घर की प्यासी बुर – Update 7 | Family Sex Story

घर की प्यासी बुर - Pariwarik Chudai Ki Kahani

Update – 7

सतीश वहा से अपनी नजरें हटा लेता है और ऐसा शो करता है जैसे उसने कुछ देखा ही नहीं हो और वो अपनी चुदाई जारी रखता है….

प्रियंका- “आह…. आई एम कमिंग……आह”

प्रियंका इतनी हार्ड चुदाई बरदास्त नहीं कर पाती और थोड़ी देर मे ही वो

पाणी छोड़ देती है……..

सतीश- “क्या हुआ मेरी रंडी इतनी जल्दी झड गयी, अभी तो बहुत ताव दिखा रहि थी की मेरे में दम नहि, साली में तो तेरी माँ की चुत का भोसडा बनाने लायक दम रखता हुन, चल उठ और

लौडा चाट कर साफ़ कर मेरा…..

ओर इसी के साथ सतीश अपना लंड बाहर निकाल लेता है, वो कनखियों से

प्रियंका की माँ की हर हरकत पर नजर रखे हुए था, और उसने जानकार

अपणा लंड बाहर निकाला था ताकि अपना

मुसल लंड उसको दिखा कर उसकी चुत की आग और बड़ा सके…. और उसका

सोचना सही था प्रियंका की माँ की नजर

उसके मुसल पर ही अटक गई थि, वो उसको किसी भूखी पर पींजरे में कैद

शेरणी की तरह घुर रही थी जिसका

मन तो कर रहा था की वो अपने शिकार को झपट कर कच्चा चबा

जाये पर पींजरे की सलाख़ों के कारन वो ऐसा करने मे असमर्थ थी….

प्रियंका तुरंत उठ कर उसका मुसल जैसा लंड अपने हाथ मे ले लेती है,

ओर फिर अपनी जीभ निकालकर उसे ऊपर से निचे तक चाट कर उसपर से

अपणे चुत का रस साफ़ कर देती है, फिर

४-५ बार अपने हाथ से स्ट्रोक मारने के बाद फिर से अपने मुह मे

ले लेती है, और उसकी चूसा ई करना शुरू कर देती है…. ये सब देख कर

प्रियंका की माँ के आँखे फटी की फटी रह जाती हैं की कैसे उसकी बेटी इस

मुसल को पूरा अपने मुह में लेकर चूस रही थी…..

सतीश प्रियंका के सर पर हाथ रख कर उसको अपने लंड की तरफ

दबाते हुये- “आह…. क्या चुस्ती है तू साली”….

“ईस मामले में तो तूने प्रोफ़ेशनल रंडी को भी फेल कर दिया”….

चल अब बस कर और बेड पर चढ़ कर घोड़ी बन जा, अब मे तेरी पीछे से लुंगा….

प्रियंका घोड़ी बन जाती है, सतीश उसके पीछे आ जाता है और

पहले प्रियंका की गांड को अपने हाथो से मसलने लगता है….

ओर फिर चटाक से एक झन्नाटे दार थप्पड़

उसकी गांड पर लगा देता है….

प्रियंका-“आई…. क्या कर रहा है हरामि”…..?

सतीश-“हरामी कहती है साली…. अब देख मेरा हरामीपण”….

ओर फिर एक के बाद एक जोरदार थप्पड़ वो उसकी

गांड पर मारते चला जाता है और प्रियंका चिखती जाती है,

प्रियंका की गांड पूरी लाल करने के बाद वो थप्पड़ मारना

बन्द कर देता है… प्रियंका की गांड में दर्द के कारन जलन होने लगती है….

प्रियंका-“आई…उफ…मार डाला कुत्ते”….

सतीश- “देख कैसे बन्दरिया की तरह तेरा पिछवाडा लाल हो गया है”….

पहले सतीश झुक कर अपना मुह प्रियंका की चुत पर लगा

देता है, और उसे चाटने लगता है…. सतीश ये सब

जानकर कर रहा था क्योकि उसे पता था की खिड़की पर खड़ी नलिनी

ये सब देख रही है…

सतीश प्रियंका की क्लीट अपने मुह मे लेकर उसे चुस्ने लगता

ही और फिर अपनी जीभ उसकी चुत से लेकर गांड तक फिराता

हि, गांड के छेद पर सतीश की जीभ पड़ते हि, प्रियंका के मुह

से सिसकि निकल जाती है, इतना दर्द होने के बावजूद

ओ इस चूसाई से मस्ती में आ गई थी….

अब सतीश अपनी जीभ उसकी गुदा-द्वार पर फिराता है और फिर उसके छेद पर

थुक गिरा कर उसके छेद में अपनी जीभ डालकर उसे ढीला करने लगता है

शायद आज उसका मूड कुछ और ही था…. जिसकी भनक प्रियंका को भी लग गई थी….

प्रियंका- “ओह नो…. नहीं सतीश मे वहां पर नहीं करने दूँगी, वहां बहुत दर्द होता है”….

सतीश- “डोन्ट वरि डार्लिंग में वहा पर नहीं करूँगा”

मै तो बस तुम्हे मजे दे रहा था, क्यों तुम्हे अच्छा नहीं लग रहा क्या????…..

प्रियंका-“श्…. बहुत अच्छा लग रहा है सतीश”….

सक इट…सक माय अस्स…….ओह्ह यस लाइक टिट……यमः

सतीश कुछ देर तक और उसकी गांड सक करता है,

उसके बाद वो अपनी पोजीशन ले लेता है और अपने

लंड को प्रियंका की चुत के छेद पे सेट करके एक धक्का

लागता है उसका आधा लंड इस धक्के से प्रियंका की चुत को

खोलते हुए अंदर चला गया था… और बाकि का आधा दूसरे धक्के में

अंदर चला जाता है… और फिर तो एक के बाद एक ताबड़तोड़ धक्के लगने शुरु हो जाते हे….

प्रियंका- “आह…..यमः……..फासटर….

सतीश धक्के लगाते हुए अपनी एक ऊँगली से प्रियंका की

गांड को कुरेदने लगता है, थोड़ी देर तक गांड कुरेदने के बाद वो अपनी आधी ऊँगली को उसकी गांड में घुसेड़ देता है,

ओर फिर पूरी ऊँगली उसकी गांड में घुसेड़ कर अंदर बाहर करने लगता है….

प्रियंका इस हमले से चौंक जाती है- आह….”क्या कर रहा है हरामि”….

“हरामी…. मुझे तेरी नियत आज सही नहीं लग रही साले…. आह”

“जाकर अपनी माँ की गांड मारियो मे तुझे अपनी गांड मे लंड नहीं

डालने देणे वाली”……..

अपनी माँ के बारे मे सुनकर सतीश की आँखों के सामने सोनाली की सुडोल गांड आ जाती है, और वो अपना लंड चुत में से

निकाल कर प्रियंका की गांड के छेद पे लगा देता है- “साली माँ के बारे मे कहती है”….

“वैसे तो तेरी गांड ना भी मारता पर साली अब तो तेरी गांड जरूर मारूंगा”…..

प्रियंका- “नहीं सतीश…. प्लीज् गांड मे नहि…….आई….ओह…मर गई साले कुत्ते”

प्रियंका की बात ख़तम होने से पहले ही सतीश अपना आधा लंड उसकी गांड मे पेल देता है, दर्द के कारन प्रियंका की चीख़ निकल जाती है वो तो सतीश ने कस कर उसकी

कमर को पकड़ लिया था, क्योकि उसे मालूम था की दर्द के कारन प्रियंका उसकी गिरफ़्त से छूटने का प्रयास करेगि….. और प्रियंका ऐसा कर भी रही थी उसने बहुत कोशिश करी

सतीश की गिरफ़्त से निकलने की पर सब बेकार, आखिर कार सतीश अपना लंड टोपे तक

बाहर निकल कर एक और जोरदार धक्का मारता है और इस बार पूरा लंड उसकी गांड

को चिरता हुआ जड़ तक अंदर घुस गया था… प्रियंका एक जोरदार चीख मारि और छट पटा कर अपने हाथ इधर उधर फेकने लगी…… और सतीश ने धक्के लगाने सुरु कर दिये….

सतीश पर उसके दर्द का कोई असर नहीं हो रहा था उसकी आँखों के

सामने तो उसकी माँ की गांड थी जिसमे लंड दाल कर वो खूब तेजी से पेल रहा था…..

सतीश को परम आनंद की अनुभुति हो रही थी…. उसका लंड बहुत कसा हुआ प्रियंका की

गांड मे अंदर बाहर हो रहा था…. वो टोपे तक अपने लंड को बाहर निकालता और फिर

तेजी मे जड़ तक अंदर पेल देता, अब प्रियंका को मजे आने लगे थे….. और उसकी दर्द भरी

चीख़ें अब सिस्कियों मे बदल गई थी..

खिड़की पर खड़ी नलिनी को तो अपनी आँखों पर विस्वास ही नही हो रहा था की कैसे उसकी फूल जैसी नाजूक बेटी इतना बड़ा मुसल अपनी गांड

मै लेकर मजे कर रही है… और उसके हाथो की स्पीड और ज्यादा बढ़ जाती है,

जी हाँ नलिनी अपनी चुत में उँगलियाँ घुसेड कर अपनी चुत की आग को ठण्डी

करने मे लगी हुई थि, नलिनी को शक तो बहुत समय से था इन दोनों पर की ये

दोनो बंद कमरे मे स्टडी ही करते है या कुछ और पर वो कभी पता न कर

सकी क्योकि उसे कभी कोई जगह ही न मिली जिससे वो अंदर झाँक सके और रूम भी

साउंड प्रूफ था जिससे आवाज भी बाहर नहीं आती थि, और आज भी वो यही चेक करने

आई थी और किस्मत से उसे आज खिड़की खुली मिल गयी, और जब नलिनी ने वहा से अंदर झांका तो उसके

पेरों तले से जमीन खिसक गई अंदर उसकी बेटी चुद रही थि, उसका शक

सही था, नलिनी को बहुत गुस्सा आता है और वो इन दोनों की क्लास लेने की सोचती है….

नलिनी वहा से हटणा तो

चाहति है, पर अंदर की जबरदस्त चुदाई देख कर वो गरम होने

लगति है और वो वहां से हट्ने की जगह लाइव शो देखने लगती है,

उसकी बर्षो से प्यासी चुत से तो जैसी झरना सा फुट पडता है… और वो

अपनी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर उठा

कर अपनी चुत मे ऊँगली दाल कर अंदर का सिन देखते हुए अपनी चुत

की आग को ठण्डा करने लगती है…. और वो अंदर की चुदाई को देखते हुए

४-५ बार झड भी चुकी थि, और अब वो इमेजिन कर रही थी जैसे की सतीश उसकी बेटी

की नहीं बल्कि उसकी चुदाई कर रहा है.

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