Update – 3
अंदर सोनाली का जिस्म अब शांत पड़ गया था और वो अपनी साँसे कण्ट्रोल कर रही थि, जिसके कारन उसकी चूचियां ऊपर निचे होने लगी थी… सतीश का तो दीमाग ही ख़राब हो रहा था वो समझ गया की अब अंदर कुछ स्पेशल नहीं होने वाला है, इस्लिये वो शार्ट को ऊपर करके तेजी से अपने रूम की तरफ बढ़ जाता है..
सतीश अपने रूम में पहुच कर तुरंत अपना शार्ट और अंडरवियर उतार कर फेक देता है, और अपने बेड पर लेटकर अपनी आँखे बंद करके अपनी माँ के बारे में सोचते हुए मुट्ठ मारने लगता है, आज उसे मुट्ठ मारने में इतना मज्जा आया जितना की कभी उसे चुत मरके भी नहीं आया था… और थोड़ी देर में ही उसका लंड उलटी कर देता है, आज उसके लंड ने जितना माल गिराया था उतना तो कभी चुदाई करके भी नहीं निकला था, और अब थकन के कारन सतीश की आँखे भारी होने लगती है और वो नंगा ही सो जाता है और खो जाता है खवाबो की हसीं दुनिया में…
सूबह ६ बजे सोनाली की आँख खुलती है, वो अपने बिस्तर से उठती है तो उसका ध्यान अपनी नग्न अवस्थ पर जाता है, वो तुरंत नाइटी उठा कर पहनती है और फिर टाइम देखति है…
सोनाली- है भगवान् ६ बज गये, आज तो मैं बहुत लेट हो गई… और वो तुरंत फ्रेश होने चलि जाती है, और फ्रेश होकर किचन की तरफ बढ़ जाती है… आज नहाने का टाइम उसके पास नहीं था क्योकि उसे सतीश और शिप्रा को जगाना था और उनके लिए लंच भी रेडी करना था…
सोनाली चाय बनाती है और उन्हें कप में डालकर शिप्रा और सतीश के कमरो की तरफ चल देती है,..
सीढ़ियां चड़ते ही पहला रूम शिप्रा का पडता है, फिर उससे लगा हुआ रूम सतीश का और सतीश के रूम के सामने श्वेता का रूम था, पर उस पर अभी टाला लगा हुआ था… क्योकि श्वेता मुम्बई में रहकर अपनी स्टडी कर रही है…
ओर शिप्रा के जस्ट सामने एक कॉमन बाथरूम है, श्वेता के रूम से सटा हुआ,..
सोनाली शिप्रा के रूम में जाकर उसको जगाती है, शिप्रा थोड़ी देर तो कसमसाती है फिर उठ कर अपनी माँ को गुड़ मॉर्निंग बोल कर फ्रेश होने चलि जाती है.
.. सोनाली उसका कप टेबल पर रखकर सतीश के रूम की तरफ बढ़ जाती है…
सतीश अपने रूम में हसीन सपनो की दुनिया में खोया हुआ था… सोनाली सतीश का गेट खोलकर जैसे ही अंदर घुसती है उसकी आँखें फटी की फटी रह जाती हे… सामने सतीश पीठ के बल पूरा नंगा सोया हुआ था… और उसका लंड अपनी पूरी औकात में खड़ा हुआ था…. सोनाली तो उसका मूसल जैसा लंड देख कर अपने मुह पर हाथ रख लेती है उसे तो अपनी आँखों पर विस्वास ही नहीं हो रहा था…
सोनाली- “हे भगवान् किसी का इतना बड़ा भी होता है क्या”…?
लंड को देख कर उसकी साँसे फूलने लगती है और उसकी चुत गिली होने लगती है…
सोनाली- अपनी साड़ी( जो की उसने फ्रेश होने के बाद पहन ली थी ) पर से अपनी चुत को मसलते हुये- हे भगवान् ये मुझे क्या हो रहा है मेरी चुत, अपने बेटे का लंड देखके ही पाणी बहा रही है, ये सब गलत है ऐसा नहीं होना चहिये…
ओर इसी के साथ वो उसके रूम के डोर को बंद करके बाहर आ जाती है… और फिर उसके डोर को नॉक करती है, २ मीनट. तक डोर नॉक होने पर सतीश की आँख खुलती है और उठ कर जब वो अपनी हालत देखता है तो तुरंत अपने कपडे उठाकर पहनता है और फिर गेट खोलता है…
सोनाली गुस्सा दिखाते हुये- कितनी गहरी नींद सोता है पता है मे कितनी देर से गेट नॉक कर रही हु…
सतीश- वो माँ में गहरी नींद में था इसलिये पता नहीं चला… पर माँ आप रोज की तरह मुझे उठाने क्यों नहीं आई…
सोनाली- वो मैंने तेरे गेट को खोला पर ये खुला नहीं तो मैंने सोचा की तूने अंदर से बंद करा होगा,.. इसलिए सतीशने तेरा गेट नॉक किया, चल अब तू फ्रेश होजा मे तेरे लिए दूसरी चाय भिजवाती हु, ये तो पूरा पानी हो गई…
सतीश-“ओके मोम… और वो फ्रेश होने चला जाता है…
सोनाली किचन में आकर दूसरी चाय बनाने रख देती है पर उसके दिमाग में तो अभी भी वही सीन चल रहा था, और वो सतीश के लंड के ख़याल में खो जाती है…
मोँ… माँ कहा खो गई हो आप… और तभी किसी के हिलाये जाने से सोनाली अपनी ख्यालो की दुनिया में से बाहर आ जाती है… सोनाली होश में आती है तो देखति है की सामने शिप्रा तैयार खड़ी है और उसे हिला रही थी…
शिप्रा- कहा खो गई थी माँ अभी सारी चाय निकल जाति, वो तो मे सही टाइम पर आ गई…
सोनाली- “ऊह्ह्… कही भी तो नहीं बेटा, वो बस ऐसे ही कुछ सोचने लगी थी… चल अब तू आ ही गई है तो अपने भाई को चाय दे आ”.,
ओर सोनाली एक कप में चाय डाल कर शिप्रा को दे देती है…
शिप्रा चाय का कप लेकर सतीश के रूम की तरफ अपनी गांड मटकाते हुए चल देती है…
जबकि दूसरी तरफ सतीश सोनाली के जाते ही फ्रेश होने चल देता है… और जल्दी से फ्रेश होने के बाद बाथ लेने लगता है… सारे टाइम सतीश के दिमाग में कल रात वाले सीन किसी मूवी की तरह चल रहे थे, अब सतीश की सोच अपनी माँ को लेकर बदल गई थी और इस बात की गवाही उसका खड़ा लंड दे रहा था… बाथ लेते समय सतीश के दिमाग में एक ख़याल आता है और वो अपने आप से…..
सतीश- यार एक बात समझ नहीं आई, डोर तो खुला था फिर माँ ने ये क्यों कहा की डोर खुला नाहि, वैसे तो वो रोज मुझे उठाने आती थी….
ह.दी.- अबे साले वो तेरा पोपट बना गई, झुट बोल रही थी ओ… जरूर वो चाय लेकर अंदर आई होगी तू घोड़े बेच के सो रहा होगा और उन्होंने तेरा खड़ा लंड देख लिया होगा तो उन्होंने बाहर जाकर गेट नॉक करा होगा…
सतीश- आओ भाई तेरी कमी ही रह गई थी साले हमेशा लंड से ही सोचता है,.. हो सकता है की वाकई में उनसे डोर न खुला हो…
ह.दी.- साले लोडू हो गया है क्या आज से पहले ऐसा हुआ है कभी की वो तुझे उठाने आई हो और डोर न खुला हो तूने तो डोर खोला ही था कितनी आसानी से खुल गया था, कोई तुझ जैसा चूतिया नंदन ही उनकी बात का यकीन करेगा की गेट न खुला हो…
सतीश- पर…
ह.दी.- “पर…वर छोड़ और अब माँ की चुदाई का प्लान बना… अब तो उन्होंने भी लंड देख लिया है… और तू तो जनता ही है की अपने लंड को देख कर तो हर कोई इसे अपनी चुत में लेना चाहता है…
सतीश- तू सच कह रहा है भाई… अब जब वो मेरा लंड देख ही चुकी हैं तो ज्यादा दिनों तक इसे लिए बिना नहीं रह सकती…. अब जलद ही मेरा लंड उनकी चुत की गहराई नापेगा…
ओर इसी के साथ वो अपनी माँ को ख्यालो में ही तरह तरह से चोदते हुए अपना पानी निकाल देता है…
दूसरी तरफ शिप्रा, सतीश के रूम में आती है, सतीश को रूम में न पाकर वो समझ जाती है की सतीश वाशरूम में है, शिप्रा चाय का कप बेड के पास रखी टेबल पर रख देती है, तभी उसकी नजर बेडशीट पर पड़े दाग पर पड़ती है, वैसे निशान कई जगह थे… शिप्रा उन्हें ध्यान से देखति है और फिर उसके चेहरे पर एक अर्थपुर्ण मुस्कान आ जाती है, तभी सतीश का मोबाइल रिंग करता है, शिप्रा मोबाइल उठाती है तो उसे स्क्रीन पर एक मेसेज फ़्लैश होते दिखाइ देता है, जो किसी प्रियंका नाम की लड़की का था… शिप्रा मोबाइल को टेबल पर रख देती है तभी उसके दिमाग में न जाने आता है वो मोबाइल उठकर मेसेज ओपन करती है…
मेसेज- “गुड़ मॉर्निंग जानु आई मिस यु टू”.
मेसेज पढ़कर शिप्रा के फेस पे एक शरारती मुस्कान आ जाती है, और वो इन्बॉक्स में चलि जाती है और मेसेज पड़ने के लिये, पर तभी बाथरूम के गेट खुलने की आवाज सुनकर वो मोबाइल रख देती है…
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Nice update