अपनों का प्यार या रिश्तों पर कलंक [ ड्रामा + सस्पेंस ] – Update 3

अपनों का प्यार या रिश्तों पर कलंक [ ड्रामा + सस्पेंस ] - Pariwarik Chudai Ki Kahani

प्रिन्सिपल को रूही सारी बात बता देती है कि किस तरह से ये लड़के यहाँ रेजिंग ले रहे थे ऑर लड़कियो को छेड़ते है.

प्रिन्सिपल उन लड़कों को अपने ऑफीस में आने के लिए कहते है ऑर जिस लड़के के सिर पर मैने बॉट्टेल मारी थी ….उसे वो हॉस्पिटल पहुचाने का बोलकर वहाँ से चले जाते है…

लड़का–तूने हम लोगो पर हाथ उठा कर अच्छा नही किया इसका बदला हम जल्दी ही लेंगे.

में–चल भाग अब यहाँ से वरना चलने के लायक नही रहोगे.

ऑर उसके बाद वो लोग वहाँ से चले जाते है कॅंटीन में बैठे सभी लड़के लड़किया मेरे पास आकर थॅंक्स कहते है..ऑर मुझ से दोस्ती कर लेते है.

इस तरह से कॉलेज के पहले ही दिन मैने अपनी कॉलेज की गॅंग रेडी कर ली.

रूही–क्यो लड़ाई की तूने उन लड़को से.

में—में लड़ाई नही करता दीदी लेकिन उस लड़के ने आपका हाथ पकड़ के ग़लत किया , उसके बाद मेरा रुकना नामुमकिन था.

रूही–चल अब घर चलते है नीरा के स्कूल का टाइम भी हो गया है.

फिर हम दोनो नीरा की स्कूल को तरफ बाइक पर चल पड़ते है….रूही आज कुछ ज़्यादा ही मुझ से चिपक कर मेरी बाइक पर बैठी थी…..

हम लोग नीरा की स्कूल पहुँच गये नीरा भी वहाँ बाहर ही खड़ी होकर हमारा इंतजार कर रही थी.

नीरा–आप लोग कहाँ घूमते रहते हो , आज आप पूरा 10 मिनिट्स लेट हो.

में–अबे 10 मिनिट ही तो लेट है…

नीरा–ऑर अगर इन 10 मिनिट्स में मेरे साथ कुछ हो जाता तो.

में–पागल अपना मुँह बंद रख , ओर चुपचाप गाड़ी पर बैठ…कुछ नही होगा तुझे.

रूही–अब तुम दोनो लड़ना बंद करो ऑर जल्दी से घर चलो , मेरा तो भूख के मारे हाल खराब है.

फिर हम लोग घर की तरफ़ निकल जाते है .

घर पहुँच कर रूही अपने कमरे में चली जाती है चेंज करने के लिए ऑर नीरा मुझे अपने साथ बिठा लेती है ऑर हम टीवी देखने लग जाते है…इस समय टीवी पर डोरेमोन आ रहा था, ऑर ये नीरा को बहुत पसंद था.

तभी भाभी भी आजाती है कॉफी ऑर नाश्ता लेकर ऑर मेरे बगल में बैठ जाती है.

भाभी–नीरा अभी भी बच्चो वाले शो देखती है,अब तो तू 18 साल की होगयि है.

नीरा–उमर बढ़ने का ये मतलब थोड़े ही है जो चीज़े मुझे पसंद है वो में छोड़ दूं.

कल आप कहोगी कि जय भैया से प्यार करना छोड़ दे.

भाभी–अरे मेरी प्यारी ननद ऐसा तो में कभी सोच भी नही सकती ..अब ये नाश्ता ऐसे ही ठंडा करना है या तुम लोग इसे खाना शुरू करोगे, ऑर ये रूही कहाँ रह गयी.

नीरा–दीदी चेज करने गयी है.

भाभी–जय पापा ऑर तुम्हारे भैया हफ्ते भर के लिए दुबई गये है…क्यो ना हम लोग कहीं पिक्निक पर चले.

में कुछ बोलना ही चाहता था कि नीरा बोल पड़ी.

नीरा–हाँ जय भैया किसी मस्त जगह चलते है अभी 4 दिन की छुट्टियाँ भी हो गयी है.

में–4 दिन की छुट्टियाँ किस खुशी में.???

नीरा–दो दिन की छुट्टी तो में स्कूल से ले लूँगी ऑर अगले दो दिन किसी महापुरुष की जयंती है इसलिए छुट्टी रहेगी.

में–वाह मेरी बिल्ली पिक्निक का नाम सुनते ही तेरी छुट्टियाँ शुरू हो जाती है.

तभी रूही भी वहाँ आजाती है

रूही–हाँ जय हम लोगो को कहीं चलना चाहिए ऑर वैसे भी अभी कुछ दिन तक कॉलेज में भी लेक्चर नही होने वाले.

में–लेकिन मम्मी से तो पूछ लो क्योकि पापा ऑर भैया दोनो ही यहाँ नही है वो घर बंद एक मिनिट के लिए नही करेंगी.

नीरा–मम्मी को पटाने की ज़िम्मेदारी मेरी…में उन्हे चलने के लिए मना लूँगी.

में–तो फिर ठीक है , तू बात कर ले मम्मी से.

वो भाग कर मम्मी के रूम में चली जाती है ऑर मम्मी का हाथ पकड़ कर रूम से बाहर खीच कर ले आती है.

मम्मी–क्या बात है….तुम लोगो को पता है ये समय मेरे सोने का है और ये महारानी मुझे यहाँ ले आई.

नीरा–मम्मी हम पिक्निक पर जाने का प्रोग्राम बना रहे है, आप भी चलोगि हमारे साथ???

मम्मी–यहाँ मुझे फ़ैसला करने के लिया बुलाया है या अपना फरमान सुनाने के लिए,

कोई कहीं नही जा रहा तुम्हारे पापा जब तक नही आजाते .

और फिर मम्मी वही बैठ जाती है.

नीरा–मम्मी आप तो कहीं जाती नही जब से में देख रही हूँ आप कभी मार्केट भी नही जाती,हमेशा इस घर में पड़ी रहती हो..ना तो खुद कहीं जाती हो और ना हमे कहीं जाने देती हो.

मम्मी–तेरा ये एमोशनल ब्लॅकमेन्ल करने वाला जादू मुझ पर नही चलेगा ….तुम लोगो के जाने का फ़ैसला सिर्फ़ तुम्हारे पापा कर सकते है.

नीरा—ठीक है मम्मी ….में पापा से बात करती हूँ लेकिन पहले मेरी कसम खाओ पापा से बात करने के बाद जो में कहूँगी वो आप को करना पड़ेगा.

मम्मी–लेकिन तेरे पापा मानेंगे ही नही तुम लोगो को कही भी अकेले भेजने के लिए.

नीरा–आप कसम खाओ पहले उसके बाद भी अगर वो मना कर देंगे तो आप भी उस कसम से आज़ाद हो जाओगी.

मम्मी–में क्या पागल हुई हूँ जो तेरी बातो को मानने के लिए मुझे तेरी कसम खानी पड़ेगी अगर मेरे बस में होता तो तुम लोगो को कभी नही रोकती.

नीरा–आप बस एक बार कसम खाओ,फिर मेरा जादू देखो.

मम्मी—तेरी कसम….अब खुश.

नीरा…. बहुत खुश.

नीरा पापा को फोन मिला देती है.

पापा–हाँ बेटा क्या हुआ इस वक़्त फोन किया है मेरी मीटिंग शुरू होने ही वाली है.

नीरा—पापा में बात को ज़्यादा घुमा फिरा के नही कहूँगी ….हम लोगो को पिक्निक पर जाना है 4 दिन के लिए और आपकी रज़ामंदी चाहिए.

पापा–तू पिछले जनम में कोई गुंडी वंडी थी क्या….रज़ामंदी माँग रही है या धमकी दे रही है.

अब में भी बात को ज़्यादा घुमा फिरा के नही बोलूँगा …तुम लोग कहीं नही जा रहे जब तक हम वापस घर नही आजाते.

नीरा–बोल लिया आपने ….आपकी इन्ही बातो के पीछे मम्मी कभी घर से बाहर नही निकलती और जब वो हमारे साथ जाने को रेडी होगयि है तो आप बीच में अपनी टाँग अड़ा रहे हो.

पापा–क्या कहा तूने तेरी मम्मी भी जाना चाहती है??तू मुझ से झूठ तो नही बोल रही है??

नीरा–आपकी कसम पापा में मम्मी को भी हमारे साथ ले जाउन्गी..

पापा–अगर ऐसी बात है तो जाओ और मज़े करो…लेकिन अगर मुझे पता चला कि तूने मुझ से झूठ बोला है तो याद रखना तेरा स्कूल जाना भी बंद करवा दूँगा.

नीरा–ठीक है पापा में आपकी कसम झूठी नही खा सकती..में मम्मी को भी अपने साथ लेकर जाउन्गी.

पापा–चल ठीक है अब मेरी मीटिंग का टाइम होगया है में फोन रख रहा हूँ.

इधर मैने मम्मी को पकड़ रखा था और रूही दीदी ने उनके मुँह पर हाथ रख रखा था मम्मी अपना पूरा ज़ोर लगा रही थी हम लोगो से छूटने के लिए और पापा को सच बताने के लिए..और जैसे ही नीरा ने फोन रखा और हम सब हँसने लगते है.

मम्मी–ये क्या बदतमीज़ी है तुम लोगो ने झूठ बोलकर उनसे पर्मिशन माँगी है में अभी फोन करके उन्हे सब सच बता देती हूँ.

नीरा–एक ही साँस में,,,,मम्मी आपने मेरी कसम खाई है जो में बोलूँगी वो आप करोगी और आपको अब कसम पूरी करने के लिए हम लोगो के साथ चलना पड़ेगा अगर आप कसम पूरी नही करोगी तो कसम टूटने की वजह से में मर जाउन्गि और अगर में मर गयी तो पापा की खाई हुई कसम भी टूट जाएगी …सोच लो आगे क्या होगा.

मम्मी मुँह फाडे नीरा की तरफ़ देखे जा रही थी उनको अहसास होगया था कि वो अब कुछ नही कर सकती ..,और उनकी ये हालत देख कर हम सभी मुस्कुराए जा रहे थे.

मम्मी–कहाँ जाना है….

और हम सभी एक साथ…हुर्र्रेयययी… चिल्ला देते है…..

हम सभी ने ऋषिकेश जाने का फाइनल किया. हम सभी ने आज रात को ही निकलने का प्लान बनाया, अभी दिन के 2 बजे थे और फिर भाभी और रूही शॉपिंग के लिए निकल गयी, में मेरे लेपटॉप पर वहाँ रुकने के लिए बुकिंग करने लगा

मम्मी और नीरा ज़रूरी सामान की पॅकिंग कर रही थी और साथ ही साथ नीरा को बातें भी सुनाए जा रही थी.

मम्मी–तुझे शर्म नही आई मुझे बेवकूफ़ बनाते हुए…मुझे तो बनाया जो बनाया तूने तेरे पापा को भी बेवकूफ़ बनाया???

नीरा–ऊओहू मम्मी अगर में ऐसा नही करती तो ना आप कभी घर से निकल पाती और ना ही कभी हम इस तरह से पिक्निक पर जा पाते, सोचो कितना मज़ा आएगा वहाँ हम सब को.

मम्मी–मुझे बहलाने की कोशिश मत कर तेरी माँ हूँ में…पता नही हर बार तेरे झाँसे में कैसे आ जाती हूँ में.

नीरा–आप खूब सारा प्यार जो करती हो मुझ से. आपकी इतनी लाडली हूँ तो आप तो मेरी बात मनोगी ही.

मम्मी–हाँ मेरी बच्ची लाडली तो तुम हम सब की है जान है तू मेरे घर की….तभी गुस्से मे….मुझे फिर फसा लिया तूने अपने जादू में,बोल देती हूँ तुझे ये मीठी मीठी बातो में मुझे फसाने की कोशिश मत किया कर.

नीरा—क्या मम्मी हर समय मुझ पर गुस्सा करती रहती हो…कभी थोड़ा प्यार से भी बात कर लिया करो…आपकी बातो से ऐसा लगता है जैसे में मंदिर में मिली थी आपको.

मम्मी–गुस्से से चुप हो जा वरना मेरा हाथ उठ जाएगा तुझ पर …तुझे इतना प्यार दिया और तो बदले में ये सिला दे रही है मेरी ममता का.

मम्मी की आँखो में अचानक से आँसू छल्छला आए थे.

नीरा–मम्मी सौरी माफ़ कर दो मुझे में तो आपका अच्छा बेटा हूँ ना…मेरी बात का बुरा लगा मेरी प्यारी मम्मा को.

और नीरा कस कर गले से लगा लेती है मम्मी को .

मम्मी –बस बस काफ़ी नौटंकी हो गयी तेरी अब चुपचाप सामान पॅक करवा नही तो बाहर जाकर वो बिल्ली वाला नाटक देख(डॉरेमन).

नीरा इस बार बिल्कुल शांत हो कर मम्मी के साथ पॅकिंग करवाने लग जाती है.

उधर भाभी और रूही भी आजाती है …वो लोग सारा सामान अच्छे से पॅक कर के रख देती है.

में–मम्मी ऊओ मम्मी वहाँ होटेल में बुकिंग हो गयी है अब चलने की तैयारी करो हमे जल्दी निकलना होगा खाना हम बाहर ही कहीं खा लेंगे.

मम्मी–ठीक है सामान गाड़ी में भरो फिर बैठे बैठे क्या टाइम पास कर रहे हो तुम सब.

और हम सब मम्मी की ये बात सुनकर खिलखिला के हंस देते है.

सारा सामान गाड़ी में भरने के बाद में सब से आगे ड्राइविंग सीट पर मेरे पास वाली सीट पर नीरा पीछे वाली सीट पर भाभी मम्मी और रूही बैठ गये मम्मी उन दोनो के बीच में बैठी थी.

हम लोग चल पड़े और जल्दी ही हम हाइवे पर पहुँच गये. हम घर से 7 बजे निकल गये थे इस हिसाब से कल दिन तक हम वहाँ पहुँच जाएँगे.

में लगातार हाइवे पर गाड़ी भगाए जा रहा था नीरा सो चुकी थी पीछे मम्मी और और रूही भी सो चुकी थी बस भाभी जाग रही थी.

भाभी ने मुझ से कहा .

भाभी–जय कहीं साइड में गाड़ी रोको ना.

में–क्या हुआ भाभी.

भाभी–मेने कह दिया ना साइड में गाड़ी रोको. कोई मजबूरी होगी तभी रोकने के लिए कह रही हूँ ना.

मैने फिर गाड़ी साइड में लगा दी और भाभी फट से बाहर उतर गयी , भाभी ने आज जीन्स और एक टॉप पहना हुआ था उतरते वक़्त जब मैने बॅक व्यू मिर्रर में देखा भाभी गाड़ी के पास ही खड़ी हो गयी और अपनी जीन्स उतारने लगी.जीन्स घुटनो तक करने के बाद उनकी वाइट पैंटी पूरी तरह से दिख रही थी …फिर भाभी ने अपनी पैंटी भी घुटनो तक सरका दी अब उनकी पूरी गान्ड मुझे दिखाई दे रही थी..मेरा बुरा हाल हो रहा था , उनकी बिल्कुल गोरी गान्ड और उसके बीच में वो लकीर जो दोनो को अलग कर रही थी मुझ पर गजब ढा रही थी,,,भाभी अब नीचे बैठ कर पेशाब करने लगी उनके पेशाब करने की आवाज़ एक सीटी की तरह मुझे सुनाई दे रही थी फिर वो खड़ी हो गयी और अपने कपड़े सही करने के बाद मेरी तरफ़ खिड़की में आई.

भाभी–जय मेरे हाथो पर थोड़ा पानी डालना.

मैने तुरंत अपने पास पड़ी बॉट्टेल में से उनके हाथ धुलाए और मैने बोला.

में–क्या बात है भाभी बड़े जोरो की लगी थी क्या आवाज़ काफ़ी दूर तक आरहि थी.

चलो अब आप गाड़ी में बैठो में भी थोड़ा हल्का हो जाता हूँ.

उसके बाद में गाड़ी में से उतरा और थोड़ा आगे जाकर मुतने लगा. जब वापस आया तो भाभी डर्राइविंग सीट पर बैठी थी और उनके चेहरे से लग रहा था जैसे आज वो मुझे खा ही जाएँगी. मेरे आते ही वो सीट पर से उतर गयी और जैसे ही में बैठने लगा तडाक मेरे सिर पर एक चाँटा पड़ा.

में–अपने सिर को मसल्ते हुए…क्या हुआ मारा क्यो.

भाभी–तुम्हारे बॅक व्यू मिरर में से मुझे सब नज़र आ गया, आज जो तुमने किया है उसका बदला तो में ज़रूर लूँगी.

फिर उसके बाद भाभी अपने कदम पटकती हुई गाड़ी में बैठ गयी .

अभी रात का 1 बज गया था और हम लोगो ने कुछ भी नही खाया था….फिर मैने गाड़ी आगे बढ़ा दी भाभी लगातार पीछे से मेरे बाल खिचे जा रही थी, आगे जाकर ठीक ठाक सा ढाबा दिखा वहाँ जा कर मैने अपनी गाड़ी रोकी और सब को जगा दिया…..

ढाबे पर गाड़ी लगाने के बाद हम सब ने मुँह हाथ धहो कर खाने का ऑर्डर दिया ..

खाना खाते खाते ऐसे ही मस्ती मज़ाक चलती रही..फिर रूही ने कहा जय अब गाड़ी में चलाउन्गी तू काफ़ी थक भी गया है.

मैने उसे चाबी देकर मम्मी को आगे बैठने को कहा क्योकि वो भी काफ़ी देर सो चुकी थी.और अब में बीच में और भाभी और नीरा मेरी अगल बगल बैठ गयी.

भाभी ने मेरे पास बैठते ही मेरी बाँह पर च्युन्टी काट ली और हँसने लगी.

फिर गाड़ी चलने लगी रूही गाड़ी अच्छी चलाती है. इस बात का मुझे पूरा भरोसा था क्योकि रूही ने ही मुझे गाड़ी चलाना सिखाया था. इस लिए में निश्चिंत हो कर सो सकता था.

थोड़ी देर में ही मुझे नींद आ गयी और मेरे साथ साथ भाभी भी सो गयी , नीरा तो वैसे ही नींद की राजकुमारी है इसलिए वो तो सब से पहले सोती है.

थोड़ी देर बाद अचानक मेरी आँख खुली. मेने देखा मेरे दोनो कंधो पर भाभी और नीरा ने अपने सिर रख रखे थे और नीरा तो बिल्कुल मुझ से चिपकी हुओ सो रही थी उसके उभार मुझे मेरी कोहनी पर महसूस होने लगे थे.

मैने अपने उपर काफ़ी कंट्रोल किया लेकिन तभी भाभी भी मेरी तरफ़ और सरक गयी उनके भी बोबे मेरी कोहनी से टच होने लगे.

मेरा बुरा हाल हो रहा था तभी नीरा जो मुझे पकड़ कर सो रही थी उसका एक हाथ फिसलता हुआ सीधे मेरे लिंग पर जा कर गिरा .

मेरा दिमाग़ बुरी तरह से खराब हो चुका था और लिंग महराज अपना सिर झुकाने को तैयार नही थे. मैने अपने आपको काबू में रखा और नीरा का हाथ अपने लिंग पर से हटा के साइड कर दिया.और मैने रूही को कहा.

में–रूही दीदी गाड़ी मुझे चलाने दो आप काफ़ी स्लो चला रही हो.

रूही–हाँ भाई धीरे तो चला रही हूँ क्योकि काफ़ी दिनो बाद में हाइवे पर गाड़ी चला रही हूँ तो थोड़ा डर लग. रहा है.

में–ठीक है तो फिर आप गाड़ी साइड में लगाओ क्योकि मेने भी काफ़ी देर आराम कर लिया है.

फिर रूही गाड़ी साइड में लगाकर बाहर आ जाती है. और मेरे उठते टाइम मेरा लिंग भाभी के चेहरे से रगड़ता हुआ निकलता है . में गाड़ी से बाहर निकल के चैन की साँस लेता हूँ और खुद से कहता हूँ आज तो इज़्ज़त लूटने से बच गयी बेटा……

उसके बाद में साइड में जाकर पेशाब करने लगता हूँ इस से मुझे कुछ सुकून मिलता है.

में गाड़ी में बैठ जाता हूँ और रूही मम्मी को भी जब तक पीछे भेज देती है.

और खुद आगे आकर बैठ जाती है. हम लोग ऐसे ही चलते रहते है मस्ती मज़ाक करते करते और कब हम लोग ऋषिकेश पहुँच जाते है कुछ पता नही चलता.

वहाँ मैने एक रिजोर्ट में बुकिंग करवाई थी जो कि काफ़ी हरी भरी जगह था.

वहाँ जाकर में रूम में सामान रखवा देता हूँ और कुछ खाने के लिए ऑर्डर कर देता हूँ, हम को वहाँ पहुँचते पहुँचते रात हो गयी थी इस लिए हम सब ने आराम करने का फ़ैसला लिया और सब अपने अपने रूम्स में सोने चले गये.

अगले दिन सुबह….

में फ्रेश होकर रेडी हो गया और बाकी सब भी फ्रेश हो चुके थे.

नीरा–क्या भैया ये कौनसी पिक्निक हुई अगर होटेल में ही रुकना था तो हमारे उदयपूर में एक से एक आलीशान होटेल्स है इतनी दूर आने की क्या ज़रूरत थी??

में–सबर कर तुझे यहाँ पूरी पिक्निक का मज़ा दिलवा कर ही घर लेकर जाउन्गा.

फिर हम लोग अपनी गाड़ी लेकर होटेल की गाड़ी के पिछे पीछे चलने लगे वो गाड़ी हमे जंगल के अंदर ले जा रही थी.

फिर हम एक जगह रुक गये उस गाड़ी में से 3 आदमी निकले और टेंट बनाने लग गये.और एक आदमी गाड़ी में से लकड़िया निकाल रहा था टोटल 2 टेंट लगाए गये थे फिर वो लोग शाम को आने का बोलकर चले गये.

में– अब ठीक है नीरा अब तो खुश है तू.

नीरा– बहुत खुश भैया एक आप ही हो जो मेरे दिल की बात होंठो पर आने से पहले समझ लेते हो.

में—आख़िर तू मेरी स्वीतू जो है चलो अब आस पास घूमने चलते है होटेल वाले बता रहे थे यहाँ एक नदी भी है.

भाभी–नदीइई…..वाउ तब तो खूब मज़ा आएगा.

फिर हम लोग आगे बढ़ गये काफ़ी दूर से ही नदी के पानी की आवाज़ हमारे कानो में पड़ने लग जाती है…हम सभी तेज़ी से उस ओर चलने लगते है.

सामने देखते ही मन खुशी से झूम उठता है…ये एक पहाड़ी नदी थी और इसका पानी बिल्कुल काँच की तरह क्रिस्टल क्लियर था वहाँ बड़े बड़े काफ़ी पत्थर भी थे नदी ज़्यादा गहरी भी नही थी और ना ही वहाँ पानी तेज बह रहा था, हम लोग वहाँ पड़े पत्थरो पर बैठ गये…मम्मी मेरे साथ ही बैठी थी.

मम्मी–आज कितने सालो के बाद में ये सब देख रही हूँ कभी सोचा नही था में दुबारा. प्रकृति की ये निराली छटा देख पाउन्गी…बस उलझ कर रह गयी थी परिवार के बन्धनो. में जो मुझे घर से बाहर पैर निकालने की इजाज़त नही देते थे.

में–मम्मी हम सब जानते है आप हमारे कारण कभी घर से बाहर नही निकलती थी …हमेशा आपने अपनी ख़ुसीयो का बलिदान दिया है हमारी देख भाल करने के लिए…लेकिन अब और नही आज के बाद आप कभी खुद को एक पिंजरे के पन्छि की तरह नही रखोगी.

आप हमेशा खुश रहोगी तभी हम भी खुश रह पाएँगे…खाओ मेरी कसम मम्मी अब से जो कुछ भी आपने हमारे पीछे खो दिया है आपने वो हर लम्हा आप खुल कर जियोगी खाओ मेरी कसम मम्मी खाओ मेरी कसम.

मम्मी— तेरी कसम….मेरे बच्चे तेरी कसम…अब में खुदको पूरी तह से बदल लूँगी अगर मेरे बच्चो को तकलीफ़ होती है मुझे इस तरह देख कर तो में वो सब करूँगी जो मेरे बच्चो की खुशी होगी…तेरी कसम …आज के बाद तुम लोगो को तुम्हारी माँ में एक हस्ती खेलती लड़की नज़र आएगी जो ना जाने कहाँ खो गयी थी.

उसके बाद वो रोने लगती है और में उनको अपने गले से लगा लेता हूँ …उनके आँसू पोछते हुए ..

में–भगवान ने मेरा नसीब इतना अच्छा बनाया है जो मुझे इतना अच्छा परिवार मिला ,अब आप रोना बंद कर दो माँ और हम लोगो के साथ जिंदगी का फिर से मज़ा लो.

फिर मम्मी भाभी को आवाज़ लगाती है और कॅंप में चलने को कहती है भाभी जाना तो नही चाहती थी लेकिन मम्मी की आँसुओ से भरी आँखे देख कर खुद को उनके साथ जाने से रोक नही पाई….,

मम्मी और भाभी के जाने के बाद में रूही और नीरा के पास चला गया,दोनो आज बेहद खुश लग रही थी.

नीरा–आइ लव यू भैया आप दुनिया के सब से अच्छे भाई हो…और रूही दीदी दुनिया की सब से अच्छी बहन….में आज बेहद खुश हूँ भैया थॅंक यू वेरी मच.

और फिर वो मुझ से लिपटकर मेरे पूरे मुँह पर किस करने लग जाती है तभी अचानक वो मेरे होंठो पर भी किस कर देती है….

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