा अब चलो भी”
“अच्छा तो आप मेरी रानी हो फिर”
“में और तेरी रानी पागल है तू.. मां हु तेरी”
“इतनी खूबसूरत मां हो तो कोई भी बेटा उसे रानी बना ले मिस इशिता”
“अच्छा अच्छा अब चलिए नही तो रानी को गुस्सा आ गया तो महल में घुसने न दूंगी”
“मां आप दुनिया की सब से ज्यादा खूबसूरत महिला हो मां I love you so much”
“I love you too beta” और मां ने मुझे चूम लिया…
“मां गाल पे नही यहां” मेने अपने होठों की और इशारा किया.. मां ने बड़े प्यार से मुझे थपड़ मारा और आगे जाने लगी और किनारे पे चली गई…
कुछ देर में हम और हमारे कपड़े धूूप में यू ही सुख गई तो हम वापस जाने लगे…
