अध्याय 70
धाय धाय धाय
हवा में गोलियो की आवाज और बारूद की बदबू फैल गई थी ,अजय के कंधे को छूते हुए वो बुलेट गुजरी थी लेकिन अजय की आंखों में खून उतर गया ,जो बुलेट उसे बस छू के निकली थी वो सीधे निधि के कंधे पर जा घुसी थी ,अजय बौखलाया उसने इतनी तेज ब्रेक मारी उसकी मोटरसाइकिल कई मीटर तक यू ही घसीटती चली गयी …….जंगल में घोर सन्नाटा छा गया गाड़ी रुकी ही थी की फिर कुछ नकाबपोश शख्सियत जंगल से प्रगट हुए वो जानते थे की इस समय अजय और निधि अकेले ही छिपकर बाइक से पहाड़ी वाले बाबा के आश्रम के लिए निकले है ,दूर दूर तक कोई नही था ना ही किसी से मदद की ही कोई उम्मीद थी ,निधि के कंधे से बहता हुआ खून अजय को पागल बना रहा था वही उन्हें इस अवस्था में देखकर नकाबपोशों के हौसले और भी बढ़ गए थे .,…वो तेजी से अजय की तरफ बड़े और फायर करने लगे ,उनकी संख्या लगभग 10 थी सबके ही हाथो में अत्याधुनिक हथियार थे और अजय बिल्कुल ही खाली हाथ वो झट से बाइक के पीछे छुपा उसे पता था की ये छुपने की सही जगह नही है लेकिन वो कर भी क्या सकता था ,वो निधि को अपनी बांहो में भरे हुए था और गोलियां उसके शरीर के पास से गुजर कर जा रही थी ,की अचानक बाजुओ में कोई नुकीली सी चीज आकर गड़ी,वो उसे आश्चर्य से देखने लगा वो तो जानवरो को बेहोश करने वाला इंगजेक्शन था ,वो घबराया हुआ निधि को देखने लगा और उसकी आंखे बंद होने लगी वो चाहकर भी सम्हाल नही पा रहा था अब वो नकाबपोश उसके आसपास ही खड़े दिख रहे थे और वो निधि को उठा रहे थे ,अजय ने पूरी कोशिश की लेकिन वो अपना हाथ भी नही उठा पा रहा था ,वो बस निधि की चीख और नकाबपोशों के हँसने की आवाज को ही सुन पा रहा था……..धीरे धीरे उसके आंख बंद हो गए …..
इधर
खबर आंधी सी फैलाने लगी पूरा राज्य ही इस घटना से स्तब्ध था,घरके लोगो की नींद ही हराम हो गई थी ,उन्हें बस अजय की बाइक ही मिल पाई थी अजय और निधि का कोई भी सुराग हाथ नही लग रहा था ,पूरे 5 घंटे बीत गए थे ,प्रदेश के बड़े बड़े नेता और आफिसर भी इस बात से घबराए और हड़बड़ाये हुए थे,चुनाव सर पर था और अगर ऐसे में अजय और निधि का पता नही चल पता या कोई अनहोनी घटना घट जाती तो पूरा ठीकरा सत्तारूढ़ पार्टी के सर में फुट सकता था ,लेकिन चाहे विजय और बाली हो या तिवारी खानदान के लोग वो जानते थे की ये हमला राजनीतिक नही हो सकता ,कोई भी इतना बड़ा रिस्क नही उठाएगा,ये जानते हुए की उंनके परिवार की पहुच क्या है ,वो पूरे राज्य में हाहाकार मचा देंगे,…..
डॉ को अपने दिए गए सुझाव पर पछतावा हो रहा था ,आखिर उसने क्यो उन्हें अकेले ही जाने को कहा था,लेकिन अब देर हो चुकी थी किसी घर के भेदी ने ही कुछ ऐसी जानकारी लीक कर दी थी जिससे ये हादसा हो गया ,खोज चरम पर था जब डॉ ,बाली,कलवा और जिले का SP अजय और निधि को तलाश करते हुए पहाड़ी वाले बाबा के पास पहुच गए ,
“बड़ा ही गंभीर विषय है,आखिर कौन हो सकता है जो इस सहज और प्रेम से भरे हुए इंसान के लिए अपने दिल में नफरत रखता है…”
उस तेजमयी विशालकाय और मनमोहक व्यक्तित्व की गहरी आवाज गुंजी
“बाबा जी पूरा इलाका छान मारा लेकिन कही कोई सुराग नही मिला “
इस बार बाली ने रोते हुए कहा ,
“बाबाजी जो गोलियां अजय और निधि के किडनैप किये जाने वाले जगह से मिली थी उससे पता लगता है की इसमें नक्सलियों का भी हाथ हो सकता है…”SP कहा
तभी एक शख्स जो मैले कपड़ो में लिपटा हुआ था वँहा पहुच गया ,
“बाबाजी हमारी समस्या पर अपने गौर किया ,वो तांत्रिक तो अपनी हद से बाहर जा रहा है ,उसने फरमान भिजवाया है की हमारे गांव के सरपंच की कुवारी बेटी को जल्द से जल्द उसके पास भेज दे वरना वो हाहाकार मचा देगा ,”उस शख्स की आंखों में भी आंसू थे,डॉ ने बाबा जी को ध्यान से देखा ,
“क्या आप भी वही सोच रहे हो जो मैं सोच रहा हु “
डॉ ने बड़े ही गंभीर स्वर में कहा
“मुझे भी यही लगता है “बाबा जी की सहमति पर सभी लोग उन दोनो को ही देखने लगे
“हमे पहले गांव की समस्या सुलझानी चाहिए “
“आप पागल हो गए हो ,मेरा भतीजा और भतीजी की आपको कोई फिक्र नही है “बाली चीखा
“है…लेकिन तुमने नही सुना उसे कुँवारी लड़की चाहिए ,अगर उन्हें मरना ही था तो वो उन्हें मार ही देते शायद यहां बात और भी गहरी है जो हमारे समझ में नही आ रही है ,हो सकता है की गांव वालो की समस्या सुलझाते हुए हमे हमारी समस्या का समाधान भी मिल जाय,तुम लोगो के पास सब कुछ है जिससे हम उस तांत्रिक को पकड़ सके और उसके कहर से गांव वालो को बचा सके ,असल में मैंने अजय को इसी लिए यहां बुलवाया था ताकि वो मेरी जगह पर ये काम हाथ में ले सके ,हो ना हो भगवान हमे कुछ संकेत दे रहा है .”
6फिट 2 इंच का बाबा जी का शरीर उठ खड़ा हुआ ,एक गेहुये रंग की धोती बस उन्होंने लपेट रखी थी ,चौड़ी भुजाए और चौड़ी छाती देखकर कोई पहलवान भी उनसे डर जाय लेकिन मुख मंडल का तेज और सौम्यता उनके बारे में अलग ही जानकारी देती थी ….पास रखा त्रिशूल उठा लिया लगा की साक्षात शिव प्रगट हो गए हो ,वहां बैठे हुए उनके भक्त जानो की आंखों में अश्रु की धारा बह गई ,एक भक्त ने शंखनाद किया ,बाकियों के रोंगटे ही खड़े हो गए थे ,
“हमे जाना कहा है “
वहां खड़े हुए SP ने टूटते हुए आवाज में कहा
“उस गुफा में चलो जंहा जाने से ये लोग घबराते है और जिसे तांत्रिक का निवास कहा जाता है “
