फिर उसके बाद नीरा मुझे पर झपट पड़ती है और मेरे पूरे चेहरे पर अपने होंठों से निशान बना देती है….और फिर लास्ट में मेरे नीचे वाले होंठ पर एक हल्का सा बाइट कर के कहती है ….
नीरा–गुड मोर्निंग जान….
और में भी कस कर उसे अपने गले से लगा लेता हूँ….उसके बाद में उसे बाहर जाने को कहता हूँ और बाथरूम में घुस जाता हूँ….
नीरा का इस तरह मेरा ख्याल रखना मुझे काफ़ी अच्छा लग रहा था….में जल्दी जल्दी फ्रेश हो कर बाहर निकल कर आ गया….बाहर सभी हॉल में बैठ कर मेरा वेट कर रहे थे नाश्ते के लिए….
कोमल–भैया क्या बात है आज कल कॉलेज की खूब छुट्टियाँ मार रहे हो आप….
में–क्यो तेरा भी स्कूल से छुट्टी मारने का मन कर रहा है क्या….
कोमल–स्कूल से छुट्टी मारने का तो नही लेकिन कहीं घूमने जाने का ज़रूर मन कर रहा है…..
में–में एक बार ये काम निपटा लूँ उसके बाद नेक्स्ट वीक हम 4 दिनो के लिए कहीं बाहर चलेंगे….
कोमल–पक्का ना भैया…..
दिखसा–अब उनसे क्या लिख कर लेगी….चुप चाप खाना खा और स्कूल जाने की तैयारी कर….
मम्मी–अरे दीक्षा बेटा बोलने दे उसे वो अपने भाई को ही बोल रही है कोई दूसरा बाहर वाला नही है….
कोमल–बड़ी मम्मी दीदी हमेशा मुझे डाँटती रहती है…
मम्मी–क्या बात है दीक्षा कुछ दिनो से तेरा बर्ताव क्यो बदला हुआ है….
दीक्षा–कुछ नही बड़ी मम्मी.. मम्मी पापा ने गाँव जा कर एक बार भी हमसे फोन करके बात नही करी….ऐसा लग रहा है जैसे एक बोझ था उनके सीने पर जिसे वो इस घर में छोड़ कर चले गये है….ये कहते कहते दीक्षा की आँखो में आँसू आ गये…और मम्मी ने वहाँ से उठ कर दीक्षा के माथे को अपने सीने में दबा लिया….
मम्मी–ऐसा नही बोलते दीक्षा …तुम उनके लिए बोझ नही हो….वो बस तुम्हारी पढ़ाई में डिस्टर्ब ना हो इसलिए तुम्हे फोन नही कर रहे होंगे….तू कॉलेज से आजा उसके बाद तुम दोनो बहनो के साथ तेरे माँ बाप की मिल कर क्लास लगाएँगे….
उसके बाद वो सब कार में बैठ कर अपने अपने स्कूल कॉलेज की तरफ रवाना हो गये….
और में वही बैठा बैठा अख़बार पढ़ने लग गया….इसी तरह टाइम पास करते करते 10 बज गये तभी मेरे पास राजेश का फोन आ गया….
रहेश–जय रेडी हो गये ना….
में–हाँ राजेश भाई में बस आपके फोन का ही वेट कर रहा था….बोलिए कहाँ मिलेंगे आप…में अपनी कार लेकर वही आ जाता हूँ….
राजेश–ठीक है तुम मुझे ऑफीस के बाहर से ही पिक कर लो 11.15 की फ्लाइट है ज़्यादा देर मत करना….
में–में बस निकल ही रहा हूँ….10.30 आपके पास पहुँच जाउन्गा….
राजेश–ठीक है आ जाओ अब में फोन रखता हूँ….
उसके बाद में फोन अपनी जीन्स में डालकर एक छोटे से ट्रॅवेल बेग में कुछ ज़रूरी सामान भर लेता हूँ….और मम्मी से कहता हूँ जुगल किशोर अंकल की दुकान से कोई आएगा उन्हे वो बॉक्स दे देना….
मम्मी–ठीक है में वो दे दूँगी लेकिन तेरे दिमाग़ में चल क्या रहा है बताएगा मुझे….
में–बहुत जल्दी इस घर में खुशिया आने वाली है….बस मुझे थोड़ा वक़्त और दे दो….उसके बाद में सब कुछ ठीक कर दूँगा….
मम्मी–ठीक है जा जहाँ जाना है….लेकिन अपना ख्याल रखना….
में उसके बाद वहाँ से निकल कर सीधा राजेश के ऑफीस की तरफ बढ़ जाता हूँ वहाँ मुझे राजेश बाहर ही नज़र आजाता है….
उसके बाद हम तेज़ी से एरपोर्ट की तरफ बढ़ जाते है….
हम लोग वाराणसी एरपोर्ट पहुँच गये थे…वहाँ से हमे एक कार लेकर 2 घंटे के सफ़र पर निकलना था….मैने शमा को फोन करके यहाँ पहुँचने के बारे में बता दिया….उसकी आवाज़ से घबराहट काफ़ी सॉफ दिखाई पड़ रही थी….
शमा से बात करने के बाद हम लोग एक पोलीस हेडक्वॉर्टर में पहुँचे जहाँ राजेश ने कुछ मालूमात करी…
राजेश–जय भाई मामला बड़ा गंभीर है….यहाँ कुछ धर्म के ठेकेदार है जो वेश्याव्रती को सही मानते है….और ये लोग पोलिटिकली भी काफ़ी साउंड है….हमे कुछ और ही करना होगा….
में–क्या करना होगा राजेश भाई…
राजेश–तुम्हे शमा को यहाँ से खरीद कर ही ले जाना होगा….अगर में यहाँ पुलिस के साथ रेड डालता हूँ उसमें किसी को चोट भी पहुँच सकती है….और दूसरी बात ये काम बिना मीडीया के पासिबल भी नही है….और अगर मीडीया इस काम में एंवोल्व हो गयी तो तुम खुद समझ सकते हो तुम्हारे परिवार की कितनी बदनामी होगी….
में–बात तो सही है राजेश भाई….मेरे दिमाग़ में एक प्लान है अगर आप सुनना चाहे तो….
राजेश–अगर वासत्व में कोई सेफ प्लान है तो में ज़रूर सुनना चाहूँगा….
में–हमारा सब से पहला मकसद शमा को यहाँ से कोई भी कीमत देकर निकालना है….हम लोगो के निकलने के बाद अगर आप….यहाँ रेड कर दे तो शमा भी बच जाएगी और काफ़ी सारी लड़कियो की जिंदगी भी बच जाएगी….
राजेश–मेरे दिमाग़ में भी यही चल रहा है जय….
रेड के टाइम तुम्हारे दिए हुए पैसे भी बरामद हो जाएँगे….लेकिन रेड से पहले में तुम्हारे साथ उस कोठे पर नही जा सकता….
में–हम लोग जैसे ही वहाँ से निकलेंगे आपको इनफॉर्म कर देंगे आप हमारे वहाँ से निकलते ही कोठे पर रेड कर देना….
राजेश–ठीक है जय अभी….7 बज रहे है और वहाँ का महॉल भी रंगीन हो रखा होगा….मेरे ख्याल से तुम्हे वहाँ एक बार जाना चाहिए….
उसके बाद में राजेश से विदा लेकर कोठे की तरफ बढ़ जाता हूँ….
फिर उसके बाद नीरा मुझे पर झपट पड़ती है और मेरे पूरे चेहरे पर अपने होंठों से निशान बना देती है….और फिर लास्ट में मेरे नीचे वाले होंठ पर एक हल्का सा बाइट कर के कहती है ….
नीरा–गुड मोर्निंग जान….
और में भी कस कर उसे अपने गले से लगा लेता हूँ….उसके बाद में उसे बाहर जाने को कहता हूँ और बाथरूम में घुस जाता हूँ….
नीरा का इस तरह मेरा ख्याल रखना मुझे काफ़ी अच्छा लग रहा था….में जल्दी जल्दी फ्रेश हो कर बाहर निकल कर आ गया….बाहर सभी हॉल में बैठ कर मेरा वेट कर रहे थे नाश्ते के लिए….
कोमल–भैया क्या बात है आज कल कॉलेज की खूब छुट्टियाँ मार रहे हो आप….
में–क्यो तेरा भी स्कूल से छुट्टी मारने का मन कर रहा है क्या….
कोमल–स्कूल से छुट्टी मारने का तो नही लेकिन कहीं घूमने जाने का ज़रूर मन कर रहा है…..
में–में एक बार ये काम निपटा लूँ उसके बाद नेक्स्ट वीक हम 4 दिनो के लिए कहीं बाहर चलेंगे….
कोमल–पक्का ना भैया…..
दिखसा–अब उनसे क्या लिख कर लेगी….चुप चाप खाना खा और स्कूल जाने की तैयारी कर….
मम्मी–अरे दीक्षा बेटा बोलने दे उसे वो अपने भाई को ही बोल रही है कोई दूसरा बाहर वाला नही है….
कोमल–बड़ी मम्मी दीदी हमेशा मुझे डाँटती रहती है…
मम्मी–क्या बात है दीक्षा कुछ दिनो से तेरा बर्ताव क्यो बदला हुआ है….
दीक्षा–कुछ नही बड़ी मम्मी.. मम्मी पापा ने गाँव जा कर एक बार भी हमसे फोन करके बात नही करी….ऐसा लग रहा है जैसे एक बोझ था उनके सीने पर जिसे वो इस घर में छोड़ कर चले गये है….ये कहते कहते दीक्षा की आँखो में आँसू आ गये…और मम्मी ने वहाँ से उठ कर दीक्षा के माथे को अपने सीने में दबा लिया….
मम्मी–ऐसा नही बोलते दीक्षा …तुम उनके लिए बोझ नही हो….वो बस तुम्हारी पढ़ाई में डिस्टर्ब ना हो इसलिए तुम्हे फोन नही कर रहे होंगे….तू कॉलेज से आजा उसके बाद तुम दोनो बहनो के साथ तेरे माँ बाप की मिल कर क्लास लगाएँगे….
उसके बाद वो सब कार में बैठ कर अपने अपने स्कूल कॉलेज की तरफ रवाना हो गये….
और में वही बैठा बैठा अख़बार पढ़ने लग गया….इसी तरह टाइम पास करते करते 10 बज गये तभी मेरे पास राजेश का फोन आ गया….
रहेश–जय रेडी हो गये ना….
में–हाँ राजेश भाई में बस आपके फोन का ही वेट कर रहा था….बोलिए कहाँ मिलेंगे आप…में अपनी कार लेकर वही आ जाता हूँ….
राजेश–ठीक है तुम मुझे ऑफीस के बाहर से ही पिक कर लो 11.15 की फ्लाइट है ज़्यादा देर मत करना….
में–में बस निकल ही रहा हूँ….10.30 आपके पास पहुँच जाउन्गा….
राजेश–ठीक है आ जाओ अब में फोन रखता हूँ….
उसके बाद में फोन अपनी जीन्स में डालकर एक छोटे से ट्रॅवेल बेग में कुछ ज़रूरी सामान भर लेता हूँ….और मम्मी से कहता हूँ जुगल किशोर अंकल की दुकान से कोई आएगा उन्हे वो बॉक्स दे देना….
मम्मी–ठीक है में वो दे दूँगी लेकिन तेरे दिमाग़ में चल क्या रहा है बताएगा मुझे….
में–बहुत जल्दी इस घर में खुशिया आने वाली है….बस मुझे थोड़ा वक़्त और दे दो….उसके बाद में सब कुछ ठीक कर दूँगा….
मम्मी–ठीक है जा जहाँ जाना है….लेकिन अपना ख्याल रखना….
में उसके बाद वहाँ से निकल कर सीधा राजेश के ऑफीस की तरफ बढ़ जाता हूँ वहाँ मुझे राजेश बाहर ही नज़र आजाता है….
उसके बाद हम तेज़ी से एरपोर्ट की तरफ बढ़ जाते है….
हम लोग वाराणसी एरपोर्ट पहुँच गये थे…वहाँ से हमे एक कार लेकर 2 घंटे के सफ़र पर निकलना था….मैने शमा को फोन करके यहाँ पहुँचने के बारे में बता दिया….उसकी आवाज़ से घबराहट काफ़ी सॉफ दिखाई पड़ रही थी….
शमा से बात करने के बाद हम लोग एक पोलीस हेडक्वॉर्टर में पहुँचे जहाँ राजेश ने कुछ मालूमात करी…
राजेश–जय भाई मामला बड़ा गंभीर है….यहाँ कुछ धर्म के ठेकेदार है जो वेश्याव्रती को सही मानते है….और ये लोग पोलिटिकली भी काफ़ी साउंड है….हमे कुछ और ही करना होगा….
में–क्या करना होगा राजेश भाई…
राजेश–तुम्हे शमा को यहाँ से खरीद कर ही ले जाना होगा….अगर में यहाँ पुलिस के साथ रेड डालता हूँ उसमें किसी को चोट भी पहुँच सकती है….और दूसरी बात ये काम बिना मीडीया के पासिबल भी नही है….और अगर मीडीया इस काम में एंवोल्व हो गयी तो तुम खुद समझ सकते हो तुम्हारे परिवार की कितनी बदनामी होगी….
में–बात तो सही है राजेश भाई….मेरे दिमाग़ में एक प्लान है अगर आप सुनना चाहे तो….
राजेश–अगर वासत्व में कोई सेफ प्लान है तो में ज़रूर सुनना चाहूँगा….
में–हमारा सब से पहला मकसद शमा को यहाँ से कोई भी कीमत देकर निकालना है….हम लोगो के निकलने के बाद अगर आप….यहाँ रेड कर दे तो शमा भी बच जाएगी और काफ़ी सारी लड़कियो की जिंदगी भी बच जाएगी….
राजेश–मेरे दिमाग़ में भी यही चल रहा है जय….
रेड के टाइम तुम्हारे दिए हुए पैसे भी बरामद हो जाएँगे….लेकिन रेड से पहले में तुम्हारे साथ उस कोठे पर नही जा सकता….
में–हम लोग जैसे ही वहाँ से निकलेंगे आपको इनफॉर्म कर देंगे आप हमारे वहाँ से निकलते ही कोठे पर रेड कर देना….
राजेश–ठीक है जय अभी….7 बज रहे है और वहाँ का महॉल भी रंगीन हो रखा होगा….मेरे ख्याल से तुम्हे वहाँ एक बार जाना चाहिए….
उसके बाद में राजेश से विदा लेकर कोठे की तरफ बढ़ जाता हूँ….
उस गली में एक अलग सी खुश्बू एक अलग सी मादकता का अहसास मुझे उस गली में घुसते ही हो गया….सड़क पर काफ़ी चहल पहल थी….लड़किया बाहर खड़ी हो कर ग्राहको का वेट कर रही थी….कुछ लड़कियो ने मुझे भी घेर लिया लेकिन मैने उनसे ये कह कर पीछा छुड़ाया कि में यहाँ किसी और काम से आया हूँ….और उसके बाद मैने उनसे ही शमा वाला अड्रेस भी पूछ ही लिया….
में सीधा चलता हुआ एक पतली सी गली में घुस गया….उसके बाद कुछ सीढ़िया चढ़कर एक हॉल में पहुँच गया….वाहन काफ़ी ज़्यादा सजावट करी गयी थी….खूबसूरत झामर…और कालीन उस हॉल की शोभा बढ़ा रहे थे….वहाँ साइड में कुछ गद्दे और मसंद भी रखे हुए थे….जो शाआद मेहमानो के बैठने के लिए रखे हुए थे….एक साइड में कुछ वध्य यंत्र भी रखे हुए थे तबला सारंगी सहनाई….
मेरे दिल की धड़कने मेरे पसलियो पर लगातार हथौड़े मारे जा रही थी…मेरे माथे पर घबराहट की वजह से पसीने की कुछ बूंदे भी आ गयी थी….तभी एक हाथ मुझे मेरे कंधे पर महसूस हुआ….
में हड़बड़ा कर पीछे देखता हूँ तो वहाँ एक सुंदर लड़की घाघरा चोली में खड़ी हुई मुझे देखे जा रही थी….
लड़की–क्या हुआ बाबूजी किसे ढूँढ रहे है आप यहाँ….इस कोठे की शान ही ऐसी है कि कोई भी यहाँ बेचैन हो जाता है….क्या में आपकी मदद कर सकती हूँ….
में–क्या कामली बाई का कोठा यही है….
लड़की–आप बिल्कुल सही जगह आए है बाबूजी…आप इस वक़्त कामली बाई के कोठे पर ही खड़े है…..
में–मुझे कामली बाई से मिलना था….किसी बारे में उनसे बात करनी थी….
लड़की–आप मुझे बता दीजिए आपको उन से क्या काम है….में आपका संदेशा उन तक पहुँचा दूँगी…..
में–मैने सुना है यहाँ नथ उतरने की रसम होने वाली है….में उसी रसम में बोली लगाने के लिए आया हूँ….
लड़की–बाबूजी उस रसम में तो अभी काफ़ी वक़्त है…..लेकिन फिर भी आप का संदेश में कामली बाई तक पहुँचा देती हूँ…..आप मेरे साथ आइए में आपको मेहमानो के कमरे में ले चलती हूँ…उसके बाद में कामली बाई को आपके बारे मे बता दूँगी…..
उसके बाद वो.मुझे एक खूबसूरत रूम में ले आती है जहा चार कुर्सिया और एक एक शानदार लकड़ी की टेबल रखी हुई थी….एक छोटा सा मिनी बार भी उस कमरे में बना हुआ था…
में वहाँ एक कुर्सी पर शालीनता के साथ जा बैठा….कुछ देर इंतजार करने के बाद वो लड़की फिर से आ गई और वहाँ बने मिनी बार की तरफ बढ़ गयी….
लड़की–बाबूजी आप क्या लेना पसंद करेंगे…
में–जो तुम्हे पसंद हो वो ले आओ….लेकिन कामली बाई ने क्या कहा….
लड़की–कामली बाई बस कुछ ही देर में आपसे मिलने के लिए आरहि है….जब तक आप खुद को शराब से तरोताज़ा कर लीजिए….
में–क्या में तुम्हारा नाम जान सकता हूँ….
लड़की–नज़्म….नज़्म नाम है मेरा बाबूजी….
में–तुम्हे यहाँ कितना समय हो गया नज़्म….
नज़्म–मेरा जनम यही हुआ है…..
में–क्या तुम्हारी भी नाथ उतराई…..
नज़्म–नही बाबूजी अभी उस में वक़्त है….अगले साल मेरा नंबर है….अभी में बस मेहमानो की सेवा करती हूँ..,.और नाचने गाने का अभ्यास करती हूँ…..
में–क्या तुमने पढ़ाई नही करी नज़्म….
नज़्म–जब से होश संभाला मेरे पैरो में घुंघरू पड़ गये…और पढ़ाई करके कौनसा मुझे कही नोकरि करनी थी….मैने जो भी सीखा इसी कोठे की चारदीवारी के भीतर ही सीखा….
तभी दरवाजा खुलने की आवाज़ होती है….और 50 – 55 साल की खूबसूरत औरत मेरे सामने बड़ी अदा से झुक का सलाम करती है..,.में भी तुरंत अपनी जगह से खड़ा हो जाता हूँ….वो कामली बाई थी….
कामली–लगता है आप पहली बार किसी कोठे की शान बढ़ाने निकले है घर से….
में–आपने ठीक पहचाना…..में पहली बार ही किसी कोठे पर आया हूँ….और पहली बार में ही निराश होकर नही जाना चाहता…..
कामली–अरे जनाब….यहाँ तो लोग अपनी निराशा भगाने के लिए आते है….में पहला शक्श देख रही हूँ जो यहाँ से निराश हो कर जाने की बात कर रहा है….
में–शायद मुझे यहाँ कुछ दिन बाद आना चाहिए था….लेकिन कुछ दिनो बाद में हमेशा के लिए भारत छोड़ कर जा रहा हूँ….में एक शादी शुदा मर्द हूँ….लेकिन मेरी बीवी माँ नही बन पा रही है….उसके कहने पर ही में आपके यहाँ से लड़की खरीदने आया हूँ….
कामली–माँ ना बन पाने का दर्द एक लड़की से सब कुछ करवा देता है….क्या में जान सकती हूँ आप की पत्नी माँ क्यो नही बन सकती…..
में–मेरी पत्नी की बच्चेदानी कमजोर है….अगर हम बच्चा करने की कोशिश भी करेंगे तो उसकी जान को ख्तरा भी हो सकता है….इसीलिए में आपके पास आया हूँ….,
कामली–क्या आपकी पत्नी एक सोतन बर्दास्त कर लेगी….
में–जैसा कि आपने बोला एक लड़की माँ बनने के लिए कुछ भी कर जाती है….शायद इसीलिए वो ये सब बर्दाश्त करने के लिए तैयार है….
कामली–लेकिन जनाब रस्म होने मे अभी वक़्त है…और वक़्त से पहले…..आपको कैसे में लड़की दे सकती हूँ…..
में–तो इसका मतलब जो कभी नही हुआ वो आज होगा….
कामली–आपका मतलब नही समझी में….
में अपना बना हुआ पेग एक ही साँस में ख़तम करता हूँ और वहाँ से उठ कर बोलता हूँ…
में–आज पहली बार आपके इस कोठे से कोई निराश होकर जा रहा है….
कामली ने तुरंत मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे बिठाते हुए बोली….
कामली–जनाब ये कोठा 300 साल पुराना है….आपके यहाँ से निराश होकर जाते हे….इसके 300 साल से बने हुए दबदबे पर बट्टा लग जाएगा…..मुझे थोड़ा सोचने का समय दीजिए….तब तक आप कुछ और जाम नोश फरमाइए….
उसके बाद कामली वहाँ से उठ कर चली जाती है….और तब तक नज़्म मेरे लिए एक जाम और भर देती है….
नज़्म– क्या आपकी पत्नी बहुत खूबसूरत है……
में–वो इतनी खूबसूरत है कि चाँदनी भी शर्मा जाए….वो मेरी जान है….
नज़्म–फिर भी आप एक बच्चे के लिए यहाँ से लड़की ले जा रहे है….
में–बच्चा पैदा करने की ज़िद्द उसी की है नज़्म….में तो बस उसका दर्द कम करना चाहता हुन्न…..
नज़्म–सच में आप एक शानदार मर्द के साथ एक शानदार इंसान भी है वरना कौन अपनी पत्नी को खुश करने के लिए एक कोठे से लड़की खरीद कर ले जाता है….आप चाहते तो दूसरी किसी लड़की से शादी भी कर सकते थे…लेकिन ऐसा करना आपका आपकी पत्नी के लिए धोखा होता…मैने यहाँ जिस्मो को नोचने वाले गिद्ध देखे है….लेकिन एक देवता पहली बार देख रही हूँ….
कुछ दे की शांति के बाद कामली फिर से अंदर आजाती है….
कामली–जनाब आप यहाँ से निराश हो कर नही लौटेंगे….बल्कि खुशी खुशी अपने साथ यहाँ की कोई भी लड़की ले जा सकते है…..लेकिन कीमत देने में कोई परेशानी तो नही है ना…,
में–कीमत आप जो चाहे….लेकिन पसंद मेरी अपनी होगी….आप किसी को भी पसंद करने की ज़बरदस्ती मेरे साथ नही कर सकती है…,
कामली–जनाब अगर आप मुँह माँगा पैसा देंगे तो बगैर आपकी पसंद के ऐसे कैसे हम आप के गले से कुछ भी बाँध देंगे….
उसके बाद कामली नज़्म को बाहर भेज देती है और एक एक करके कुछ लड़कियो को अंदर भेजने को कहती है….सब से पहली ही लड़की ग़ज़ब की खूबसूरत उसका नाम सुमन था….
कामली–ये है सुमन…प्यार से हम इसे सुम्मी कहते है…..खूबसूरती के साथ साथ ये गाना गाने में भी माहरी है….
लेकिन में उस लड़की की तरफ एक हल्की सी नज़र ही उठा कर देखता हूँ और अपना जाम पीने लग जाता हूँ….शायड कामली समझ जाती है कि वो मुझे पसंद नही आई है….
और इसके बाद तकरीबन 10 लड़कियाँ और… एक के बाद एक आकर चली जाती है लेकिन में किसी की तरफ़ ज़्यादा तवज्जो नही देता…..
कामली–जनाब आप लड़की खरीदने निकले है या कोहिनूर….
में–कामली बाई में हीरो का खोट एक नज़र में पहचान लेता हूँ….वो चाहे कितना भी चमक ले…. मेरी नज़र से बच नही सकते…अगर आप के पास कुछ और है तो दिखा दो वरना में चला….में अपने साथ लाए हुए बेग में से 500 रुपये की एक गॅडी नज़्म को बुला कर दे देता हूँ….और उठ कर जाने लगता हूँ….
कामली–जनाब आप नाराज़ मत होइए….में तो बस आपको परख रही थी….लेकिन आप तो बिल्कुल पारखी नज़र के मालिक निकले….आगे जो लड़की आने वाली है उसको दिखाने से पहले मेरी एक शर्त है….
में–बोलिए क्या शर्त है आपकी….
कामली–में देखना चाहूँगी आपकी पत्नी कितनी खूबसूरत है….अगली लड़की तभी आपके सामने आएगी जब में तुम्हारी पत्नी और मेरी लड़की की सुंदरता का मिलान कर लूँ….अगर किसी भी तरह आपकी पत्नी मेरी लड़की से कम निकलती है तो तब आप यहाँ से तशरीफ़ ले जा सकते है….क्योकि में वो लड़की ऐसे ही किसी को नही दे दूँगी….
में–मुझे आपकी ये शर्त मंजूर है…लेकिन मेरी भी एक शर्त है….अगर मुझे वो लड़की पसंद आजाती है तो उसके जन्म से लेकर अभी तक का सारा हिसाब किताब चाहिए….वो कहाँ पैदा हुई कैसे आपसे मिली ये सब कुछ….
कामली–लेकिन ये सब जान कर आप क्या करेंगे….आपको लड़की चाहिए आप लड़की ले जाओ बस….
में–में एक परिवार वाला हूँ कामली बाई….मुझे पता होना चाहिए जिसे में अपने साथ ले जा रहा हूँ वो किसी इंसान की पैदाइश है या यहाँ की गंदी नाली की..,.
कामली–ठीक है जनाब….जैसे आपकी मर्ज़ी….क्या आपके पास आपकी पत्नी की कोई तस्वीर है….
में अपने मोबाइल में से नीरा की एक तस्वीर कामली को दिखा देता हूँ…..
कामली–हे मेरे श्याम….इतना खूबसूरत चेहरा….ये तो खुद एक खूबसूरती की देवी है…एक देवी की तुलना दूसरी देवी से करना मेरे बस का नही है….
नज़्म…..शमा को अंदर भेजो….
शमा जैसे ही अंदर आती है में अपनी कुर्सी से उठ कर खड़ा हो जाता हूँ….शमा ने अभी भी अपने होंठो तक अपना घूँघट कर रखा था….एक कसा हुआ कीमती बेस उसने पहना हुआ था उसकी नेट की चुनरी में से उसकी नाभि सूर्य की तरह उदित होती हुई नज़र आरहि थी….
में–तुमसे मिलकर नीरा बहुत खुश होगी….तुम बिल्कुल उसी की तरह सुंदर हो तुम दोनो की सुंदरता का कोई पैमाना नही है…..
कामली बाई मुझे ये लड़की पसंद है.,…
कामली–अरे नज़्म जल्दी से शमा का मुँह मीठा करा और बाकी सारी लड़कियो का भी….और शमा तू इन जनाब का मुँह मीठा कर दे अब से तुझे इन्ही के साथ रहना है….उसके बाद नज़्म एक मिठाई का डिब्बा ले आती है और शमा के हाथो में पकड़ा देती है….शमा धीरे धीरे चलते हुए अपनी नज़ारे नीचे झुकाए मेरे मुँह से वो मिठाई का दुकड़ा लगा देती है….आधा टुकड़ा में खुद खाता हूँ और आधा में शमा को खिला देता हूँ….उसके बाद बाकी सारी लड़किया हँसती हुई शमा को कमरे से बाहर ले जाती है….
कामली–सही में आप एक ज़ोहरी की नज़र रखते है….शमा घूँघट में थी फिर भी आपने उसकी सुंदरता को पहचान लिया….
![अपनों का प्यार या रिश्तों पर कलंक [ ड्रामा + सस्पेंस ] - Pariwarik Chudai Ki Kahani](https://desikahani4u.com/wp-content/uploads/2023/03/अपनों-का-प्यार-या-रिश्तों-पर-कलंक-ड्रामा-सस्पेंस-Pariwarik-Chudai-Ki-Kahani.png)